शाम पांच बजे जमशेदपुर के गोपाल मैदान का मुख्य द्वार खोल दिया गया और लोगों की भीड़ में मैदान में फैल गयी. कोई गाड़ी का इतिहास जानना चाह रहा था तो खासकर यूथ पुरानी गाड़ियों के साथ तस्वीर उतारने में व्यस्त रहे. सुबह दस बजे से ही गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया था. शाम पांच बजे तक 58 गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन हुआ. दोपहर दो से शाम पांच बजे तक जजों ने एक-एक गाड़ी के कल-पुर्जे देखे. ऑरिजनलिटी चेक की. प्रदर्शनी में सबसे पुरानी वर्ष 1926 की ऑस्टिन सेवेन है.
प्रदर्शनी में ऑस्टिन प्रिंसेस गाड़ी शामिल है. जिसका मॉडल प्रिंसेस ए-135 है. यह वही गाड़ी है जिस पर कभी टाटा स्टील के पूर्व एमडी रूसी मोदी सवार होते थे. इसके वास्तविक मालिक टाटा स्टील के पूर्व वीपी एचआर/ मैनेजमेंट निरूप मोहंती के पिता गौरांग चंद्र मोहंती थे. उनसे मोदी ने गाड़ी खरीदी. वर्तमान में यह कार फ्लीट मैनेजमेंट सेंटर में है. इसमें 3993 सीसी का इंजन है. वर्ष 1947 में ऑस्टिन ने दो मॉडल एवन 10 और एवन 125 उतारा. इसकी रफ्तार 140 किलोमीटर प्रति घंटा है.
सबसे पुरानी द्वितीय विश्व युद्ध से पहले यानी वर्ष 1926 की गाड़ी है. ऑस्टिन सेवेन मॉडल के इस गाड़ी के मालिक हैं हरविंदर सिंह. जिसे उन्होंने मेरठ से 14 लाख रुपये में खरीदा था. इसमें सात हॉर्स पावर का इंजन लगा है. आज भी इसमें सारे कल-पुर्जे ऑरिजिनल लगे हैं. गाड़ी का नंबर है यूटीटी 3050.
प्रदर्शनी में 1933 मॉडल का ऑस्टिन सेवेन गाड़ी शामिल है. जिसके वर्तमान मालिक कोलकाता के गुरुमुख सिंह चावला हैं. इसमें ऑस्टिन सेवेन एचपी का इंजन है. जिसकी ताकत 700 सीसी है. मयूरभंज के राजा ने 1989-90 में यह गाड़ी ली थी. उस जमाने की यह सबसे सस्ती गाड़ी है. आज से कोई 70 साल पहले इसकी कीमत 800 रुपये थी. यह कोलकाता रैली में 39 बार इंडिविजुएल ट्रॉफी जीत चुकी है. जिस कारण इसका नाम लिंबा बुक में दर्ज है.
बेस्ट क्लासिक कर अवार्ड पाने वाली गाड़ी पूरी तरह फिट दिख रही है. इसके मालिक कोलकाता के दर्शन मुकेश संघवी ने बताया कि एमजी मैग्नेजट एडए है. जो 1955 में बना. इसमें उन्होंने वर्ष 2018 में खरीदा. वर्ष 2022 को पूरी गाड़ी को पुन: बनाया गया. पहले गाड़ी में फीएट की कांच लगी थी. लंदन से ऑरिजिनल कांच मंगाकर लगाया गया. इसकी साइड में ट्रैफिगेटर है. इसमें ब्रिटिश रेसिंग ग्रीन पेंट कराया गया. गाड़ी की ताकत 1500 सीसी है. वर्ष 2018 से पहले से यह गाड़ी रैली में जाती रही है. इसे बेस्ट क्लासिकल कार का अवार्ड भी मिल चुका है. इस साल पुलिस कमिश्नर ट्रॉफी भी मिल चुका है.
द्वितीय विश्वयुद्ध में इस्तेमाल की गयी छोटी बाइक भी प्रदर्शनी में है. इसे पैरा ट्रूपर बाइक कहा जाता है. जिसे सैनिक हेलीकॉप्टर में लेकर चलते थे. दुश्मन को देखकर बाइक सहित पैरासूट से छलांग लगा देते थे. इसमें ब्रेटेन की विलियर्स कंपनी का इंजन लगा है. इसमें हॉर्न और लाइट नहीं है. यह ठेलकर स्टार्ट होता है. इसके मालिक चाईबासा के गुरुमुख सिंह हैं. गाड़ी की ताकत 2.5 सीसी है. आठ साल पहले इंग्लैंड से टायर मंगाकर इसमें लगाया गया है. साइकिल का रिम लगा है.
कोलकाता के सैकत दत्ता ट्रैंप स्पीडफयार 2 मॉडल गाड़ी लेकर मॉडल में आये हैं. उन्होंने बताया कि लाल रंग की यह गाड़ी 1963 की है. इसके वास्तविक मालिक बॉलवुड एक्टर जैकी श्रॉफ हैं. उनसे मुंबई के ही कुणाल मर्चेंट से यह गाड़ी खरीद ली. वर्ष 2006 में सैकत ने इसकी खरीदारी की. वे बताते हैं कि यह इंग्लैंड की गाड़ी है. जमशेदपुर रैली में यह पहली बार हिस्सा ले रही है. इसे टू सीट्स स्पोर्ट्स गाड़ी भी कहा जाता है. पेट्रोल इंजन की यह गाड़ी चार सिलिंडर की है. डबल कार्बोरेटर है. कोलकाता की रैली में कई बार विनर रही है.
आनंद की ही फ्रंट ह्वील ड्राइवर गाड़ी है. जिसे उन्होंने सहारनपुर से खरीदा है. गाड़ी के आगे वाले पहिये में पेट्रोल टंकी, मैग्नेट, साइलेंसर, गियर आदि लगा है. गियर उठा देने से यह साइकिल बन जाती है. गिरा देने पर पेट्रोल से चलती है.