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ज्योति अग्रवाल हत्याकांड का झारखंड पुलिस ने किया खुलासा, रास्ते से हटाने के लिए पति रवि अग्रवाल ने ही शूटरों से करायी थी हत्या

ज्योति अग्रवाल हत्याकांड का झारखंड की सरायकेला-खरसावां पुलिस ने खुलासा कर दिया. रास्ते से हटाने के लिए पति रवि अग्रवाल ने ही शूटरों से पत्नी की हत्या करायी थी. एसपी ने कहा कि हत्याकांड को सुलझाने में शामिल पुलिसकर्मी सम्मानित किए जाएंगे.

By Guru Swarup Mishra | April 1, 2024 10:37 PM
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जमशेदपुर (पूर्वी सिंहभूम)/सरायकेला खरसावां: पिछले ढाई वर्षों से ज्योति अग्रवाल से परेशान उसका पति रवि अग्रवाल उसे अपने रास्ते से हटाना चाहता था. इसके लिए उसने कई बार प्रयास भी किये, लेकिन उसमें वह असफल रहा था, लेकिन 29 मार्च को ज्योति की हत्या कराने में वह सफल हो गया. इसके लिए वह दो-तीन माह से हत्या की योजना पर काम रहा था. शुक्रवार (29 मार्च) की सुबह उसने दोनों शूटरों को अपनी कार में बैठा कर योजना के बारे में बताया था. उसके बाद सुबह दोनों शूटर को लेकर कांदरबेड़ा (घटनास्थल पर) गया था. कांदरबेड़ा में कार कहां रोकेंगे, उस जगह को भी दिखाया था. उसके बाद शूटरों को इस बात की भी जानकारी दी थी कि वह कितने बजे होटल से खाना खा कर बाहर आयेगा. रवि ने होटल से निकलने के दौरान भी शूटरों को इंस्टाग्राम पर निकलने की जानकारी अपने फोन से दी थी. इसके बाद वह मिनी पंजाब रेस्टोरेंट से बाहर निकला. सोमवार को सरायकेला-खरसावां पुलिस ने ज्योति अग्रवाल हत्याकांड का उद्भेदन किया. ऑटो क्लस्टर आदित्यपुर में एसपी मनीष टोप्पो ने संवाददाता सम्मेलन कर हत्याकांड से जुड़ी जानकारियां दीं.

रवि के बयानों में था विरोधाभास, ससुर के केस दर्ज कराने के बाद कई सबूत हाथ लगे
एसपी ने बताया कि रवि अग्रवाल अपनी पत्नी से परेशान था. उसे अपने रास्ते से हटाने के लिए उसने पूर्व में कई बार प्रयास किया. लेकिन 29 मार्च को वह सफल हो गया. हत्या के बाद ज्योति के पिता प्रेमचंद्र अग्रवाल ने रवि के खिलाफ साजिश के तहत हत्या कराने का केस दर्ज कराया. छानबीन के दौरान पुलिस को रवि के विरोधाभासी बयानों से पहले ही शक हो गया था और पिता की ओर से दायर केस के आधार पर पुलिस को कई तकनीकी सबूत हाथ लग गये. हालांकि पति- पत्नी के बीच अनबन के असली कारण अभी भी स्पष्ट नहीं हो पाया है. आखिर ऐसी कौन सी वजह थी जो रवि ने अपनी पत्नी को रास्ते से हटा दिया. एसपी ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने पति रवि अग्रवाल, शूटर पंकज सहानी, रोहित कुमार दुबे और चालक मुकेश मिश्रा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. अपराधियों के पास से पुलिस ने एक देसी कट्टा, घटना में प्रयुक्त स्विफ्ट कार बरामद किये हैं. कार मुकेश मिश्रा की है. वह वर्तमान में किराये पर कार चलाता है. वहीं, रोहित कुमार दुबे का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है. वह उन लोगों के साथ मौके पर मौजूद था. इस हत्याकांड का मुख्य शूटर विशाल समेत दो अपराधी अब भी फरार हैं, जिसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है.

पंकज सहानी ने चलायी पहली गोली
पुलिस के अनुसार, कांदरबेड़ा में गाड़ी रोकने के बाद जैसे ही रवि अग्रवाल उल्टी करने के लिए अपना सिर नीचे झुकाया, तो रवि के सिर के पीछे से ज्योति अग्रवाल की हत्या करने के लिए पहली गोली पंकज साहनी ने चलायी. लेकिन किसी कारण गोली मिस फायर हो गयी. उसी दौरान फरार शूटर विशाल ने कार के बायीं ओर की खिड़की के पास गया और ज्योति को सीधे सिर में गोली मार दी. उसके बाद स्विफ्ट कार से सभी फरार हो गये. हत्या के दौरान पांच अपराधकर्मी मौजूद थे. घटना को अंजाम देने के बाद सभी अपने-अपने घर चले गये. उसके बाद जब पुलिस ने रवि अग्रवाल से कड़ाई से पूछताछ की तो उसने हत्या की पूरी कहानी बतायी. रवि अग्रवाल की निशानदेही पर पुलिस ने सभी की बारी- बारी से गिरफ्तार कर लिया. पंकज की निशानदेही पर पुलिस ने हथियार भी बरामद कर लिये.

हथियार खरीदने के लिए रवि से तीन लाख रुपये एडवांस लिये थे
हथियार खरीदने के लिए विशाल और पंकज ने रवि अग्रवाल से तीन लाख रुपये एडवांस लिये थे. रवि को विशाल ने कहा था कि पिछली बार अच्छे हथियार नहीं होने के कारण सफलता नहीं मिल पायी थी. विशाल ने हथियार कहां से और कितने रुपये में खरीदे, इस बारे में गिरफ्तार अपराधियों को कोई जानकारी नहीं है. पंकज कुमार साहनी और विशाल के खिलाफ पूर्व से केस दर्ज हैं.

तलाक पेपर और एकरारनामा पर हस्ताक्षर नहीं करने से भी परेशान था रवि
पत्नी से परेशान रवि अग्रवाल ने सबसे पहले तलाक का पेपर तैयार किया. उसके बाद वह ज्योति को हस्ताक्षर करने को कहा, लेकिन ज्योति और उसके मायके पक्ष के लोगों ने विरोध कर दिया. उसके बाद उसने एक एकरारनामा तैयार करवाया, जिसमें लिखा था कि उनकी बेटी बीमार रहती है. ऐसे में अगर कोई घटना होती है, तो उसकी जिम्मेवारी उनकी नहीं होगी. लेकिन ज्योति के पिता के अधिवक्ता ने इस एकरारनामा पर भी हस्ताक्षर करने से साफ मना कर दिया. इसके बाद रवि लगातार पत्नी से हो रहे झगड़े से परेशान था.

हत्या के अगले ही दिन ससुर ने दर्ज कराया केस
ससुर प्रेमचंद अग्रवाल ने घटना के दूसरे दिन (30 मार्च को) चांडिल थाना में रवि अग्रवाल के खिलाफ बेटी की साजिश कर हत्या कराने का केस दर्ज कराया. केस दर्ज कराने के बाद पुलिस को रवि पर और शक हो गया. उसके बाद पुलिस ने रवि से कड़ाई से पूछताछ शुरू की. प्रेमचंद्र अग्रवाल द्वारा दर्ज आवेदन के अनुसार, वर्ष 2009 में शादी के बाद से ही रवि और ज्योति में अनबन शुरू हो गयी थी. दो-तीन साल से विवाद काफी बढ़ गया था. 26 मई 2023 को रवि पत्नी और दोनों बच्चों के साथ घूमने गैंगटॉक गया था. वहां रवि ने ज्योति का मुंह और गला दबा कर बाथ टब में घुसा कर जान से मारने का प्रयास किया था. लेकिन ज्योति खुद को बचाकर वापस आयी. रवि ज्योति को जबरन शराब पिलाने की कोशिश करता था. वह खुद भी शराब पीने का काफी आदि है. पुलिस के अनुसार, ज्योति भी शराब पीने लगी थी. विवाद होने पर कई बार उनके परिवार ने समझा बुझाकर मामले को शांत करने की कोशिश की. एक बार ज्योति ने आत्महत्या की भी कोशिश की थी. जिसके बाद रवि अग्रवाल ने एक एफिडेविट तैयार किया था कि ज्योति कुछ भी ऐसा करती है तो वह या उसका परिवार जिम्मेदार नहीं होगा. प्रेमचंद के मुताबिक, रवि अग्रवाल ने कहा था कि कुछ असामाजिक तत्व उसे धमकी दे रहे हैं. रंगदारी की मांग कर रहे हैं. इसके बाद उन्होंने एसएसपी से मिलने की बात कही, तो रवि ने इंकार कर दिया था. शिकायत में यह भी लिखा है कि 21 मार्च 2024 को रवि ने ज्योति को मायके भेजने की बात यह कहकर की कि या तो घर पर वो रहेगा या ज्योति. तब मायके के लोग ज्योति को लेकर जुगसलाई आ गये थे. फिर 24 मार्च को समझा- बुझाकर वापस ज्योति को रवि के पास भेजा गया था.

टीम में शमिल पुलिसकर्मी होंगे सम्मानित
एसपी मनीष टोप्पो ने कहा कि ज्योति हत्याकांड मामले का उद्भेदन कम समय में बेहतर ढंग से किया गया. इस मामले के उद्भेदन टीम में शामिल सभी पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया जायेगा. टीम में एडीपीओ सुनील कुमार रजवार, सर्किल इंस्पेक्टर अजय कुमार, चांडिल थाना प्रभारी वरुण कुमार, चौका थाना प्रभारी बजरंग महतो, कपाली ओपी प्रभारी सोनू कुमार, ईचागढ़ प्रभारी विक्रमादित्य पांडेय प्रमुख रूप से शामिल थे.

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