तीन डॉक्टर के भरोसे चल रहा है 30 बेड का जुगसलाई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र

जुगसलाई, बागबेड़ा, हरहरगुट्टू सहित आसपास रहने वाले लगभग डेढ़ लाख की आबादी को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिले, इसको लेकर जुगसलाई में चार करोड़ रुपये की लागत से तीस बेड का अस्पताल (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) बनाया गया है.

By Prabhat Khabar Print | June 24, 2024 6:31 PM

रोज पहुंच रहे 200-250 मरीज, नहीं हो पाता समुचित इलाज

डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजों को होती है परेशानी

जमशेदपुर :

जुगसलाई, बागबेड़ा, हरहरगुट्टू सहित आसपास रहने वाले लगभग डेढ़ लाख की आबादी को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिले, इसको लेकर जुगसलाई में चार करोड़ रुपये की लागत से तीस बेड का अस्पताल (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) बनाया गया है. लेकिन यहां न तो पर्याप्त डॉक्टर है और न ही कर्मचारी, जिससे मरीजों को काफी परेशानी हो रही है. तीस बेड के इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रभारी को मिलाकर तीन डॉक्टर तैनात हैं. वहीं एक प्रतिनियुक्ति पर हैं. इसको मिलाने पर चार डॉक्टर हैं. जिससे मरीजों का सही से इलाज तक नहीं हो पा रहा है. इस केंद्र में इलाज से संबंधित सुविधा नहीं होने के कारण मरीजों को सदर अस्पताल जाना पड़ता है. जबकि केंद्र में कम से कम सात डॉक्टर होना चाहिए. केंद्र प्रभारी को इलाज के साथ उनके अंदर में आने वाले अन्य स्वास्थ्य केंद्र के साथ ऑफिस का भी काम देखना पड़ रहा है. जिससे उनकी परेशानी बढ़ गयी है.

प्रसव के अलावे, जरनल मरीजों को नहीं किया जाता भर्ती

जुगसलाई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारियों ने बताया कि केंद्र में डॉक्टरों की कमी के कारण यहां सिर्फ प्रसव की सुविधा उपलब्ध है. वहीं जरनल बीमारी होने पर प्राथमिक उपचार किया जाता है, बाकी मरीजों की गंभीरता को देखते हुए उसे सदर या एमजीएम अस्पताल रेफर कर दिया जाता है. इस अस्पताल में दो जरनल फिजिशियन, एक डेंटल डॉक्टर हैं. केंद्र में 24 घंटे महिला एवं प्रसूति विभाग का इमरजेंसी व दिन में ओपीडी चलाया जाता है. वहीं इस केंद्र में प्रतिदिन 200 से 250 मरीज ओपीडी में इलाज कराने के लिए आते हैं.

नौ बेड का खुला टीबी विभाग, लेकिन दवा के अभाव में अभी भी बंद

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जुगसलाई में टीबी के मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जा सके, इसको लेकर नौ बेड का वार्ड चालू किया गया है. लेकिन अस्पताल में टीबी की दवा नहीं होने के कारण अभी तक उसको चालू नहीं किया जा सका है. जिसके कारण टीबी के मरीजों को सदर अस्पताल या एमजीएम जाना पड़ रहा है. वहां सिर्फ टीबी के मरीज की जांच हो रही, लेकिन दवा नहीं मिल रही है.

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध है

– जन्म प्रमाण पत्र निर्गत की सुविधा

– गर्भवती के लिए निःशुल्क अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था- नि:शुल्क संस्थागत सामान्य प्रसव

– नि:शुल्क ममता वाहन उपलब्ध कराने के साथ जांच व दवा- नियमित टीकाकरण

– आयुष्मान कार्ड एवं आभा कार्ड बनवाने की सुविधा- दंत चिकित्सा सुविधा

– चिकित्सक तथा सीएचओ के माध्यम से ई- संजीवनी द्वारा स्वास्थ्य परामर्श की सुविधा- सभी तरह के विभिन्न रोगों की जांच एवं रोकथाम के उपाय एवं नि:शुल्क दवा का वितरण

– परिवार नियोजन से संबंधित विभिन्न उपाय एवं परामर्श की सुविधा- सभी वर्ग यथा बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का नि:शुल्क हिमोग्लोबिन जांच, आयरन की गोली देना

-हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर स्तर पर एनसीडी की सुविधा उपलब्ध एवं रेफरल की सुविधा

उपलब्ध संसाधन में बेहतर सुविधा देने का प्रयास : सीएस

पूरे जिले में डॉक्टरों की कमी है. इसके लिए समय-समय पर बहाली निकाली जाती है. इसके साथ ही डॉक्टर उपलब्ध कराने के लिए विभाग को भी लिखा गया है. वहीं अभी जितना डॉक्टर व संसाधन है, उसमें मरीजों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने की कोशिश की जा रही है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version