झारखंड और बंगाल में फिर आंदोलन करेंगे कुड़मी समाज के लोग, 20 सितंबर को है रेल चक्का जाम करने की तैयारी
हरमोहन महतो ने बताया इस बार के आंदोलन में झारखंड की खनिज संपदा को बाहर जाने से रोका जायेगा. जब तक कुड़मी को एसटी की सूची में शामिल नहीं किया जाता, इस तरह का आंदोलन चलता रहेगा.
कुड़मी समाज ने 20 सितंबर को वृहद पैमाने रेल चक्का जाम करने की तैयारी की है. इसे सफल बनाने के लिए कुड़मी समाज झारखंड व बंगाल के कुड़मी बहुल गांवों में कई बार बैठकें कर चुका है. आदिवासी कुड़मी समाज के केंद्रीय प्रवक्ता हरमोहन महतो ने बताया कि इस बार का रेल चक्का जाम ऐतिहासिक होगा.
श्री महतो ने बताया इस बार के आंदोलन में झारखंड की खनिज संपदा को बाहर जाने से रोका जायेगा. जब तक कुड़मी को एसटी की सूची में शामिल नहीं किया जाता, इस तरह का आंदोलन चलता रहेगा. सरकार से हमारी आर-पार की लड़ाई जारी रहेगी. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह त्रिपक्षीय वार्ता बुलाकर कुड़मी को अविलंब एसटी की सूची में शामिल करने की पहल करें.
आगामी 18 से 20 सितंबर तक विशेष सत्र होना है. सांसद विद्युतवरण महतो, सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी, राज्यसभा सांसद ममता कुमारी व खिरू महतो से अपील है कि वे सत्र में कुड़मी समाज की की मांग फिर से उठायें.
रेल चक्का जाम के लिए प्रमुख रेलवे स्टेशनों को चिह्नित किया गया है. साथ ही ट्रैक को जाम करने के लिए जिम्मेदारी भी तय की गयी है. मुरी स्टेशन पर शीतल ओहदार व हरमोहन महतो के नेतृत्व में ट्रैक जाम किया जायेगा. वहीं, संजीव महतो व मुरली महतो को मनोहरपुर स्टेशन, जयराम महतो व पदमालोचन महतो को नीमडीह स्टेशन, मंटू महतो व अन्य को गोमो स्टेशन,
अजीत महतो व अन्य को कुशटांड स्टेशन और राजेश महतो व अन्य को खेमासुली स्टेशन की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. कुड़मी सेना ने भी 20 को आहूत रेल टेका को समर्थन किया है. कुड़मी सेना झारखंड प्रदेश के अध्यक्ष विशाल चंद्र महतो व शैलेंद्र महतो ने बताया कि उनकी टीम भी पूरे दलबल के साथ रेल चक्का जाम कार्यक्रम में शामिल होगी.