मन की आंखों से देखनेवाली निकिता UPSC क्रैक कर बनना चाहती है बड़ा अफसर, ये हैं रोल मॉडल

कुमारी निकिता जमशेदपुर के केरला पब्लिक स्कूल (कदमा) की 12वीं की छात्रा है. वह मन की आंखों से देखती है. सामान्य बच्चों के साथ पढ़ाई करती है. फरवरी में होने वाली बोर्ड परीक्षा में शामिल होगी. वह यूपीएससी क्रैक करना चाहती है. किरण बेदी उसकी प्रेरणास्रोत हैं.

By Guru Swarup Mishra | January 21, 2025 5:40 AM

जमशेदपुर, संदीप सावर्ण:
परवरिश की दहलीज से, तू चाहे मिन्नतें हजार कर
पर इस दुनिया की रंगत से पहले, तू खुद की नजरों से प्यार कर. यह कविता कुमारी निकिता ने लिखी है. वह अपनी कविता में खुद की नजरों से प्यार करने की बात कह रही है, लेकिन वह जन्म से ही दृष्टिबाधित है. वह दुनिया की चकाचौंध को देखने से वंचित है, लेकिन मन की आंखों से ना सिर्फ वह देखती है, बल्कि पढ़ाई भी खूब करती है. वह यूपीएससी क्रैक करना चाहती है. लड़कियों के लिए काम करना चाहती है. किरण बेदी उनकी प्रेरणास्रोत हैं. वह अपनी पढ़ाई दृष्टिबाधित स्कूल या स्पेशल स्टूडेंट्स के साथ नहीं, बल्कि उन स्टूडेंट्स के साथ कर रही है, जिनकी आंखें हैं, जो हर तरह से संपन्न और सक्षम हैं.

कुमारी निकिता का ये है सपना


कुमारी निकिता केरला पब्लिक स्कूल कदमा में 12वीं की छात्रा है. वह सामान्य बच्चों के साथ पढ़ाई करती है और उन बच्चों को पछाड़ भी रही है. दृष्टिबाधित होने के बाद भी उसके इरादे इतने फौलादी हैं कि वह यूपीएससी क्रैक करना चाहती है. यही कारण है कि उसने 11वीं में ह्यूमैनिटी विषय चुना है. निकिता कहती है कि वह यूपीएससी की परीक्षा पास करने के बाद गर्ल्स चाइल्ड पर विशेष रूप से काम करेगी.

ऐसे करती है पढ़ाई


कुमारी निकिता ने बताया कि स्कूल में टीचर जब इंग्लिश, अर्थशास्त्र, पॉलिटिकल साइंस जैसे विषय पढ़ाते हैं, तो उसे वह ध्यान से सुनने के साथ ही उसे रिकॉर्ड भी कर लेती है. इसके बाद जब वह घर जाती है, तो उसे ब्रेल लिपि से पढ़ती है. उसे याद करती है और परीक्षा में अपने राइटर की मदद से उसे बखूबी लिखती है. उसने 10वीं तक की पढ़ाई एनआइओएस बोर्ड से की है. 10वीं में 73 प्रतिशत अंक से पास करने के बाद सामान्य बच्चों के साथ पढ़ाई करने की सोची. पूर्ण रूप से दृष्टिबाधित होने के बावजूद केरला पब्लिक स्कूल कदमा प्रबंधन ने उसे मौका दिया और आज वह सामान्य बच्चों के साथ कदमताल करते हुए बखूबी आगे बढ़ रही है. निकिता फरवरी में शुरू हो रही 12वीं बोर्ड की परीक्षा में शामिल होगी.

यशस्वी है राइटर, क्लास टीचर वर्षा हैं गाइड


कुमारी निकिता के बारे में केरला पब्लिक स्कूल कदमा के प्रबंधन ने सीआईएससीई बोर्ड को बाकायदा लिखित रूप से जानकारी दे दी है. यही कारण है कि निकिता को उसकी जूनियर यशस्वी के रूप में राइटर अलॉट किया गया है. बोर्ड परीक्षा में निकिता प्रश्नों का जो उत्तर बताएगी, उसे यशस्वी लिखेगी. यह सारा कुछ एक शिक्षक की निगरानी में होगा. निकिता ने कहा कि 12वीं के कोर्स पूरा करने में उसकी क्लास टीचर वर्षा केडिया मुख्य भूमिका निभा रही हैं. आज वह अगर सामान्य बच्चों के साथ पढ़ाई कर पा रही है, तो उसका श्रेय शरत चंद्रन को जाता है. निकिता के पिता जगन्नाथ मुखियार टाटा स्टील कर्मी हैं, जबकि मां सीमा देवी गृहिणी हैं. परिवार कदमा इसीसी फ्लैट में रहता है.

किरण बेदी हैं प्रेरणास्रोत


कुमारी निकिता ने कहा कि वह फिल्म भी देखती है. टीवी पर जब फिल्में आ रही होती हैं, तो वह टीवी के सामने बैठ जाती है. उसमें जो संवाद होते हैं, उसे वह मन की आंखों से कल्पना करती है. उसने कहा कि चौथी क्लास में जब वह थी, तो उसने किरण बेदी पर आधारित एक फिल्म के संवाद को सुना था. उसी फिल्म की कहानी के बाद निकिता ने यूपीएससी की परीक्षा क्रैक करने का निर्णय लिया.

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