Jharkhand News: पूर्वी सिंहभूम जिले में पिछले तीन दिनों की लगातार बारिश ने लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया. शहर के कई इलाकों में जल जमाव की वजह से लोग हलकान रहे. लगातार हो रही बारिश से नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा. शहर के कई स्थानों पर बारिश व नालों का पानी घर में घुसने से लोग सुरक्षित स्थानाें की ओर पलायन करने लगे हैं. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उपायुक्त व एसडीओ ने अलग-अलग बैठक कर विभागीय अधिकारियों को राहत व बचाव कार्य के लिए अलर्ट रहने का निर्देश दिये हैं. साथ ही समय-समय पर नदियों के जलस्तर की निगरानी करने व अधिकारियों को आश्रय गृहों को तैयार रखने की बात कही है. वहीं, पंचायतों के मुखिया व पंचायत सचिवों को पंचायत भवनों में विस्थापित लोगों के रहने की व्यवस्था करने के निर्देश दिये हैं.
लगातार बारिश का असर बागबेड़ा बस्ती में भी देखा गया. घरों में पानी घुसने से लोग पलायन करते दिखे. लगातार हुई बारिश को देखते हुए एसडीओ पीयूस सिन्हा व जमशेदपुर प्रखंड के बीडीओ प्रवीण कुमार ने बागबेड़ा बड़ौदा घाट, नया बस्ती के निचले इलाकों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने बस्तीवासियों को सतर्क रहने की बात कही. उन्होंने क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधियों को बढ़ते पानी के लेवल पर लगातार नजर रखने का भी निर्देश दिया.
बड़ौदा घाट पुलिया से सटा नदी का पानी
टाटानगर स्टेशन से बड़ौदा घाट के बीच पड़ने वाली पुलिया तक पानी पहुंच गया. दिन-रात हुई बारिश से प्रधानटोला समेत आसपास के बस्ती व कॉलोनी से संपर्क कटने का खतरा बढ़ने लगा. खरकई नदी में अभी पानी भरा नहीं है. इस वजह से शिव घाट के पास बने स्लुइस गेट को हल्का खोला गया है.
रहने की वैकल्पिक व्यवस्था तैयार
मुखिया गौरी टोप्पो व पंचायत समिति सदस्य अंजलि कुमारी ने बढ़ते पानी के लेवल को देखते हुए प्रभावित परिवारों के रहने का वैकल्पिक व्यवस्था पहले से ही कर रखा है. बाढ़ की स्थिति आती है तो लोगों को प्राथमिक विद्यालय नया बस्ती, सिदो-कान्हू लोहिया भवन व सरस्वती शिशु विद्या मंदिर स्कूल में ठहराया जायेगा.
कदमा के शास्त्रीनगर और आसपास के इलाके में खरकई नदी के जलस्तर बढ़ने से लोगों की धड़कने तेज रही. ब्लॉक नंबर दो, तीन और चार में हड़कंप मचा रहा. चूंकि, नदी का जलस्तर काफी तेजी से बढ़ रहा था. इस कारण स्लुइस गेट को बंद कर दिया गया था. वहीं, नदी का पानी घरों में घुसने का खतरा बना हुआ था. शास्त्रीनगर ब्लॉक नंबर दो और तीन के पास नाले का पानी जमा होने से कई घरों में बारिश का पानी घुस गया. यहां कई मकान नालों पर ही बना दिये गये हैं. करीब 10 मकानों में बारिश का पानी घुसने की जानकारी मिली है. ये सारे घर निचले इलाके में हैं. वहीं, ब्लॉक नंबर चार के पास भी जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. प्रशासन की ओर से यहां माइकिंग कर लोगों को निचले इलाके को खाली कर सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की गयी. निर्मल सेवा सदन में ब्लॉक नंबर चार के लोगों के रहने का इंतजाम किया गया है, जबकि सरस्वती शिशु मंदिर समेत अन्य स्थानों को भी लोगों के रहने के लिए चिह्नित गया है. देर रात तक लोग नदी के जलस्तर को देखते रहे, ताकि जैसे ही पानी का स्तर बढ़ेगा, ऊपरी इलाके में शरण ले लेगे.
लगातार बारिश को देखते हुए एसडीओ धालभूम पीयूष सिन्हा ने बैठक कर नगर निकायों के पदाधिकारी, अंचल अधिकारी, थाना प्रभारी, जुस्को व सिविल डिफेंस के प्रतिनिधियों को जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिये. आश्रय गृह चिह्नित करने के साथ-साथ नदी के निचले इलाकों में पानी घुसने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर बने आश्रय गृहों में भेजने की बात कही. एसडीओ धालभूम ने पर्याप्त संख्या में लाइफ सेविंग जैकेट, नाव, मेडिकल किट तैयार रखने का निर्देश दिया. नदियों में जलस्तर बढ़ने की स्थिति में लगातार माइकिंग कराये जाने, पदाधिकारियों को तटीय क्षेत्रों में भ्रमणशील रहने का निर्देश दिया. तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से भी अपील करते हुए सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है.
एमजीएम अस्पताल की इमरजेंसी के पास स्थित बरामदे को घेर कर उसमें बेड लगाकर मरीजों का इलाज किया जा रहा है. लेकिन, तीन दिनों से जारी बारिश के कारण उसमें जलजमाव हो गया है. जिससे इलाज करा रहे मरीजों को परेशानी बढ़ गयी है. बुधवार की सुबह बरामदे में पानी भर गया. कर्मचारियों ने बताया कि बारिश का पानी खिड़की से भीतर आ जाता है जिससे कई मरीज पानी से भीग गये. वहां से मरीजों को हटाया गया.
सुवर्णरेखा नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए मानगो नगर निगम के कार्यपालक पदाधिकारी सुरेश यादव ने नगर निगम के विभिन्न क्षेत्रों दौरा किया. इस दौरान रामनगर, लक्ष्मण नगर, इंटेक वेल, ओल्ड पुरुलिया रोड, यशु भवन, चाणक्यपुरी, श्याम नगर में रहने वाले लोगों को अलर्ट करते हुए अस्थायी शेल्टर होम में जाने का अनुरोध किया है. मौके पर कार्यपालक पदाधिकारी सुरेश यादव, नगर प्रबंधक जितेंद्र कुमार, निशांत कुमार, कनीय अभियंता सुबोध कुमार, नंदू कुमार, कुमार अंशुमन, राजेश कुमार एवं अन्य कर्मी उपस्थित थे.
समाजिक संस्था ह्यूमन वेलफेयर ट्रस्ट ने बुधवार को उन क्षेत्रों का दौरा किया जहां बाढ़ आने की स्थिति बनी हुई है. ट्रस्ट ने हर संभव सहयोग करने का आश्वासन दिया है. नदी तट एवं निचले इलाकों में रहने वाले लोगों से सुरक्षित स्थानों में जाने का आग्रह किया है. इसके साथ ही कुछ स्थानों का चयन किया गया है, जहां रहने के साथ ही भोजन-पानी, मेडिकल, दवाई आदि की सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेंगी. ह्यूमन वेलफेयर ट्रस्ट को करीम कॉलेज में बनाये गये शरण स्थल की जिम्मेदारी सौंपी गयी है, जहां ट्रस्ट के लोग खाने से लेकर दवाई, मेडिकल आदि की सुविधाएं प्रदान करेंगे.
जिला पंचायत राज पदाधिकारी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी मुखिया एवं पंचायत सचिवों के साथ बैठक की. इसमें लगातार हो रही बारिश को देखते हुए वैसे सभी ग्राम पंचायत जो नदी के किनारे हैं, वहां माइकिंग के माध्यम से आमजन को नदी में बढ़ते जलस्तर को लेकर सुरक्षित स्थानों पर भेजने की बात कही. सभी पंचायत सचिव एवं मुखिया को निर्देश दिया कि पंचायत भवन को खुला रखें ताकि किसी का घर भारी बारिश में क्षतिग्रस्त होने पर वो पंचायत भवन में शरण ले सकें. वीसी में सभी प्रखंड समन्वयक एवं कनीय अभियंता भी जुड़े हुए थे.
बारिश के मौसम को देखते हुए जिले के लोगों को बिजली से जानमाल का नुकसान न हो इसके लिए उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है. उन्होंने कहा कि बरसात के दिनों में तेज हवा के कारण किसी खेत में पोल गिरे हो या पेड़ की टहनी बिजली के तार को छू रही हो तो तत्काल विद्युत आपूर्ति प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता को सूचना दें. बारिश के दौरान बिजली लाइन, ट्रांसफॉर्मर व पोल आदि से दूर रहें. बिजली लाइन या ट्रांसफॉर्मर से छेड़छाड़ नहीं करें. विद्युत लाइन के नीचे न बैठें न खड़े हों. कहीं पर अर्थिंग सेट में करंट आ रहा हो तो तुरंत संबंधित अभियंता या विद्युत उप केंद्र पर सूचना दें.