झारखंड: 16 साल में योजना राशि 33.36 से बढ़कर हो गई 78 करोड़ रुपये, जानें पूरा मामला

जमशेदपुर में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट बनाने की योजना वर्ष 2007 से प्रस्तावित है. साल 2009 में ट्रीटमेंट प्लांट बनाने को मंजूरी मिली थी. इसका डीपीआर 33 करोड़ 36 लाख रुपये था. अब नये सिरे से तैयार योजना के डीपीआर में लागत बढ़कर 78 करोड़ रुपये पहुंच चुकी है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 12, 2023 12:00 PM

Jamshedpur News: गोविंदपुर के खैरबनी गांव स्थित सामूटोला में 40 एकड़ पर प्रस्तावित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट (कचरा प्लांट) योजना 16 साल बाद भी जमीन पर नहीं उतर सकी है. शहर में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट बनाने की योजना वर्ष 2007 से प्रस्तावित है. साल 2009 में ट्रीटमेंट प्लांट बनाने को मंजूरी मिली थी. इसका डीपीआर 33 करोड़ 36 लाख रुपये था. अब नये सिरे से तैयार योजना के डीपीआर में लागत बढ़कर 78 करोड़ रुपये पहुंच चुकी है. इस साल मई में जमशेदपुर अक्षेस की जगह योजना की नोडल एजेंसी आदित्यपुर नगर निगम को बनाया गया. प्रशासक इसके नोडल ऑफिसर बनाये गये. मई में एग्रीमेंट के बाद प्रस्तावित स्थल का डिमार्केशन व निर्माण का काम आगे नहीं बढ़ सका.

साल 2013 में सरकार ने रद्द कर दी थी योजना

पूर्व में खैरबनी में कचरा प्लांट की प्रस्तावित योजना को वर्ष 2013 में सरकार ने रद्द कर दिया. नगर विकास विभाग ने प्लांट का नये सिरे से दोबारा डीपीआर तैयार करने का आदेश दिया. डीपीआर तैयार करने का टेंडर आइके वर्ल्ड वाइड को मिला. आइके वर्ल्ड वाइड कंसल्टेंट एजेंसी ने लगभग 78 करोड़ की लागत से प्रस्ताव तैयार किया,लेकिन योजना धरातल पर उतर नहीं सकी.

विरोध एवं विवाद के कारण 2012 में एजेंसी ने छोड़ दिया काम

साल 2010 में खैरबनी में जमीन चिह्नित होने के बाद टेंडर हुआ. लगभग 33.11 करोड़ रुपये मंजूर भी हो गये. नौ करोड़ की राशि जमशेदपुर अक्षेस को मिली. साल 2012 में सुभाष मार्केटिंग प्रोजेक्ट लिमिटेड (एसएमपीएल) दिल्ली की ठेका कंपनी ने खैरबनी में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का निर्माण शुरू किया. विरोध एवं विवाद के कारण कार्यकारी एजेंसी ने काम बंद कर दिया.

अब 78 करोड़ से बनना है प्लांट

प्रस्तावित खैरबनी प्लांट अब 78 करोड़ की लागत से बनना है. तीन एजेंसी क्यू बायो एनर्जी, सुकेंदा इन्फोटेक और एमएसजीपी इंफ्रा काम कर रही हैं. प्लांट का प्रबंधन क्यूब आदित्यपुर वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड को मिला है. समझौते के तहत 20 वर्षो तक एजेंसी को प्लांट का रख रखाव करना है. प्लांट स्थापित होने से आदित्यपुर नगर निगम के अलावा जेएनएसी, मानगो नगर निगम, जुगसलाई नगर परिषद और कपाली नगर परिषद को लाभ मिलेगा.

हर दिन निकलता है 387.98 टन कचरा

जमशेदपुर अक्षेस, टाटा स्टील और मानगो नगर निगम की ओर से कचरा डंपिंग करने की एक साइट मरीन ड्राइव का इलाका है. जमशेदपुर के शहरी एरिया से रोजाना तकरीबन 387.98 मीट्रिक टन कचरा निकलता है. प्रति व्यक्ति औसतन 0.59 किलोग्राम कचरा निकलता है. कचरा निष्पादन की ठोस व्यवस्था नहीं होने से स्थिति भयावह हो जाती है. सरकारी सिस्टम पूरी तरह फेल होने से खैरबनी में अबतक कचरा प्लांट नहीं लगाया जा सका.

नगर निकायों के पास डिस्पोजल का कोई इंतजाम नहीं

स्टील, ग्रीन और क्लीन सिटी के नाम से विख्यात जमशेदपुर आज कचरा प्रबंधन के अभाव में नारकीय स्थिति में है. कुछेक प्रयासों को छोड़ दिया जाये, तो टाटा कमांड एरिया, जमशेदपुर अक्षेस, मानगो अक्षेस या जुगसलाई नगरपालिका क्षेत्र में सॉलिड वेस्ट (कचरा) डिस्पोजल का कोई इंतजाम नहीं है.

एजेंसी ने सौंपा एक्शन प्लान, नगर निकायों की बैठक आज

मंगलवार को आदित्यपुर नगर निगम में पांचों नगर निकायों की बैठक रखी गयी है. बैठक 12 बजे से होगी. बैठक में एजेंसी की ओर से सौंपे गये एक्शन प्लान पर चर्चा की जायेगी. इसके अलावा भूमि पर अतिक्रमण हटाने को लेकर विचार विमर्श होगा.

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