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जमशेदपुर सीट पर भाजपा लगा चुकी है जीत की डबल हैट्रिक, विद्युत जीते तो तीसरी बार पहुंचेंगे संसद

जमशेदपुर: जमशेदपुर सीट पर अब तक 18 बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं. इनमें सबसे अधिक (छह बार) भाजपा ने यहां से जीत दर्ज की है, जबकि कांग्रेस व झामुमो ने चार-चार, सीपीआइ, बीएलडी, जनता पार्टी व भोजोहरि महतो ने एक-एक बार जीत हासिल की है. भाजपा ने इस सीट पर जीत दर्ज करने के लिए समय-समय पर कई प्रयोग किये हैं. इनमें वर्ष 1996 में महाभारत सीरियल में भगवान श्रीकृष्ण का किरदार निभाने वाले नीतीश भारद्वाज को प्रत्याशी बनाया. नीतीश भारद्वाज ने संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार रहे बिहार जनता दल के कद्दावर नेता सह तत्कालीन मंत्री इंदर सिंह नामधारी को 95,650 मतों से पराजित किया था.

विद्युत जीते तो होगी भाजपा की लगातार चौथी जीत

जमशेदपुर में भाजपा लगातार दो बार हैट्रिक (1996, 1998, 1999 और 2009, 2014 व 2019) लगा चुकी है. 1996 में नीतीश भारद्वाज, 1998 व 99 में आभा महतो, 2009 में अर्जुन मुंडा, 2014 तथा 2019 में विद्युत वरण महतो ने जीत हासिल की. व्यक्तिगत तौर पर रुद्र प्रताप षाड़ंगी (1977-80), शैलेंद्र महतो (1989-91), आभा महतो (1998-99) और विद्युत वरण महतो (2014-2019) ऐसे जनप्रतिनिधि हैं, जिन्होंने दो-दो बार जीत हासिल की. भाजपा से फिर विद्युत वरण महतो प्रत्याशी बनाये गये हैं. अगर वे जीत दर्ज करते हैं, तो वे पहले प्रत्याशी होंगे जो इस सीट से हैट्रिक लगायेंगे. साथ ही चौथी बार लगातार भाजपा की झोली में यह सीट जायेगी.

जमशेदपुर में लगातार दो बार से अधिक कोई प्रत्याशी नहीं जीता

जमशेदपुर लोकसभा सीट पूर्वी सिंहभूम जिले में है, जो पश्चिम बंगाल और ओडिशा की सीमा तक फैली है. इस क्षेत्र की खासियत है कि अब तक लगातार दो बार से अधिक कोई प्रत्याशी चुनाव नहीं जीता है. वर्ष 1952 के चुनाव में इस सीट का नाम मानभूम साउथ लोकसभा था. पहले चुनाव में भजोहरि महतो ने कांग्रेस प्रत्याशी माइकल जॉन को पराजित कर सांसद के रूप में अपना नाम दर्ज कराया था. 1957 के दूसरे चुनाव में जमशेदपुर लोकसभा सीट अस्तित्व में आयी, जिसमें कांग्रेस प्रत्याशी एमके घोष ने जीत हासिल की. इस सीट से सर्वाधिक छह बार भाजपा ने जीत हासिल की. इसके बाद कांग्रेस और झामुमो का दबदबा रहा. 1984 में इंदिरा गांधी की लहर के बाद 40 साल के अंतराल में कांग्रेस अपना खाता यहां से नहीं खोल पायी.

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जातिगत समीकरण में आदिवासी, ओड़िया, कुड़मी, मुस्लिम वोटर प्रभावी

जमशेदपुर लोकसभा सीट पर कुड़मी, आदिवासी, ओड़िया, बंगाली और बिहारी वोटर निर्णायक साबित होते हैं. मुस्लिम, छत्तीसगढ़ी, कुशवाहा, यादव जैसी अन्य जाति व समुदायों के वोटरों की भी अहम भूमिका होती है. देखा गया है कि ओड़िया, वैश्य, बिहारी मतदाताओं का रुझान भाजपा प्रत्याशी की तरफ रहता है, जबकि आदिवासी और महतो मतदाता परस्थिति के अनुसार वोट तय करते हैं. कुड़मी जाति इनका बड़ा वोट बैंक है, जिसका झुकाव अब तक भाजपा की ओर रहा है. किसी अन्य दल में कोई मजबूत कुड़मी प्रत्याशी खड़ा होने पर इनके अधिकतर वोट उनके पक्ष में चले जाते हैं. खास कर झामुमो ने जब भी कुड़मी प्रत्याशी मैदान में उतारा, तब उसे सफलता हासिल हुई है. आदिवासियों एवं मुसलमानों के अधिकतर वोट गैर-भाजपाई दल या गठजोड़ के साथ होते हैं.

रेल सुविधा व हवाई कनेक्टिविटी होंगे प्रमुख मुद्दे

2024 के चुनाव में जमशेदपुर की जनता के अपने मुद्दे अहम होंगे. इनमें जमशेदपुर में कानून-व्यवस्था की स्थिति व  बेरोजगारी प्रमुख है. बेरोजगारी के कारण यहां पलायन बढ़ रहा है. जमशेदपुर के जागरूक मतदाताओं का मानना है कि कानून व्यवस्था को यहां का चुनावी मुद्दा बनना चाहिए. जमशेदपुर में चिकित्सा सुविधा और उच्च शिक्षण संस्थान की कमी को भी स्थानीय मतदाता बड़ी समस्या मानते हैं. अस्पतालों में डॉक्टर और सुविधाओं की भारी कमी है. 12वीं के बाद जमशेदपुर में उच्च शिक्षण संस्थान नहीं है. एक बार युवा बाहर का रुख करते हैं, तो वह लौट कर जमशेदपुर आना नहीं चाहते हैं. कनेक्टिविटी के मामले में जमशेदपुर की स्थिति बेहतर नहीं है. टाटानगर से अमृतसर, जम्मू, पटना, दुर्ग, कोलकाता के लिए गिनती की ट्रेनें हैं, जबकि यहां से देश के विभिन्न राज्यों के लिए कई ट्रेनें गुजरती हैं, जिसके कारण जमशेदपुर के यात्रियों को टिकटों के लिए काफी परेशानी होती है. धालभूम हवाई अड्डा के निर्माण के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यकाल में आधारशिला रखी गयी थी. भूमि पूजन भी हुआ, लेकिन उनके बाद झारखंड सरकार ने इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया. इतना नहीं एक रिपोर्ट बना कर भेज दी गयी कि जिस स्थान को हवाई अड्डा क्षेत्र के लिए चुना गया है, वहां हाथी विचरण करते हैं. इसके बाद इस परियोजना को रद्द कर रही सही कसर केंद्र सरकार ने पूरी कर दी.

अबकी बार 400 पार नारे के साथ खड़े हैं जमशेदपुर के कार्यकर्ता : विद्युत वरण

जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो ने कहा कि अबकी बार 400 के पार का नारा पीएम मोदी का है, इसको लेकर हर  कार्यकर्ता पूरी ताकत के साथ केंद्र में तीसरी बार पीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार बनाने के लिए संकल्पित हैं. सांसद ने कहा कि मोदी सरकार के नेतृत्व में जमशेदपुर के रेल क्षेत्र को कई बेहतर सुविधाएं हासिल हुईं. टाटा से बादाम पहाड़ स्टेशन मेन लाइन में जुड़ गया. टाटा से कई जगहों के लिए नयी ट्रेनों का आवागमन शुरू किया गया. टाटानगर स्टेशन को अमृत स्टेशन में शामिल किया गया. जुगसलाई आरओबी बनाकर वर्षों पुरानी समस्या का समाधान किया गया. पूर्वी सिंहभूम के नक्सल प्रभावित रहे इलाकों में सड़कों का जाल बिछाया गया. जिला मुख्यालय से सुदूर गांव को जोड़ा गया, ताकि सड़क मार्ग से आनेवालों को किसी तरह की परेशानियों सामना नहीं करना पड़े. हर छोटी-बड़ी समस्या को उन्होंने सदन में उठाया. लोकसभा के इस सत्र में 632 सवाल पूछे. सदन में जमशेदपुर की आवाज को बुलंद करने के लिए उन्हें संसद रत्न व महारत्न सम्मान से नवाजा गया. घाटशिला-जादूगोड़ा की माइंस का मामला उठाया, मजदूरों को रोजगार मिले, इसको लेकर बंद पड़ी माइंस को खुलवाया. पारडीह से बहरागोड़ा एनएच का काम पूरा कराने को लेकर वे लगातार केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के संपर्क में रहे. साथ ही अब जमशेदपुर में पारडीह से बालीगुमा के बीच पहला फ्लाइओवर डबल डेकर के रूप में बनेगा.

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