एससी-एसटी का दर्जा पाने के लिए कुड़मी आदिवासियों का संघर्ष जारी, 12 घंटे तक जाम किया राजमार्ग
एससी-एसटी का दर्जा पाने के लिए कुड़मी आदिवासियों का संघर्ष जारी है. जमशेदपुर और पश्चिम बंगाल के सीमांत क्षेत्र में शनिवार को कुड़मी आदिवासी संगठन ने राजमार्ग जाम कर दिया. इस दौरान वे अपने वाद्य यंत्रों के साथ सड़क पर ही नाच गाना कर रहे थे.
जमशेदपुर, गौरव पाल. एससी-एसटी में शामिल होने के लिए कुड़मियों का संघर्ष जारी है. अपनी मांग को लेकर झारग्राम, पश्चिम मिदनापुर समेत कई जिलों में आदिवासी संगठन भारत जकात माझी परगना महाल ने शनिवार सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक सड़क को बंद कर दिया. इस बंदी से घाटशिला से बंगाल जाने वाले वाहनों का परिचालन बुरी तरह प्रभावित हुआ.
3 अप्रैल तक करेंगे बंदी
जानकारी के मुताबिक, कुड़मी आदिवासी संगठन इसी तरह 3 अप्रैल तक राजमार्ग को बंद करेंगे. उसके बाद 4 अप्रैल को अनिश्चित काल के लिए रेल और कोलकाता मुंबई एनएच को जाम कर दिया जाएगा. संगठन के आह्वान पर झारग्राम सहित विभिन्न जिलों के विभिन्न इलाकों में सड़क को जाम कर दिया गया. कहा गया है कि अगर इन 3 दिनों में कोई बात नहीं बनी तो आंदोलन को और उग्र रूप दिया जाएगा. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि कुड़मियों को हमेशा एसटी-एससी में शामिल करने के लिए आश्वासन देकर रोक दिया जाता है, लेकिन इस बार हमलोग नहीं मानेंगे.
वाद्य यंत्रों के साथ सड़क पर कर रहे थे नाच-गान
बता दें कि झारग्राम जिला के मानिकपाड़ा, सरडीहा, लोधाशुली, नयाग्राम, गोपीबल्लभपुर, बेल पहाड़ी, बिनपुर, गिधनी और चिचिड़ा सहित कई इलाकों में प्रदर्शनकारियों ने विरोध प्रदर्शन किया. बंद के दौरान समाज के लोगों ने पारंपरिक वाद्य यंत्र का प्रयोग किया. लोधाशूली के बाद गजाशिमुल में आदिवासी समाज के लोगों ने राज्य सड़क को बंद करके नारेबाजी की. इस दौरान वे अपने वाद्य यंत्रों को लाकर सड़क पर ही नाच गाना कर रहे थे.
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चरमरा गई सड़क यातायात व्यवस्था
इस प्रदर्शन के कारण जिले के कई इलाके में ट्रैफिक जाम लग गया और सड़क यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई. कई जगहों पर पुलिस और ट्रैफिक पुलिस को स्थिति को नियंत्रण में करते देखा गया. इस सड़क जाम से घाटशिला से बंगाल जाने वाले वाहनों का परिचालन प्रभावित हुआ और इसके कारण घाटशिला से बंगाल आने-जाने वाले यात्रियों को भी काफी परेशानी हुई.