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झारखंड की इन दो वीरांगनाओं के ‘पद्मश्री व गोल्ड मेडल’ ढूंढने में पुलिस नाकाम, सालों पहले हो गयी थी चोरी

पद्मश्री अवॉर्डी प्रेमलता अग्रवाल के पद्मश्री को चोरी हुए तीन साल हो गये, लेकिन पुलिस आज तक आश्वासन देने के सिवा और कुछ नहीं कर पायी है. यहीं स्थिति अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज अरुणा मिश्रा की है

खिलाड़ियों का सपना होता है नेशनल, वर्ल्ड, पद्मश्री अवॉर्ड जीतना. वर्षों कड़ी मेहनत के बाद जब यह मुकाम हासिल होता है, तो खिलाड़ियों के चेहरे खिल उठते हैं. उनके साथ शहर, राज्य और देश खुद को गौरवान्वित महसूस करता है. लेकिन जब ये अवॉर्ड चोरी हो जाये और वर्षों बाद भी हमारी हाइकेट पुलिस उसे बरामद नहीं कर सके, तो पुलिसिंग पर सवाल उठना लाजिमी है.

शहर और देश को अपनी उपलब्धि से गर्व कराने वाली पर्वतारोही पद्मश्री अवॉर्डी प्रेमलता अग्रवाल के पद्मश्री को चोरी हुए तीन साल हो गये, लेकिन पुलिस आज तक आश्वासन देने के सिवा और कुछ नहीं कर पायी है. यहीं स्थिति अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज अरुणा मिश्रा की है. चोरों ने पांच साल पहले कई नेशनल और इंटरनेशनल मेडल चोरी कर लिये.

शिकायत के बाद भी पुलिस आज तक बरामद नहीं कर पायी है. वारदात के बाद पुलिस ने दावा किया था कि चोरों को पकड़ कर अवॉर्ड बरामद कर लिया जायेगा, लेकिन पुलिस आज तक न चोरों को पकड़ पायी और न ही अवॉर्ड बरामद कर पायी. दोनों ही वीरांगनाओं को अफसोस है कि पुलिस उनके चोरी हुए अवॉर्ड को अबतक बरामद नहीं कर सकी है. अरुणा मिश्रा वर्तमान में जमशेदपुर रेल अंचल में इंस्पेक्टर हैं.

एसएसपी व थाना प्रभारी भी बदल गये, पर पद्मश्री अवॉर्ड नहीं बरामद कर पायी पुलिस

एवरेस्ट फतह करने वाली शहर की पर्वतारोही प्रेमलता अग्रवाल को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 2013 में पद्मश्री से सम्मानित किया था. लेकिन, 14 जून, 2020 को उनके कदमा केडी फ्लैट स्थित आवास से पद्मश्री अवॉर्ड समेत चांदी के 15 सिक्के, कंप्यूटर के दो हार्ड डिस्क, 20 हजार रुपये नगद समेत लाखों रुपये के सामान की चोरी हो गयी थी.

प्रेमलता अग्रवाल के पति विमल अग्रवाल ने बताया कि चोरी की घटना के बाद तत्कालीन एसएसपी अनूप बिरथरे, थाना प्रभारी समेत सभी केस की जांच करने घर आये थे. उन्होंने दावा किया था कि 24 घंटे के अंदर चोरों को पकड़ कर अवॉर्ड को बरामद कर लिया जायेगा. लेकिन अफसोस है कि अबतक कुछ भी बरामद नहीं हुआ. एसएसपी और थाना प्रभारी बदल गये, लेकिन अवॉर्ड नहीं मिला. पद्मश्री अवॉर्ड किसी के जीवन के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है. आज भी हमें इसका दुख है कि चोरी हुआ अवॉर्ड हमें पुलिस वापस नहीं दिला सकी.

पांच साल पहले हो गयी थी चोरी, अब तक मेडल नहीं मिलने का दु:ख सताता है : अरुणा मिश्रा

मार्च, 2018 को अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज और वर्तमान में जीआरपी इंस्पेक्टर अरुणा मिश्रा के एग्रिको क्रॉस रोड 10 के क्वार्टर नंबर एल 4-13 से दिनदहाड़े चार गोल्ड मेडल, लैपटॉप, टैब, डेढ़ लाख रुपये नकद, आभूषण समेत 15 लाख की चोरी हुई थी. चोरी दिन के तीन से साढ़े तीन बजे के बीच हुई थी. अरुणा मिश्रा अपने कार्यालय विदेशी शाखा गयी थी. लौटने पर पाया कि घर में रखा सारे मेडल, अवॉर्ड समेत अन्य सामान चोरी हो गयी है.

उसने सिदगोड़ा थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी. पुलिस ने खोजी कुत्ते का सहारा लिया. पुलिस ने मामले में दो युवक समेत एक नाबालिग और एक आभूषण विक्रेता को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार युवकों के पास से पुलिस ने चोरी के कुछ गहनों के अलावा टैब और लैपटॉप बरामद किये. लेकिन चोरी हुए गोल्ड मेडल और अवॉर्ड पुलिस बरामद नहीं कर सकी. अरुणा मिश्रा ने बताया कि मेडल के लिए वर्षों कड़ी मेहनत की, लेकिन एक पल में चोरों ने सब मेहनत पर पानी फेर दिया. पांच वर्ष बाद भी पुलिस मेडल का पता नहीं लगा सकी. मेडल नही मिलने का दुख अभी भी सताता है.

अब तक चल रही जांच

प्रेमलता अग्रवाल के घर से पद्मश्री अवॉर्ड की चोरी मामले की जांच चल रही है. अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो हुई है और ना ही चोरी का सामान ही बरामद हुआ है.

अशोक कुमार राम, थाना प्रभारी, कदमा

बरामद नहीं हुए मेडल

चोरी मामले में कुछ लोगों को पकड़ कर जेल भेजा गया था. हालांकि मेडल बरामद नहीं हो सका था. केस की वर्तमान स्थिति की जानकारी नहीं है.

रंजीत कुमार, थाना प्रभारी, सिदगोड़ा

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