Jharkhand Politics: फिर पलटी मारेंगे दुलाल भुईयां, भाजपा में हो सकते हैं शामिल

Jharkhand Politics: झारखंड के पूर्व मंत्री दुलाल भुईयां झारखंड मुक्ति मोर्चा छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं. उन्होंने क्या कहा है, यहां पढ़ें.

By Mithilesh Jha | January 15, 2025 2:46 PM

Jharkhand Politics | जमशेदपुर, संजीव भारद्वाज : झारखंड आंदोलनकारी सह पूर्व मंत्री दुलाल भुईयां शीघ्र ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होंगे. दुलाल भुईयां ने कहा है कि झारखंड को संवारने की जरूरत है. ऐसी स्थिति में वे अपने बड़े भाई राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सह ओडिशा के पूर्व राज्यपाल रहे रघुवर दास के साथ मिलकर काम करने का इच्छुक हूं. उनका सान्निध्य मिला, तो किसी भी तरह की जिम्मेदारी निभाने के लिए झारखंड आंदोलन का यह सिपाही भगवा रंग में खुद को लपेटने में देर नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि सूर्य के उत्तरायण में प्रवेश के साथ ही एक ओर जहां धार्मिक, आध्यात्मिक कार्यों में तेजी आयेगी, वहीं दूसरी ओर झारखंड-कोल्हान की राजनीति में भी बड़े फेरबदल देखने को मिल सकते हैं. दुलाल भुईयां के अधिवक्ता पुत्र विप्लव भुईयां को झामुमो ने विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया, तो उन्होंने पार्टी छोड़ दी.

6 साल पहले बसपा में शामिल हुए थे दुलाल भुईयां

झारखंड में 2 बार भूमि सुधार व राजस्व मंत्री और लगातार 3 बार जुगसलाई से विधायक रहे दुलाल भुईयां ने 6 साल पहले रांची में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का दामन थाम लिया था. बसपा के प्रदेश ध्यक्ष ने उन्हें पलामू लोकसभा क्षेत्र का प्रभारी नियुक्त किया था. दुलाल भुईयां जुगसलाई (एससी) विधानसभा सीट से वर्ष 1995, वर्ष 2000 और वर्ष 2005 में विधायक चुने गए थे. वर्ष 2005 से वर्ष 2009 तक झारखंड सरकार में भू-राजस्व मंत्री रहे. दुलाल भुईयां ने पलामू से लोकसभा सीट से वर्ष 2019 में अपनी पत्नी अंजना भुईयां को चुनाव लड़वाया. उन्हें महज 10 हजार वोट ही मिल पाए.

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झाविमो, भाजपा और कांग्रेस में भी कर चुके हैं काम

दुलाल भुईयां पहली बार वर्ष 1995 में जुगसलाई सुरक्षित विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे. वर्ष 2000 में झामुमो से दोबारा विधायक बने. वर्ष 2005 में जीत की हैट्रिक लगायी. वर्ष 2009 के चुनाव में झामुमो ने चौथी बार उन्हें जुगसलाई से उतारा, लेकिन आजसू प्रत्याशी रामचंद्र सहिस ने उन्हें हरा दिया.

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झामुमो नेताओं से विवाद के बाद 2014 में छोड़ दी थी पार्टी

इसके बाद दुलाल भुईयां का सिदगोड़ा टाउन हॉल में एक कार्यक्रम के दौरान झामुमो के वरिष्ठ नेताओं से विवाद हो गया. वह झामुमो छोड़कर झाविमो में शामिल हो गए. वर्ष 2014 के झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले समरेश सिंह के नेतृत्व में दुलाल भुईयां भाजपा में शामिल हुए, लेकिन जुगसलाई सीट गठबंधन के तहत आजसू के खाते में चली गयी, तो वे कांग्रेस में शामिल हो गए. जुगसलाई विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर वर्ष 2014 में चुनाव लड़े, लेकिन हार गए.

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झारखंड को संवारने में लगानी है ऊर्जा : दुलाल भुइयां

दुलाल भुईयां इस वक्त अखिल भारतीय भुईयां समाज के राष्ट्रीय व झारखंड मजदूर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष हैं. उन्होंने कहा कि वे झारखंड अलग राज्य के आंदोलन में सक्रिय रहे. वर्ष 1980 में उन्होंने झामुमो का दामन थामा. उन्होंने भाजपा के वरीय नेता रघुवर दास, अर्जुन मुंडा समेत काफी लोगों के साथ कई आंदोलनों में हिस्सा लिया. पहली बार वर्ष 1995 में बिहार विधानसभा के लिए चुने भी गये थे. झारखंड आंदोलन के दौरान चार दर्जन से अधिक मामले उनके खिलाफ दर्ज किये गये. झारखंड की 10-15 जेलों में उन्हें रखा गया. दुलाल भुईयां ने कहा, ‘अभी भी मेरे अंदर ऊर्जा है. दमखम बचा हुआ है. इसे मैं झारखंड को संवारने में लगाना चाहता हूं.’

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