जयपाल सिंह की पुस्तक ””””हौसले फिर भी बुलंद हैं”””” का लोकार्पण

जयपाल सिंह की पुस्तक ''हौसले फिर भी बुलंद हैं'' का लोकार्पण

By Prabhat Khabar News Desk | November 21, 2024 11:16 PM
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जमशेदपुर. बहुभाषीय साहित्यिक संस्था सहयोग की ओर से गुरुवार को रवींद्र भवन प्रांगण स्थित पुस्तक मेले में जयपाल सिंह की पुस्तक ””””हौसले फिर भी बुलंद हैं”””” का लोकार्पण किया गया. इसकी समीक्षा डॉ अनीता शर्मा ने की. उन्होंने कहा कि पुस्तक में 101 कविताएं, मुक्तक और शेरो-शायरी है. पहली कविता मां के नाम है. जिसमें वे कहना चाहते हैं कि मां के आशीर्वाद से ही यह उपलब्धि हासिल हुई. लेकिन, जब उपलब्धि मिली तो तुम नहीं हो. दूसरी कविता पिता पर है. उन्होंने कहा कि जयपाल सिंह झारखंड की प्रकृति से प्रेरित होकर लिखते हैं. रचनाकार जयपाल सिंह ने भी अपनी बात रखी.

माइ इमेजिनेशन माइ स्टोरी :

मौके पर डीएवी बिष्टुपुर की कक्षा चार के छात्र शिवांश मित्रा की पुस्तक “माइ इमेजिनेशन माइ स्टोरी ” का विमोचन भी किया गया. संस्था की अध्यक्ष डाॅ मुदिता चंद्रा ने पुस्तक पर प्रकाश डाला और शिवांश को बधाई दी. उन्होंने बताया कि शिवांस को अपने मामा से स्टोरी लिखने की प्रेरणा मिली. उनके मामा कई स्टोरी लिखते हैं और उसे बताते हैं. इसके बाद शिवांश ने डायरी में स्टोरी लिखना शुरू किया. स्टोरी जमा हो गयी तो इसे पब्लिश कराया. पुस्तक में हॉन्टेड हॉस्पिटल, घोस्ट डॉग, द घोस्ट बुक आदि नौ स्टोरी हैं. संस्था की सचिव विद्या तिवारी ने डाॅ रागिनी भूषण और विशिष्ट अतिथि लक्ष्मी सिंह बेदुला का पौधे देकर स्वागत किया. नीलांबर चौधरी ने सरस्वती वंदना की. विद्या तिवारी ने स्वागत भाषण दिया.

फिजा में महकी कविता :

कार्यक्रम के दूसरे भाग में काव्य गोष्ठी हुई. सुधा गोयल, डॉ ज्योत्सना अस्थाना, डॉ संध्या सिन्हा, उपासना सिन्हा, निवेदिता श्रीवास्तव, माधवी उपाध्याय, मामचंद अग्रवाल, बृजेंद्र नाथ मिश्रा, संतोष चौबे, सरिता सिंह, सुदीप्ता जेठी राउत, ममता सिंह, माधुरी मिश्रा, डॉ कल्याणी कबीर ने स्वचरित कविताओं का पाठ किया. इसकी अध्यक्षता डॉ रागिनी भूषण ने की. उन्होंने कहा कि पुस्तक का कोई विकल्प नहीं है. विचारों का विस्तार और गहराई सिर्फ पुस्तकों में ही निहित है. उपासना सिन्हा ने संचालन किया. माधुरी मिश्रा ने धन्यवाद ज्ञापन किया. गोष्ठी का संयोजन डॉ कल्याणी कबीर ने किया.

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