Jusco labor union election: हाईकोर्ट में ढाई साल तक चले मुकदमे के बाद जुस्को श्रमिक यूनियन चुनाव कराने की अनुमति तो मिली, लेकिन चुनाव समिति के क्रियाकलाप और पारदर्शिता पर सवाल उठा है. विपक्ष के नेता गोपाल जायसवाल और एसएल दास ने चुनाव पदाधिकारी सीएस झा पर निवर्तमान अध्यक्ष रघुनाथ पांडेय के प्रभाव में आकर काम करने का आरोप लगाया है. इसके खिलाफ वे चुनाव कार्यालय के समक्ष धरना पर बैठ गए. अनियमितता को लेकर उन्होंने हंगामा किया.
चुपके से चुनाव की कर दी घोषणा
विपक्ष के नेता गोपाल जायसवाल रविवार को यूनियन कार्यालय के समक्ष धरना पर बैठ गये. दरअसल यूनियन चुनाव की सारी प्रक्रिया मार्च 2020 में ही पूरी हो चुकी थी, बस मतदान बाकी रह गया था. इसी बीच लॉकडाउन और चुनाव पर रोक लगा दी गयी. अब ज़ब चुनाव की अनुमति मिली तो अध्यक्ष पद के तीन उम्मीदवार में से दो उदय नारायण और संतोष कुमार झा सेवानिवृत हो चुके हैं. ऐसे में तीसरे उम्मीदवार रघुनाथ पांडेय बच गये हैं. ये निर्विरोध हो सकते थे, लेकिन इस पर सवाल न उठे और दूसरा कोई उम्मीदवार भी सामने नहीं आये. इसलिए रविवार सुबह छह बजे चोरी चुपके से नोटिस लगाकर चुनाव की घोषणा कर दी गयी. सुबह 8 से 10 बजे तक नॉमिनेशन फॉर्म लेने का समय निर्धारित किया गया था. जब तक कर्मियों को जानकारी होती तब तक समय समाप्त हो गया था.
वोटर लिस्ट में नाम गायब पर हंगामा
वोटर लिस्ट में कई कर्मचारियों का नाम नहीं होने और उम्मीदवार की ही लिस्ट गायब होने को लेकर खूब हंगामा हुआ. दरअसल डिस्ट्रीब्यूशन वाटर के कर्मचारी सुखवीर सिंह परमार का तबादला यूटिलिटी बिलिंग विभाग में हो गया है. लिस्ट बनाने में गड़बड़ी की गयी और उम्मीदवार का नाम ही गायब कर दिया गया. जब इस बात की लिखित शिकायत चुनाव पदाधिकारी सीएस झा से की गयी तो उन्होंने शिकायत लेने से इनकार कर दिया. इसके बाद कर्मियों ने जमकर हंगामा किया.
26 अक्टूबर को चुनाव की घोषणा
दूसरी ओर 26 अक्टूबर को मतदान तिथि की घोषणा कर दी गयी है. अब विपक्ष इसको मुद्दा बना रहा है. विपक्ष पूर्व में ही मतदान की तिथि छठ पूजा के बाद घोषित करने की मांग कर चुका है. फिलहाल इस मामले में चुनाव पदाधिकारी मौन हैं. वे फोन रिसीव नहीं कर रहे हैं.
रिपोर्ट : विकास कुमार श्रीवास्तव, जमशेदपुर