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Jharkhand News : झारखंड में एनएच-33 छह लेन को लेकर फ्लाईओवर की जद में आये इतने मकान टूटेंगे, बैठक कल

एनएच-33 छह लेन को लेकर दस वर्ष पहले वर्ष 2010-2011 में इस जमीन का अधिग्रहण हुआ था. वर्ष 2012 में भुगतान भी हुआ, लेकिन मकान नहीं छोड़ा. कई ने नया कंस्ट्रक्शन भी कर लिया है. इस कारण मुआवजा ले लेने पर रैयतों का मकान समेत सभी ढांचे को अवैध घोषित किया गया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 21, 2021 1:39 PM
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Jharkhand News, जमशेदपुर न्यूज (कुमार आनंद) : एनएच 33 छह लेन रोड (डबल डेकर हाइवे) प्रोजेक्ट में कालीमंदिर से लेकर देवघर मौजा कुल सात किलोमीटर लंबे फ्लाई ओवर की जद में 40 मकान-दुकान आये हैं. यह खुलासा सोमवार को मानगो सीओ हरीश मुंडा व एनएचएआइ के अमीन श्यामल व कर्मी के टीम के ज्वाइंट नये सर्वे में हुआ है. ये 40 चिह्नित मकान-दुकान भिलाई पहाड़ी से लेकर देवघर मौजा के बीच अवस्थित हैं. इसमें जमशेदपुर से घाटशिला जाने के ओर में बांयी 35 मकान-दुकान शामिल हैं, जबकि दायीं ओर पांच मकान-दुकान शामिल हैं. उन 40 संरचनाओं को जल्द तोड़ा जायेगा. कल 22 सितंबर को भिलाई पहाड़ी से लेकर देवघर मौजा के बीच 40 मकान-दुकान तोड़ने की कार्रवाई के लिए निर्णय लिया जायेगा.

आपको बता दें कि एनएच 33 छह लेन को लेकर दस वर्ष पहले वर्ष 2010-2011 में इस जमीन का अधिग्रहण हुआ था. वर्ष 2012 में भुगतान भी हुआ, लेकिन मकान नहीं छोड़ा. कई ने नया कंस्ट्रक्शन भी कर लिया है. इस कारण मुआवजा ले लेने पर रैयतों का मकान समेत सभी ढांचे को अवैध घोषित किया गया. चूंकि फ्लाई ओवर प्रोजेक्ट के लिए पहले 45 मीटर अब डबल डेकर हाइवे (छह लेन) के लिए 60 मीटर चौड़ी जमीन की जरूरत है. कल 22 सितंबर को भिलाई पहाड़ी से लेकर देवघर मौजा के बीच 40 मकान-दुकान तोड़ने की कार्रवाई के लिए निर्णय लिया जायेगा. इसके लिए डीसी की अध्यक्षता में एडीसी, एडीएम, एनएचएआइ, भू-अर्जन पदाधिकारी, मानगो सीओ समेत अन्य सभी स्टेक होल्डर की बैठक बुलायी गयी है.

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सूत्रों के मुताबिक मानगो अंचल प्रशासन अतिक्रमण तोड़ने के लिए पहले माइकिंग करेगी, फिर कुछ मोहलत भी देगी, ताकि शांतिपूर्ण कार्रवाई पूरा हो सके. दस वर्ष पहले मुआवजा की राशि का भुगतान हो चुका है. एनएच 33 भिलाई पहाड़ी से माहुलिया तक के रैयती जमीन मालिकों को सात करोड़ रुपये बतौर मुआवजा आरआर पॉलिसी के तहत जिला भू-अर्जन पदाधिकारी के माध्यम से किया जा चुका है. इसमें भिलाईपहाड़ी से लेकर देवघर के बीच 40 रैयती को दो करोड़ का भुगतान किया जा चुका है. एनएच 33 के लिए 2010-11 में अधिग्रहित जमीन से अतिक्रमण तोड़ने के लिए एनएचएआइ के निदेशक के वर्ष 2019 व 2020 को स्मार पत्र भी दिया लेकिन प्रशासन ने अतिक्रमण पर अब तक कार्रवाई नहीं की. हालांकि प्रशासन ने अब तक कार्रवाई नहीं करने के पीछे कोविड 19 का हवाला दिया है, इधर, प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने पुन: अधिग्रहित जमीन से अतिक्रमण हटाने का अनुरोध किया है.

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मानगो अंचल के सीओ हरीश मुंडा ने कहा कि एनएच 33 भिलाईपहाड़ी से लेकर देवघर मौजा के बीच एनएचएआइ के द्वारा अधिग्रहित जमीन से अतिक्रमण हटाने के संबंध में जल्द उचित कार्रवाई शुरू की जायेगी. इसके लिए सोमवार को मानगो अंचल प्रशासन के साथ एनएचएआइ टीम के साथ नया सर्वे कर वस्तु स्थिति को देखा गया है. वहीं, जमशेदपुर के एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर कर्नल एएस कपूर ने कहा कि कालीमंदिर से देवघर तक सात किलोमीटर लंबा फ्लाई ओवर बनाया जाना है, इसके लिए दस वर्ष पहले जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है, लेकिन जमीन का पोजिशन नहीं मिलने के कारण प्रोजेक्ट में देरी हो रही है. प्रशासन से अनुरोध किया गया है.

Posted By : Guru Swarup Mishra

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