Train News: त्योहारों में घर आने के लिए न हों परेशान, इस ट्रेन में जनवरी तक लगेगी अतिरिक्त कोच
त्योहारी सीजन में ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ गयी है. दिवाली व छठ पूजा से पहले चार से पांच दिनों तक ट्रेनों में नो रूम की स्थिति बन गयी है. भीड़ को देखते हुए टाटा आरा एक्सप्रेस ट्रेन में 17 अक्टूबर से 16 जनवरी तक के लिए एक अतिरिक्त बोगी को जोड़ दिया गया है.
Train News: दुर्गा पूजा और दिवाली के साथ छठ पर्व पर होने वाली भीड़ को देखते हुए टाटा आरा एक्सप्रेस ट्रेन में 17 अक्टूबर से 16 जनवरी तक के लिए एक अतिरिक्त बोगी को जोड़ दिया गया है. इसके बाद इस ट्रेन में कुल 17 बोगियां हो जायेंगी. आरा से टाटा और टाटा से आरा, दोनों तरफ की ट्रेनों में यह व्यवस्था लागू की गयी है.
टाटा-इतवारी व टाटा-बिलासपुर का परिचालन बहाल
जमशेदपुर टाटानगर से चलने वाली दो जोड़ी ट्रेनों को फिर से बहाल कर दिया गया था. पहले 17 और 18 अक्तूबर को टाटा इतवारी को रद्द किया गया था. वहीं 19 और 20 अक्तूबर को इतवारी टाटा को रद्द किया गया था. इन ट्रेनों को फिर से बहाल दिया गया है. इसी तरह टाटानगर से बिलासपुर ट्रेन को 16 और 17 अक्तूबर को तथा बिलासपुर से टाटानगर आने वाली ट्रेन को 17 और 18 अक्तूबर को रद्द किया गया था. इसको भी बहाल कर दिया गया है.
खड़गपुर-भद्रक रुट में ट्रेन सेवा बहाल
दक्षिण पूर्व रेलवे के खड़गपुर-भद्रक रुट में ट्रेन सेवा गुरुवार से बहाल हो गयी है. यात्रियों की सुविधा के लिए खड़गपुर रेल मंडल की रद्द 16 ट्रेनें नियमित पटरी पर दौड़ी. इससे बंगाल से ओडिशा आवागमन करने वाले यात्रियों को काफी सहूलियत हुई. गुरुवार से बालासोर-भद्रक स्पेशल, भद्रक-बालासोर स्पेशल, खड़गपुर-जजपुर क्योंझर रोड एक्सप्रेस, जाजपुर क्योंझर रोड-खड़गपुर एक्सप्रेस, खड़गपुर-खुर्दा रोड एक्सप्रेस, खुर्दा रोड-खड़गपुर एक्सप्रेस, खड़गपुर-बालासोर स्पेशल, बालासोर-खड़गपुर स्पेशल, हावड़ा-भद्रक एक्सप्रेस, भद्रक-हावड़ा एक्सप्रेस, पुरी-जलेश्वर स्पेशल, जलेश्वर-पुरी स्पेशल, बालासोर-भुवनेश्वर स्पेशल, भुवनेश्वर-बालासोर स्पेशल, बारीपदा-बालासोर स्पेशल व बालासोर-बारीपदा स्पेशल ट्रेन नियमित हो गयी है.
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दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में रद्द चार ट्रेनें पटरी पर दौड़ेंगी
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में विकासात्मक कार्यों को लेकर कई दिनों तक लोकल ट्रेनों का परिचालन प्रभावित था. रेल प्रशासन ने चार लोकल ट्रेनों को दो दिन चलाने का निर्णय लिया है. रेल यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर कई लोकल ट्रेनों का परिचालन रद्द किया गया था. रेल यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए इन यात्री ट्रेनों को अपने निर्धारित समय के अनुसार अलग-अलग तिथियों में दो दिन चलाने का निर्णय लिया है.
ये रद्द ट्रेनें दो दिन चलेंगी
18109 टाटानगर-इतवारी एक्सप्रेस 17 व 18 अक्तूबर, 18110 इतवारी-टाटानगर एक्सप्रेस 19 व 20 अक्तूबर, 18113 टाटानगर-बिलासपुर एक्सप्रेस 16 व 17 अक्तूबर, 18114 बिलासपुर-टाटानगर एक्सप्रेस 17 व 18 अक्तूबर.
बिहार, मुंबई व अमृतसर की ट्रेनों में वेटिंग 200 के पार
त्योहारी सीजन में ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ गयी है. दिवाली व छठ पूजा से पहले चार से पांच दिनों तक ट्रेनों में नो रूम की स्थिति बन गयी है. साउथ बिहार एक्सप्रेस, मुंबई मेल, हावड़ा-पुणे जैसी लंबी दूरी की ट्रेनों में 5 से 17 नवंबर तक वेटिंग सूची 150 से पार पहुंच गयी है. हैरानी की बात है कि रेलवे यात्री सुविधाओं का दावा करता है, लेकिन स्थिति कुछ और है. हटिया से पुणे और टाटा से एर्नाकुलम के बीच स्पेशल ट्रेन के फेरों को कम कर दी गयी है. वह भी जब एक-एक टिकट के लिए मारामारी है. त्योहार के समय ट्रेनों में अतिरिक्त कोच नहीं लग पा रहा है.
चक्रधरपुर रेल मंडल से होकर बिहार, मुंबई, एर्नाकुलम, तांबरम व अमृतसर की ट्रेनें चलती हैं. इन ट्रेनों में 17 से 30 अक्तूबर तक सीट मिलने की संभावना नहीं है. ऐसी ही स्थिति दिवाली व छठ पूजा के दौरान है. 5 से 23 नवंबर तक इन ट्रेनों में 100 से 150 वेटिंग चल रही है. अभी तक न तो अतिरिक्त कोच लगाया गया है और न ही स्पेशल ट्रेन चलायी जा रही है. ऐसे स्थिति में दिवाली और छठ पूजा के लिए अपने जिला जाने की तैयारी कर रहे लोगों में उहापोह है. दो दिन पहले रेलवे ने संतरागाछी-पुरुलिया व पुरुलिया-दीघा के बीच पूजा स्पेशल ट्रेन चलाने की घोषणा की है. इससे चक्रधरपुर स्टेशन के यात्रियों को कोई लाभ नहीं मिलेगा. टाटा-एर्नाकुलम पूजा स्पेशल चलने से रेल मंडल के यात्रियों को कुछ राहत मिलेगी.
रेलवे ने कुछ नहीं किया तय
चक्रधरपुर रेल मंडल से होकर जाने वाली बिहार की ट्रेनें यात्रियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है. बिहार के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं, जो छठ पूजा मनाने अपने घर जाते हैं. इसी तरह दुर्गा पूजा व दिवाली में स्कूल और कॉलेजों में छुट्टियां रहने से लोग सपरिवार निकलते हैं. ऐसे यात्रियों को राहत देने की दिशा में अभी तक रेलवे ने कुछ भी तय नहीं किया है.