Jamshedpur news. फाइलों पर ‘कुंडली’ मारकर बैठने में अन्य विभागों को मात दे रहा जेएनएसी

सोनारी दोमुहानी में रेस्टोरेंट का ठेका खत्म, बिना अवधि विस्तार के चल रहा काम

By Prabhat Khabar News Desk | January 12, 2025 6:23 PM
an image

Jamshedpur news.

फाइलों पर ‘कुंडली’ मारकर बैठने के मामले में जमशेदपुर अक्षेस अन्य विभागों को मात दे रही है. जेएनएसी में विसंगतियों के मामले एक के बाद एक सामने आ रहे हैं. एक तरफ पांच साल से ज्यादा समय बीतने के बाद भालुबासा में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यालय में बनी सभी टीन शेड दुकानों का अब तक आवंटन नहीं हो सका है. वहीं सोनारी दोमुहानी स्थित सामुदायिक शौचालय के ऊपरी तल पर बनाये गये रेस्टोरेंट एटमॉस्फेयर की बंदोबस्ती (टेंडर) तीन माह पहले, सोनारी मरीन ड्राइव में कचरा का निस्तारण करने वाली एजेंसी गुरु रामदास कंस्ट्रक्शन का एग्रीमेंट चार माह पहले ही समाप्त हो गयी है. मानगो जेपी सेतु बस स्टैंड की पार्किंग ठेका हो या साकची व बिष्टुपुर में वाहनों की पार्किंग का ठेका कोरोना संक्रमण काल से डिपार्टमेंटल स्तर पर चल रहे हैं. जमशेदपुर अक्षेस को पार्किंग का ठेकेदार नहीं मिल रहा है. एक-एक कर सरकारी फाइलों पर अधिकारी कुंडली मारकर बैठ गये हैं. इससे सरकार को हर माह लाखों रुपये राजस्व का नुकसान हो रहा है.

केस नंबर 1

सोनारी में रेस्टोरेंट एटमॉस्फेयर की बंदोबस्ती तीन माह पहले समाप्त

सोनारी दोमुहानी स्थित सामुदायिक शौचालय के ऊपरी तल पर बनाये गये रेस्टोरेंट एटमॉस्फेयर की बंदोबस्ती (टेंडर) तीन माह पूर्व ही समाप्त हो गयी है, लेकिन रेस्टोरेंट का संचालन पूर्व की तरह जारी है. अब तक जमशेदपुर अक्षेस ने रेस्टोरेंट के लिए टेंडर भी नहीं निकाला है, ना ही रेस्टोरेंट को अवधि विस्तार दी है. इससे जेएनएसी को पिछले तीन महीने से सरकारी राजस्व का चूना लग रहा है. जमशेदपुर अक्षेस 17 लाख रुपये में तीन साल के लिए शौचालय के ऊपरी तल पर बनाये गये रेस्टोरेंट की बंदोबस्ती की थी. बंदोबस्ती की समय सीमा समाप्त होने के बावजूद रेस्टोरेंट का संचालन पूर्व की तरह है. रेस्टोरेंट संचालन ने आवंटित जगह से ज्यादा जमीन की घेराबंदी कर ली गयी है.

केस नंबर 2

एग्रीमेंट की अवधि समाप्त, बिना अवधि विस्तार के चल रहा कार्य

दो अगस्त 2023 को जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति और पुणे की गुरु रामदास कंस्ट्रक्शन के बीच सोनारी मरीन ड्राइव में कचरे को डंप साइट से हटाने के लिए समझौता हुआ था. समझौते के तहत चार करोड़ 26 लाख रुपये से छह माह में लगभग 48000 मीट्रिक टन कचरे को बायोमाइनिंग और रिसोर्स रिकवरी के माध्यम से डंप साइट से हटाना था, लेकिन एजेंसी कचरा नहीं हटा सकी. एजेंसी को अवधि विस्तार का एग्रीमेंट अभी तक नहीं मिला है.

केस नंबर 3

भालुबासा टीन शेड की सभी दुकानों का आवंटन जेएनएसी नहीं कर सकी

भालुबासा पुल के पास पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यकाल में टीन शेड की 53 दुकान बनायी गयी थी, जो फुटपाथी दुकानदारों को दिया जाना था. रघुवर सरकार में इसका आवंटन हो भी गया था, लेकिन विधायक सरयू राय की आपत्ति के बाद दोबारा आवंटन प्रक्रिया शुरू हुई. विधायक सरयू राय का पांच कार्यकाल समाप्त हो गया, लेकिन टीन शेड की सभी दुकानों का आवंटन जेएनएसी नहीं कर सकी. जो दुकानें आवंटित हुई, उसमें ज्यादातर बंद ही रहती है, जबकि कई दुकानदार अब भी सड़क पर ही दुकान लगा परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं.

केस नंबर 4

खड़े-खड़े कबाड़ हो गयी बैटरी चालित ऑटो रिक्शा

साल 2022 में जेएनएसी ने कुकू बैटरी चालित ऑटो रिक्शा की खरीदारी की थी. गरीबों को रोजगार देने के उद्देश्य से खरीदे गये कुकू बैटरी चालित ऑटो रिक्शा का वितरण जमशेदपुर अक्षेस नहीं कर सकी. जेएनएसी कार्यालय में खड़े-खड़े ऑटो रिक्शा में जंग लगने लगी. टायर बैठ गये. जेएनएसी ने कचरा वाहन से ऑटो रिक्शा को रस्सी के सहारे टोचन कर सिदगोड़ा डिपो भेज दिया गया. सिदगोड़ा डिपो में भी खड़े- खड़े वाहन भी कबाड़ में तब्दील हो रहे हैं. बिना किसी तैयारी के ही ऐसे ऑटो की खरीदारी कर ली गयी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Exit mobile version