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Jharkhand Weather News : लगातार बारिश से जमशेदपुर सहित पूरा कोल्हान भी हुआ प्रभावित, चांडिल डैम के 9 गेट खुले

Jharkhand Weather News (जमशेदपुर, पूर्वी सिंहभूम) : बंगाल की खाड़ी में बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन की वजह से लगातार दो दिनों तक हुई बारिश ने जमशेदपुर समेत करीब-करीब पूरे कोल्हान क्षेत्र को प्रभावित किया. इससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया. हालांकि, रविवार को बारिश नहीं होने से थोड़ी राहत मिली है.

Jharkhand Weather News (जमशेदपुर, पूर्वी सिंहभूम) : बंगाल की खाड़ी में बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन की वजह से लगातार दो दिनों तक हुई बारिश ने जमशेदपुर समेत करीब-करीब पूरे कोल्हान क्षेत्र को प्रभावित किया. इससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया. हालांकि, रविवार को बारिश नहीं होने से थोड़ी राहत मिली है, लेकिन पिछले दो दिनों से लगातार बारिश से हर जगह पानी ही पानी नजर आया.

लगातार बारिश के कारण जलजमाव की स्थिति बन गयी और नदियां खतरे के निशान से ऊपर बहने लगी. चांडिल डैम का जलस्तर 183 मीटर के पास पहुंच गया. वहीं, चांडिल डैम के 13 में से 9 गेट को खोल दिये गये. चांडिल डैम के गेट खुलने पर डीसी सूरज कुमार ने पदाधिकारियों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया है.

शनिवार शाम की रिपोर्ट के मुताबिक, स्वर्णरेखा और खरकई नदी खतरे के निशान से ऊपर बही. स्वर्णरेखा नदी का जलस्तर खतरे के निशान 121.50 मीटर की तुलना में 122 मीटर , जबकि खरकई नदी खतरे के निशान 129 मीटर की तुलना में 123.340 मीटर पर बही. दोनों नदियों के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है.

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विधायक ने फाटक खोलने का दिया निर्देश

शनिवार को चांडिल डैम का जलस्तर एकाएक बढ़ने की सूचना मिलते ही ईचागढ़ की विधायक सविता महतो, चांडिल अनुमंडल पदाधिकारी रंजीत लोहरा और झामुमो के केंद्रीय सदस्य पप्पू वर्मा चांडिल डैम के पास पहुंचे. इस दौरान विधायक समेत अन्य ने जलस्तर का जायजा लिया. विधायक ने सुवर्णरेखा विभाग के मुख्य अभियंता अशोक दास से बात कर डैम के पास बुलाया. इसके बाद डैम का 9 रेडियल फाटक को ढ़ाई-ढ़ाई मीटर खोलने का निर्देश दिया.

शेल्टर होम में सुविधा दुरुस्त रखने का निर्देश

डीसी सूरज कुमार ने सभी संबंधित पदाधिकारियों को शेल्टर होम में सारी सुविधा दुरुस्त रखने का निर्देश दिया है. धालभूम एसडीओ संदीप कुमार मीणा ने JNC के विशेष पदाधिकारियों के साथ खरकई और स्वर्णरेखा नदी के तटीय इलाके का निरीक्षण राहत कार्यों का जायजा लिया. वहीं, शेल्टर होम का निरीक्षण कर उपलब्ध सुविधाओं को देखते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिये.

बारिश का सबसे अधिक मध्यम और पश्चिमी झारखंड पर असर

साइक्लोनिक सर्कुलेशन का सबसे अधिक असर मध्य और पश्चिमी झारखंड पर पड़ा. पिछले दो दिनों से लगातार बारिश का ही असर रहा कि रांची के कांची नदी पर वर्ष 2014 में 13 करोड़ की लागत से बना बामलाडीह पुल तीन साल के भीतर दोबरा टूट गया. वर्ष 2014 में तत्कालीन ग्रामीण विकास मंत्री सुदेश कुमार महतो ने पुल निर्माण कार्य की आधारशिला रखी थी. यहां से गुजरनेवाली सड़क तमाड़ से सरायकेला-खरसावां जिला को जोड़ती है. रांची में पिछले 24 घंटे में 200 मिलीमीटर से अधिक बारिश रिकॉर्ड की गयी.

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Posted By : Samir Ranjan.

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