टाटा स्टील के कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, 1 नंवबर को लॉन्च होगी ‘सुनहरे भविष्य की योजना’, जानें इसके फायदे
टाटा स्टील 1 नवंबर को अपने कर्मचारियों के लिए सुनहरे भविष्य की योजना' के तहत इएसएस और जॉब फॉर जॉब स्कीम लॉन्च करेगा. इन दोनों स्कीम के बारे में जानने के लिए और इस स्कीम का भविष्य में क्या असर पड़ेगा. पढ़ें हमारी ये खास रिपोर्ट में
Jamshedpur News जमशेदपुर : टाटा स्टील के कर्मचारियों और आश्रितों के लिए अच्छी खबर है. एक नवंबर से इएसएस ( ESS Scheme ) और जॉब फॉर जॉब स्कीम ( Job For Job Scheme ) एक साथ ‘सुनहरे भविष्य की योजना’ के तहत लांच हो रही है. इएसएस लेने वाले कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति की आयु सीमा तक बेसिक-डीए की रकम, मेडिकल सुविधा और इएसएस लेने के छह साल बाद तक या 58 साल की उम्र तक, जो पहले की अवधि होगी, क्वार्टर की सुविधा मिलती रहेगी.
दूसरी ओर, जॉब फॉर जॉब स्कीम के तहत कर्मचारी अपने पुत्र, पुत्री, दामाद या अन्य नामित आश्रित को नौकरी दे सकेंगे. आश्रित की बहाली प्रशिक्षु के तौर पर होगी. प्रशिक्षण के बाद एआइटीटी परीक्षा देनी होगी. इसके बाद उन्हें स्थायी किया जायेगा. परीक्षा में असफल आश्रित नौकरी से वंचित हो सकते हैं. कर्मचारी दोनों स्कीम का लाभ उठा सकते हैं. कंपनी के 12.5 हजार स्थायी में 3500 कर्मी 52 साल से अधिक उम्र के हैं.
ऐसे मिलेगा दोनों स्कीम का लाभ :
किसी कर्मचारी की उम्र 50 वर्ष है और इएसएस और जॉब फॉर जॉब दोनों का लाभ चाहता है, तो उसे आवेदन करते समय फॉर्म में स्विच ओवर के ऑप्शन को टिक करना होगा. ऐसे कर्मचारी को 55 वर्ष तक वर्तमान बेसिक-डीए की कुल राशि मिलती रहेगी. 55 वर्ष के बाद नामित आश्रित जॉब फॉर जॉब के लिए टाटा स्टील में आवेदन कर सकेगा. कर्मचारी को सेवानिवृत्ति (60) तक 13 हजार प्रतिमाह के हिसाब से पेंशन मिलेगी. केवल जॉब फॉर जॉब का लाभ लेने के लिए कर्मचारी की उम्र 52 वर्ष या उससे अधिक होना अनिवार्य है, जबकि 45 वर्ष से अधिक आयु वाले कर्मचारी इएसएस के लिए आवेदन कर सकते हैं.
Posted by : Sameer Oraon