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पीएम मोदी देवघर से NH33 का करेंगे ऑनलाइन उद्घाटन, इसलिए खास है Tata Steel के स्लैग से बनी 44 KM सड़क

पीएम मोदी देवघर से NH33 के फोर्थ फेज में बने सड़क का ऑनलाइन उद्घाटन 12 जुलाई को करेंगे. यह राष्ट्रीय राजमार्ग देश का पहला राष्ट्रीय राजमार्ग है, जिसमें टाटा स्टील के बाय प्रोडक्ट स्लैग का उपयोग किया गया है. इस फोर्थ फेज में 44.2 किलोमीटर स्लैग से सड़क बनायी गयी है. इस सड़क की कई खासियत है.

Jharkhand News: PM मोदी NH-33 का ऑनलाइन उद्घाटन 12 जुलाई को देवघर से करेंगे. इस राष्ट्रीय राज्यमार्ग में टाटा स्टील (Tata Steel) के बाय प्रोडक्ट स्लैग का इस्तेमाल हुआ है. जमशेदपुर-रांची को जोड़नेवाली NH-33 के बीच बन रही 44.2 किलोमीटर सड़क का निर्माण टाटा स्टील के बाय प्रोडक्ट टाटा एग्रेटो यानी स्लैग से किया गया है. यह देश की पहली ऐसी सड़क है, जो स्लैग से बनी है. ऐसा कर टाटा स्टील ने सड़क निर्माण में बेंचमार्क स्थापित किया गया है.

सहरबेरा-जमशेदपुर-महुलिया तक करीब एक मिलियन टन से अधिक स्लग का उपयाेग

NH 33 के 44.2 किमी के हिस्से का निर्माण जमशेदपुर NHAI, कॉन्ट्रैक्टर आयरन टाएंगल लिमिटेड और केके बिल्डर संयुक्त रूप से कर रहे हैं. सहरबेरा-जमशेदपुर-महुलिया तक के निर्माण में करीब एक मिलियन टन से अधिक स्लग आधारित एग्रिगेट्स का उपयोग किया गया है. सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से अनुमति मिलने के बाद NHAI और सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट (CRRI) द्वारा प्रोसेस्ड एलडी स्लैग एग्रीगेट्स का उपयोग 2019 में स्थापित किया गया था. मालूम हो कि एनएच 33 को चार हिस्से (फेज) में बनाया गया है. जिसके एक हिस्से के 44.2 किलोमीटर की सड़क स्टील स्लैग से बनाई गयी है. इस हिस्से का लगभग काम पूरा हो गया है. इसके निर्माण में टाटा स्टील के बाय प्रोडक्ट टाटा एग्रीटो का इस्तेमाल किया गया है.

स्लैग अब मुनाफा देगा

इससे पहले स्लैग स्टील निर्माता कंपनियों के लिए बड़ी समस्या होती थी और उसके निष्पादन के लिए करोड़ों खर्च करने के बाद भी पर्यावरण को नुकसान होता था. लेकिन अब वह मुनाफा देने का माध्यम बन रहा है. साथ ही इससे पर्यावरण की रक्षा भी हो रही है. इसके उपयोग से स्टोन का उपयोग नहीं होगा और गिट्टी की उपलब्धता खत्म होने से पत्थर का खनन भी रुकेगा.

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सूरत में पहली बार बनी स्टील की सड़क

डायमंड सिटी के नाम से मशहूर सूरत स्टील रोड के मामले में पहले नंबर पर है. सूरत में आर्सेलर मित्तल निप्पोन स्टील इंडिया ने सीएसआइआर के साथ मिलकर इसी साल की शुरुआत में स्टील के कचरे से एक सड़क बनायी थी. हजीरा इंडस्ट्रियल एरिया में 100 फीसदी प्रोसेस्ड स्टील स्लैग से एक किलोमीटर लंबी छह लेन की यह सड़क वेस्ट मटेरियल के उपयोग से प्रायोगिक तौर पर बनायी गयी है.

सड़क की मोटाई 30 फीसदी तक घटी, पर्यावरण को भी मिल रही सुरक्षा

स्लैग वास्तव में अयस्क को पिघलाने के बाद निकलने वाला एक बाय प्रोडक्ट है. स्टील के स्लैग का प्रयोग करने से रोड की मोटाई 30 फीसदी घटाने में सफलता मिली है. यह सड़क परंपरागत सड़क से अधिक मजबूत होती है. स्टील स्लैग से पर्यावरण की सुरक्षा दोतरफा होगी. स्लैग की गर्मी से मैदानी क्षेत्र और खाली पड़ी जमीन का बड़ा हिस्सा भी प्रभावित होता है. जिस जमीन पर गिराया जाता है, उसके आसपास के पेड़-पौधों को भी नुकसान पहुंचता है. स्लैग की कीमत स्टोन से कम होने के कारण कंपनियों को मुनाफा मिलेगा.

क्या है टाटा एग्रेटो

टाटा एग्रीटो देश का पहला स्टील स्लैग आधारित ब्रांडेड उत्पाद है. जिसका व्यापक रूप से राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण में उपयोग किया जाता है, जिसने प्राकृतिक समुच्चय को संरक्षित करने और पर्यावरण पर निर्भरता को कम करता है. इसके उपयोग से प्रत्यक्ष रूप से पर्यावरण की रक्षा हो रही है. डिजाइन मिश्रण में सुविधा के लिए टाटा एग्रीटो का उत्पादन चार अलग-अलग आकार की श्रेणियों के साथ 0-65 मिमी संसाधित एलडी स्लैग से किया जाता है. अपने आकार और बनावट के कारण यह बिटुमिनस और कंक्रीट सड़क निर्माण में उपयोग के लिए उपयुक्त है.

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रिपोर्ट : विकास श्रीवास्तव, जमशेदपुर.

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