श्वास को संयम रखने की विधि है क्रिया योग : परिपूर्णानंद
क्रिया योग ध्यान मंडल जमशेदपुर शाखा की ओर से गुरुवार को सिदगोड़ा डिस्पेंसरी रोड स्थित बारा फ्लैट में तीन दिवसीय कार्यक्रम की हुई शुरुआत
जमशेदपुर.
क्रिया योग ध्यान मंडल जमशेदपुर शाखा की ओर से गुरुवार को सिदगोड़ा डिस्पेंसरी रोड स्थित बारा फ्लैट में तीन दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत हुई. प्रज्ञान मिशन कटक के स्वामी परिपूर्णानंद गिरि ने क्रिया योग ध्यान के बारे में कहा कि यह श्वास को संयम रखने की विधि है. यह प्राचीन ध्यान कौशल है. इसे अपनाकर ध्यान में प्रवेश किया जा सकता है. उन्होंने क्रिया का मतलब बताया, क्रि मतलब कर्म और या माने भगवान. यानी हर कर्म में भगवान को अनुभव करना ही क्रिया है.बहुत सारे थॉट को एक थॉट में लाना है
जब मस्तिष्क में बहुत विचार होते हैं, तब व्यक्ति मौन हो जाता है. इस क्रिया के जरिये बहुत सारे विचार को एक थॉट में में लाया जा सकता है. ध्यान की अवस्था में जाने पर सब चीज संभव है. उन्होंने कहा कि ध्यान में प्रवेश कर जाने पर आपका स्वास्थ्य सुंदर होगा. पारिवारिक माहौल अच्छा रहेगा. आर्थिक असुविधा दूर हो जायेगी. आपका बौद्धिक और शारीरिक विकास होगा. ईश्वर के लिए भक्ति पैदा हो जायेगी. आपमें सभी प्राणियों के लिए प्रेम पैदा हो जायेगा.गीता में क्रिया योग ध्यान का है उल्लेख
उन्होंने कहा कि जिस समय कोई धर्म नहीं था, उस समय सभी क्रिया योग ध्यान का अभ्यास करते थे. जिसका उल्लेख गीता के चतुर्थ अध्याय के प्रथम श्लोक में है. जिसमें कहा गया है भगवान श्रीहरि ने इसे सर्वप्रथम सूर्यदेव को बताया. सूर्यदेव ने मनु को बताया. फिर यह सारे जगत में फैल गया. कार्यक्रम का संचालन दिनेश मिश्रा ने क्रिया. उन्होंने स्वागत भाषण भी दिया. सर्वप्रथम सभी गुरुदेव को नमन किया गया. उसके बाद कार्यक्रम शुरू हुआ. इसमें क्रिया योग ध्यान मंडल जमशेदपुर के समस्त क्रियावान की भागीदारी रही. 22 नवंबर को दीक्षा कार्यक्रम है. दीक्षा के बाद टेक्निक क्लास होगी. इसमें महाराज की देखरेख में ध्यान (गुरुमुखी विद्या) करना सिखाया जायेगा. 23 नवंबर की सुबह नौ बजे से ध्यान कार्यक्रम होगा.
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