उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री एनएच पर एक निर्माणाधीन सुरंग के ढहे हिस्से में झारखंड के 15 मजदूर फंसे हैं. इनमें पूर्वी सिंहभूम के डुमरिया प्रखंड के छह, चक्रधरपुर का एक, रांची ओरमांझी के खीराबेड़ा के तीन और गिरिडीह के दो मजदूर शामिल हैं. पूर्वी सिंहभूम जिले के डुमरिया प्रखंड के मानिकपुर, कुंडालुका, बांकीशोल गांवों के छह परिवार की दिवाली दहशत में गुजरी. सभी के परिजन उनकी सलामती के लिए प्रार्थना कर रहे हैं. टनल में फंसे रविंद्र नायक (मानिकपुर गांव निवासी) के चाचा प्रफुल्ल नायक ने बताया कि तीन माह पहले उत्तरकाशी काम करने गया था. टनल धंसने की सूचना सोमवार को मिली. कुछ दिन पहले वहां से 22 मजदूर डुमरिया लौटे हैं. डुमरिया से लगभग 40 मजदूर काम करने गये थे. परिजनों का कहना है कि हमें भगवान पर पूरा भरोसा है. सभी सही सलामत घर लौटेंगे. दूसरी ओर रांची के ओरमांझी प्रखंड के खीराबेड़ा गांव के आठ मजदूर दो नवंबर को उत्तराखंड काम करने गये थे. इनमें तीन सुरंग में फंसे हैं, जबकि पांच सुरक्षित हैं.
घटना पर सीएम की नजर, मदद के लिए पहुंची टीम
सुरंग में फंसे झारखंड के श्रमिकों की सहायता प्रदान करने के लिए तीन सदस्यीय टीम उत्तराखंड पहुंच गई है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर तत्काल श्रम विभाग की ओर से टीम भेजी गयी है. टीम में जैप आइटी के सीइओ भुनेश प्रताप सिंह, ज्वाइंट लेबर कमिश्नर राजेश प्रसाद एवं ज्वाइंट लेबर कमिश्नर प्रदीप रॉबर्ट लकड़ा शामिल हैं. इन अधिकारियों को टनल में फंसे श्रमिकों को सहायता प्रदान करने और घटनास्थल की अद्यतन स्थिति की रिपोर्ट दूरभाष पर देने का निर्देश दिया गया है.
चक्रधरपुर और डुमरिया के टनल में फंसे श्रमिक
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गुणाधर नायक (22), ईचाडीह टोला, मानिकपुर
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रंजीत लोहार, ईचाडीह टोला, मानिकपुर (डुमरिया)
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रवींद्र नायक, ईचाडीह टोला, मानिकपुर (डुमरिया)
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समीर नायक, बांकीशोल
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भक्तू मुर्मू, कुंडालुका
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टिंकू कुमार, डुमरिया
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महादेव नायक चेलाबेड़ा, चक्रधरपुर