Jharkhand News, Jamshedpur News, जमशेदपुर (पूर्वी सिंहभूम) : कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (Confederation Of All India Traders – CAIT) ने GST और E-commerce में सुधार काे लेकर शुरू किये गये आंदाेलन काे और तेज करने का फैसला किया है. 26 फरवरी को भारत व्यापार बंद काे मिली सफलता के बाद कैट ने GST एवं E-commerce के मुद्दों पर 5 मार्च से 5 अप्रैल तक देश के सभी राज्यों में आक्रामक तरीके से आंदाेलन काे राष्ट्रीय अभियान के तहत चलाने का फैसला किया है.
कैट के राष्ट्रीय सचिव सुरेश साेंथालिया ने कहा कि GST एवं E-commerce के मुद्दों पर आगामी 5 मार्च से एक महीने तक देश के सभी राज्यों में आंदाेलन चलाने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा कि यह दोनों मुद्दे देश के 8 करोड़ व्यापारियों से सीधे रूप से संबंध रखते हैं और जब तक इन दोनों मुद्दों का तार्किक समाधान नहीं हो जाता तब तक देश भर में व्यापारियों का यह आंदोलन जारी रहेगा.
श्री सोंथालिया ने बताया कि GST एवं E-commerce को लेकर कैट के राष्ट्रीय आंदोलन के अगले चरण में 5 मार्च से 5 अप्रैल तक देश भर के व्यापारिक संगठन आंदोलन मास के रूप में मनायेंगे. इसके अंतर्गत देश के 40 हजार से ज्यादा व्यापारी संगठन GST एवं E-commerce के मुद्दे पर सभी राज्यों के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, वित्तमंत्री, प्रधान सचिव (वित्त) तथा GST आयुक्त के नाम से ज्ञापन सभी जिलों के कलेक्टरों को देंगे. इसके साथ ही सभी राष्ट्रीय दलों और राज्यस्तरीय दलों के अध्यक्ष को भी अपना ज्ञापन देंगे.
कैट के राष्ट्रीय सचिव सुरेश साेंथालिया ने यह भी बताया कि 13 मार्च को देश के 600 से अधिक जिलों में व्यापारी संगठन अपनी मांगों को लेकर धरना करेंगे. 20 मार्च को देश के सभी जिलों में व्यापारी रैलियां निकाली जायेंगी. 26 मार्च को लोकसभा एवं राज्यसभा के सभी सांसदों के घर पर स्थानीय व्यापारी संगठन धरना देंगे और उनका घेराव करेंगे.
रविवार काे आयोजित वीडियो कांफ्रेंसिग में देश के सभी राज्यों एवं संघ शासित प्रदेशों के 275 से ज्यादा प्रमुख नेताओं ने हिस्सा लिया. सदस्याें ने आरोप लगाया कि राज्य सरकारों ने अपने हितों और अपनी हठधर्मिता के चलते GST के बेहद साधारण कानून एवं नियमों को विकृत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. इसलिए अब देश के सभी राज्यों को इन मुद्दों पर घेरने का व्यापक एवं आक्रामक अभियान चलाया जायेगा. अगले कुछ महीनों में 5 राज्यों में चुनाव होनेवाले हैं.
सभी राज्यों में एक वोट बैंक के रूप में व्यापारी वर्ग अपनी संख्या के बल पर किसी भी दल की हार जीत का कारण बन सकते हैं. इसलिए कैट का यह निर्णय सभी दलों के लिए राजनीतिक रूप से नुकसानदायक हो सकता है. ऐसे समय में व्यापारियों की नाराजगी किसी के लिए महंगी साबित हो सकती है. वर्तमान में देश भर के व्यापारी GST के प्रावधानों और E-commerce में विदेशी कंपनियों की लगातार मनमानी से बुरी तरह से त्रस्त हैं. अब या तो अपनी समस्याओं को हल करायेंगे या फिर अपना व्यापार बंद करने पर मजबूर होंगे.
Posted By : Samir Ranjan.