रघुवर सरकार की नियोजन नीति वापस लेने पर भाजपा का पलटवार, CM हेमंत से कुणाल षाड़ंगी ने पूछे 7 सवाल

Jharkhand News, Jamshedpur News, जमशेदपुर (पूर्वी सिंहभूम) : झारखंड भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने पूर्व रघुवर सरकार की नियोजन नीति वापस लेने सहित JPSC परीक्षा से जुड़े कई संशोधनों पर हेमंत सरकार की कार्यसंस्कृति और मंशा पर गंभीर सवाल उठाये हैं. साथ ही इसे अपरिपक्व निर्णयों के लिए हेमंत सोरेन सरकार का एक और कारनामा करार दिया. संशोधित नियोजन नीति को रद्द करने के निर्णय को अप्रासंगिक करार देते हुए भाजपा ने विरोध जाहिर किया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 4, 2021 4:15 PM

Jharkhand News, Jamshedpur News, जमशेदपुर (पूर्वी सिंहभूम) : झारखंड भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने पूर्व रघुवर सरकार की नियोजन नीति वापस लेने सहित JPSC परीक्षा से जुड़े कई संशोधनों पर हेमंत सरकार की कार्यसंस्कृति और मंशा पर गंभीर सवाल उठाये हैं. साथ ही इसे अपरिपक्व निर्णयों के लिए हेमंत सोरेन सरकार का एक और कारनामा करार दिया. संशोधित नियोजन नीति को रद्द करने के निर्णय को अप्रासंगिक करार देते हुए भाजपा ने विरोध जाहिर किया.

नियोजन नीति पर हेमंत सरकार के निर्णयों को बेतुका करार देते गुरुवार (04 फरवरी, 2021) काे पत्रकाराें से बातचीत करते हुए कहा कि बगैर नयी नियोजन नीति लागू किये जल्दबाजी में लाखों योग्य प्रतिभागी युवाओं को रोजगार से वंचित करना गंभीर कोटि का अपराध है. उन्होंने उन सफल प्रतिभागियों के प्रति भी गहरी चिंता जाहिर की, जो नियुक्ति पत्र का इंतजार कर रहे थे.

छात्रों और प्रतिभागियों के भविष्य की चिंता करते हुए श्री षाड़ंगी ने कहा कि कड़ी मेहनत के बूते परीक्षा पास करना और नियुक्ति पत्र मिलने की जगह विज्ञापन रद्द करने की खबर मिलना अत्यंत पीड़ादायक और दुर्भाग्यपूर्ण है. भाजपा ने हेमंत सोरेन की अगुआई वाली यूपीए गठबंधन सरकार को युवा विरोधी करार देते हुए निर्णयों की समीक्षा और अविलंब वापस लेने की मांग की है. इस बाबत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं झारखंड सरकार से भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने सात सवालों पर जवाब भी मांगे हैं.

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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछे सवाल

1. सोनी कुमार के मामले में 8 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है. राज्य सरकार ने SLP दायर की है. उसके पहले इस निर्णय के लिए इतनी हड़बड़ाहट क्यों?

2. नियोजन नीति गलत थी, तो राज्य सरकार ने उसे हाईकोर्ट में डिफेंड क्यों किया? फिर हाईकोर्ट में हारने के बाद सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज क्यों किया?

3. पहले कोर्ट से बिना स्टे ऑर्डर लिए 9 महीनों तक बहाली रोक दी जाती है. साल भर के बाद ये कैसा निर्णय है?

4. झारखंड के 11-13 जिलों के इतिहास, संस्कृत तथा संगीत के शिक्षक, PRT शिक्षक, पंचायत सचिव अभ्यर्थी, रेडियो ऑपरेटर, स्पेशल ब्रांच और उत्पाद सिपाही के हजारों अभ्यर्थी जिनका डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन होकर बस ज्वाइनिंग बाकी था, उनकी रोजी- रोटी भी सरकार ने छीन ली.

5. कैबिनेट सचिव 6th JPSC का Cut off date 1 अगस्त 2016 बता रहे हैं, जबकि वास्तविक रूप से वह 1 अगस्त 2010 था. 7th JPSC का Cut off date उस हिसाब से अगस्त 2011 होना चाहिए. पिछले बार 7th JPSC का जो विज्ञापन निकला था, उसमें भी कट ऑफ साल 2011 रखा गया था. इस पर स्थिति स्पष्ट हो.

6. JPSC में प्रत्येक पेपर में न्यूनतम मार्क क्यों नहीं सुनिश्चित किया जा रहा है. स्थानीय भाषा या झारखंड का विशेष पेपर का महत्व क्यों नहीं है. क्या अर्थशास्त्र में फेल होने वाले अभ्यर्थी को राज्य सरकार वित्त अधिकारी बनाना चाहती है.

7. बिना नयी नियोजन नीति या उसका मसौदा बनाये पुरानी नीति को निरस्त करके चली आ रही नियुक्ति प्रक्रिया को डिरेल करने के पीछे किन लोगों की साजिश है. अगर पिछली सरकार के समय की सारी नियुक्तियां गलत लग रही है, तो 6th JPSC के लिए यह विशेष प्रेम क्यों है.

Posted By : Samir Ranjan.

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