विधायक सरयू राय ने कहा कि सरकार के एक मंत्री अपने परिवार के लाभ के लिए मुख्यमंत्री पर दबाव डालकर संविधान के प्रावधानों के खिलाफ नगर निकायों का चुनाव रोकने की कोशिश कर रहे हैं. 48 नगर निकायों का चुनाव कराने का राज्यपाल से अनुमोदन मिलने के बावजूद साजिश के तहत सरकार ने 48 में से केवल 46 नगर निकायों में ही चुनाव कराने का प्रस्ताव राज्यपाल को भेजा. जिसे अनुमोदन भी मिल चुका है.
विधायक सरयू राय ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इसका कारण बताना चाहिए कि मानगो नगर निगम और जुगसलाई नगर परिषद का चुनाव कराने का प्रस्ताव उन्होंने राज्यपाल के पास अनुमोदन के लिए क्यों नहीं भेजा? ऐसी कौन सी परिस्थिति आ गयी कि दोनों निकायों में चुनाव नहीं कराना राज्य सरकार ने उचित समझा. क्या राज्य सरकार के एक मंत्री अपनी पत्नी को और अपने भाई को इन निकायों से चुनाव लड़ाना चाह रहे थे.
परंतु जिला प्रशासन के प्रयास के बावजूद इनका नाम मानगो नगर निगम की निर्वाचन सूची में प्रकाशित नहीं हो पाया. इस कारण ये लोग न तो वहां से चुनाव लड़ सकते थे और न ही मतदान कर सकते थे. इसलिए मुख्यमंत्री पर दबाव डालकर इन्होंने राज्य निर्वाचन आयोग से भेजी गयी 48 निकायों में निर्वाचन कराने वाली सूची से मानगो ननि और जुगसलाई नप का नाम हटवा दिया. राज्य की सरकार और राज्य के मुख्यमंत्री एक मंत्री के परिवारवाद को प्रोत्साहित एवं लाभांवित करने के लिए संविधान के प्रावधानों का इस तरह गला घोंटेंगे यह सपने में भी नहीं सोचा जा सकता.