तीनों आरोपी को साक्ष्य के अभाव में हाई कोर्ट ने किया बरी
14 साल पूर्व 10 दिसंबर 2010 को गोलमुरी में हुए इलेक्ट्रोनिक दुकानदार किरण तिलवानी हत्या हुई थी, 2018 में जमशेदपुर कोर्ट से तीनों आरोपियों की उम्रकैद की सजा सुनायी थी.आरोपी मनीष अग्रवाल और मंटू अग्रवाल उर्फ आलोक अग्रवाल को कोर्ट से जमानत मिलने पर जेल से बाहर है, जबकि घटना के बाद से आरोपी विनोद खत्री जेल में अब तक बंद है.
गोलमुरी इलेक्ट्रॉनिक दुकानदार किरण तिलवानी हत्याकांड जमशेदपुर. झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस आनंदा सेन और जस्टिस सुभाष चंद्रा की खंडपीठ ने मंगलवार को किरण तिलवानी हत्याकांड में तीनों आरोपियों को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में बरी किया. हाइकोर्ट में बचाव पक्ष की ओर अधिवक्ता अमित कुमार ने पक्ष रखा. गौरतलब हो कि 14 साल पूर्व 10 दिसंबर 2010 को गोलमुरी में हुए इलेक्ट्रॉनिक दुकानदार किरण तिलवानी हत्या हुई थी. हत्याकांड के बाद चार मई 2018 को जमशेदपुर एडीजे-4 कोर्ट ने विनोद खत्री, मनीष अग्रवाल, मंटू अग्रवाल उर्फ आलोक अग्रवाल को उम्रकैद की सजा सुनायी थी. वहीं जिला कोर्ट के फैसले के खिलाफ झारखंड हाइकोर्ट में क्रिमिनल अपील दाखिल की गयी थी. इसमें इस हत्याकांड की क्रिमिनल अपील की सुनवाई करने के बाद गत 2 अप्रैल 2024 को फैसला सुरक्षित रख लिया.इसमें मंगलवार को हाइकोर्ट ने हत्याकांड में बचाव पक्ष की ओर से दाखिल क्रिमिनल अपील दाखिल की.इसे हाईकोर्ट ने स्वीकार किया.आरोपी मनीष अग्रवाल और मंटू अग्रवाल को कोर्ट से जमानत मिलने पर जेल से बाहर है, जबकि घटना के बाद से आरोपी विनोद खत्री घाघीडीह सेंट्रल जेल में अब तक बंद है.