Jharkhand Mini Lockdown Impact (संजीव भारद्वाज, जमशेदपुर, पूर्वी सिंहभूम) : कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर को नियंत्रित करने के लिए मिनी लॉकडाउन (स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह) के कारण 65 दिनों से जमशेदपुर की कपड़ा दुकानों में ताला लटका हुआ है. इससे कपड़ा व्यवसाय को करीब 500 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ है, वहीं करीब 100 करोड़ रुपये का नुकसान कपड़े के स्टॉक पुराना हो जाने के कारण व्यापारियों को सहना पड़ेगा.
कपड़ा के होलसेल, रेडिमेड या कटपीस किसी तरह का कोई कारोबार सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के कारण नहीं हो पा रहा है. साकची, बिष्टुपुर, जुगसलाई, गोलमुरी और मानगो में कपड़ा दुकानें बंद होने के कारण बाजारों में रौनक नहीं है. जमशेदपुर में 125 से अधिक कपड़ा होल सेल, 15 से अधिक बड़े मॉल और 4500 से अधिक रेडिमेड और रिटेल दुकानों का व्यवसाय पूरी तरह से ठप है.
इधर, कपड़ा व्यवसाय बंद होने से 30 हजार से अधिक परिवार प्रभावित हुए हैं. कारोबारियों के अनुसार, शादी की लगन को लेकर नये डिजाइन और अन्य कपड़ों का स्टॉक मंगाया गया था, लेकिन लॉकडाउन लागू हो जाने के कारण कपड़े दुकान और गोदाम बंद रह गये.
ईद को लेकर काफी नये वस्त्र, तरह-तरह की वैरायटी वाले मंगवाये गये थे, लेकिन किसी की ब्रिकी नहीं हो पायी. यह माल पूरी तरह से रिजेक्ट हो गया है. अनलॉक- 2 में कपड़ा व्यवसाय से जुड़े कारोबारी जिला प्रशासन से राहत की आस लगाये बैठे थे, लेकिन उन्हें इस पर निराशा ही हाथ लगी है.
शादी-विवाह व लगन के कारण बड़ी मात्रा में खरीदारी की गयी थी. कुछ माल का ऑर्डर देकर चले आये थे जो ट्रांसपोर्ट में पड़ा था. इस बीच लॉकडाउन की घोषणा हो गयी. कपड़ों का अत्यधिक भार, स्टाफ का खर्च, दुकान का किराया, बिजली बिल, बैंक से लिये गये ऋण का ब्याज के बाद घर का खर्च उठाना पड़ा रहा है.
लॉकडाउन में बंदी का जबरदस्त असर कपड़ा व्यवसाय पद देखा जा रहा है. कपड़ा बाजार और रेडिमेड की दुकानों को कोरोना संक्रमण से बड़ा झटका लगा है. कपड़ा व्यवसाय से जुड़े व्यवसायियों का कहना है कि 50 फीसदी बिजनेस मार खा चुका है. इससे भारी नुकसान हुआ है.
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सरकार ने कई दुकानों को व्यवसाय करने की छूट दी है. कपड़ा व्यवसायियों को भी सप्ताह में कम से कम 3 दिनों के लिए दुकान खाेलने की अनुमति देनी चाहिए. दुकान बंद रहने के कारण काफी आर्थिक नुकसान के साथ-साथ दुकान और गोदाम में रखा कपड़ा भी खराब होने लगा है. एक दिन के अंतराल पर सप्ताह में 3 दिन दुकानें खोलने का आदेश दिया गया है. जिला प्रशासन कपड़ा दुकानदारों को भी राहत दे.
कपड़ा व्यवसायी अगले छह माह तक इस व्यवसाय में तेजी आने की उम्मीद नहीं कर रहे हैं. अप्रैल-मई महीने में लगन के कारण कपड़े का व्यवसाय इस दौरान सबसे अधिक होता है. ऐसे समय में लॉकडाउन के कारण पूरा व्यवसाय ठप रहा. व्यवसायियों ने लगन और ईद को लेकर कपड़ों का स्टॉक मंगा रखा था, लेकिन लॉकडाउन ने बिजनेस को पूरी तरह से चौपट कर दिया है.
Posted By : Samir Ranjan.