Jharkhand Weather News: झारखंड के इन जिलों में यलो अलर्ट जारी, जानें कहां-कहां होगी बारिश

jharkhand news: मौसम विभाग ने 11 से 13 जनवरी तक राज्य में यलो अलर्ट जारी किया है. इसको देखते हुए आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है. वहीं, बेमौसम बारिश से हजारीबाग के बड़कागांव में किसानों को काफी नुकसान हुआ है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 11, 2022 8:21 PM

Jharkhand Weather News: पश्चिमी विक्षोभ के कारण पिछले कुछ दिनों से झारखंड में मौसम का मिजाज बदला-बदला सा है. मौसम विभाग ने झारखंड के कुछ जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है. इन जिलों में 11 से 13 जनवरी तक मेघ गर्जन के साथ हल्की एवं मध्यम दर्जे की वर्षा होने की संभावना है. इस दौरान वज्रपात भी हो सकती है. इसको लेकर राज्य सरकार सतर्क है और विभागीय अधिकारियों को कई आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिये गये हैं.

इन जिलों में यलो अलर्ट

कोल्हान के पूर्वी सिंहभूम और सरायकेला के अलावा रांची, रामगढ़, हजारीबाग, खूंटी और बोकारो में मौसम विभाग ने यलो अलर्ट जारी किया है. इसके अलावा अन्य जिलों में भी बारिश की संभावना जतायी है. वहीं, 11 से 13 जनवरी तक यलो अलर्ट वाले जिलों में मेघ गर्जन के साथ हल्की एवं मध्यम दर्जे की बारिश की संभावना जतायी है. वहीं, वज्रपात की भी बात कही गयी है.

यलो अलर्ट को लेकर आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है. साथ ही यलो अलर्ट वाले जिलों के डीसी को विशेष तौर पर सतर्क रहने को कहा है. मंत्री ने लोगों से बारिश, ओलावृष्टि और वज्रपात से बचाव करने की अपील करते हुए कहा कि इस दौरान वे पेड़ के नीचे नहीं रहें. साथ ही बिजली के खंभों से दूरी बनाये रखें तथा किसान इस दौरान खेतों में ना जायें.

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बड़कागांव में बेमौसम बारिश से फसलों को हुआ नुकसान

हजारीबाग जिले के बड़कागांव प्रखंड में बेमौसम बारिश से गेहूं छोड़कर अधिकांश फसलों को नुकसान हुआ है. इससे लाखों रुपये की क्षति हुई है. काड़तरी के किसान धर्मनाथ कुमार ने बताया कि अक्टूबर माह में लगाये गये आलू, मूली, मिर्ची, गाजर, शलजम और सरसों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है. बेमौसम बारिश और बूंदा-बांदी के कारण सरसों की तैयार फसल की पैदावार काफी हद तक प्रभावित हुई है.

खेत में पानी जमा हो जाने और दलदल होने के कारण आलू की पैदावार पर भी खासा असर पड़ा है. प्रखंड में आलू और सरसों के करीब 30 फीसदी नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है. दोनों फसलें लगभग तैयार हो गई थीं. लेकिन, पानी भर जाने से आलू के सड़ जाने और गुणवत्ता प्रभावित होने का संकट पैदा हो गया है. यही स्थिति सरसों का भी है. सरसों में फूल लग गये थे, जो दाने पड़ने के पहले ही बरसात के कारण नष्ट हो गये.

बरसात से प्रभावित हुई पैदावार के कारण सरसों के तेल के दाम में और बढ़ोतरी की उम्मीद जतायी जा रही है. प्याज की बीज खेतों में लगाया गया था, लेकिन खेत में पानी भर जाने के कारण बीज सड़ गया. अब लगता है कि पौधे नहीं निकल पायेंगे.

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इससे पहले 26 दिसंबर को भी जोरदार बारिश हुई थी. इससे भी फसल को नुकसान हुआ था. बड़कागांव प्रखंड के बड़कागांव काड़तरी, सोनबरसा, जुगरा, चेपाकला, सीकरी, खैरातरी, सिरमा, सांढ़, विश्रामपुर, नया टांड़, तलसवार, बादम, हरली, गंगा दोहर, गोंदलपुरा, महुगाई खुर्द, मंहुगाई कला, नापोकला आदि गांवों में फसलों को नुकसान हुआ है. किसानों ने आपदा प्रबंधन विभाग से क्षतिपूर्ति के तौर पर मुआवजे की मांग की है.

Posted By: Samir Ranjan.

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