Jharkhand News (जमशेदपुर, पूर्वी सिंहभूम) : कोरोना काल में पहले से परेशान अभिभावकों पर एक और गाज गिरी है. जमशेदपुर की स्कूल राजेंद्र विद्यालय में बच्चों की मोबाइल जब्त कर फाइन के तौर पर पांच-पांच हजार वसूले गये हैं. जानकारी मिलते ही पूर्व विधायक सह प्रदेश भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने शनिवार को ट्वीट कर शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो और पूर्वी सिंहभूम के डीसी सूरज कुमार से मामले में संज्ञान लेकर उचित हस्तक्षेप का आग्रह किया.
पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने ट्वीट कर सवाल उठाते हुए राज्य के शिक्षा मंत्री से पूछा है कि कोविड काल में जब महीनों से शिक्षा ऑनलाइन व्यवस्थाओं पर निर्भर रही है, ऐसे में निजी स्कूल द्वारा वसूले गये जुर्माने का क्या औचित्य है? बच्चे एक अरसे से मोबाइल के माध्यम से शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि पढ़ाई की सामग्रियां मोबाइल में सेव है. अब रेफरेंस के लिए मोबाइल स्कूल लेकर चले गये, तो अब ये अपराध कैसे हो गया. पहले डेढ़ सालों से लत लगायी गयी और अब फाइन लिया जा रहा है, जो हास्यास्पद और अविवेकपूर्ण है.
पूर्वी विधायक श्री षाड़ंगी ने कहा कि स्कूल प्रबंधन इस संबंध में चेतावनी देकर या नोटिस जारी कर छात्रों को जागरूक कर सकती थी, लेकिन उसने सीधे 5000 रुपये जुर्माना लिया जो अभिभावकों पर ज्यादती है. आखिर किस कानून के तहत स्कूल मैनेजमेंट को यह छूट प्राप्त है?
कुणाल षाड़ंगी की ट्वीट के बाद जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय ने संज्ञान लेते हुए जांच बैठायी है. शिकायत सही पाये जाने पर कठोर कार्रवाई होगी. जांच कमेटी में क्षेत्रीय शिक्षा प्रसार पदाधिकारी निशु कुमारी और सीआरपी संजय कुमार शामिल हैं. कमेटी को इस मामले में तीन दिनों के अंदर चार बिंदुओं पर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश है. जिला शिक्षा अधीक्षक विनीत कुमार के निर्देश पर आरटीई सेल ने संबंधित आदेश जारी किया है.
Posted By : Samir Ranjan.