एलबीएसएम कॉलेज : 8 करोड़ के मल्टी परपस हॉल की दीवारों पर तीन साल में दिखने लगी दरार, इसके लिए कौन जिम्मेवार

जमशेदपुर शहर से सटे करनडीह स्थित एलबीएसएम कॉलेज में 7000 हजार पढ़ते हैं, इनमें अधिकतर विद्यार्थी ग्रामीण इलाकों से आते हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | December 21, 2023 1:45 AM

जमशेदपुर शहर से सटे करनडीह स्थित एलबीएसएम कॉलेज में 7000 हजार पढ़ते हैं, इनमें अधिकतर विद्यार्थी ग्रामीण इलाकों से आते हैं. इन विद्यार्थियों को बेहतर संसाधन उपलब्ध हो, पठन-पाठन के लिए उचित माहौल मिले, इसके दावे तो खूब किये जाते हैं लेकिन कॉलेज परिसर की सच्चाई कुछ और है है. कई चुनौतियों से जूझते हुए विद्यार्थी यहां शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. कॉलेज परिसर में स्थित मल्टी परपज हॉल तीन साल पूर्व आठ करोड की लागत से बना था. लेकिन उचित देखभाल व रखरखाव के अभाव में हॉल की स्थिति दिनों-दिन बदतर होती जा रही है. वैसे मल्टी परपज हॉल बाहर से चकाचक दिखता है लेकिन अंदर से दीवार में दरार पड़ने लगी है. कई जगह नल खराब हैं. बाथरूम में गंदगी है. टाइल्स टूट गये हैं. हॉल के प्रवेश द्वार के पास ही कचरे का अंबार है. हॉल में एसी की व्यवस्था नहीं है. गर्मी के दिनों में जब क्षमता के अनुसार इसमें एक साथ लोग बैठते हैं, तो काफी परेशानी होती है. हॉल के बीच में पंखा भी नहीं लगाया गया है. इसके पानी की टंकी में गंदगी है. लंबे समय से इसे साफ नहीं किया गया है.

गड्ढेनूमा स्थान पर खड़ा कर दिया गया भवन

जिस जगह पर मल्टी परपज हॉल का निर्माण हुआ है, वह स्थान गड्ढानूमा है. बरसात में यहां जलजमाव हो जाता है. अभी तक भवन में शिलापट्ट नहीं लगा है. इस संबंध में कोल्हान विश्वविद्यालय के सीसीडीसी ( भवन निर्माण का काम देखते हैं ) मनोज महापात्रा ने कहा कि भवन निर्माण से संबंधित सभी तथ्यों की जानकारी कोल्हान विश्वविद्यालय के अधिकृत लोग ही बता सकते हैं. लागत की सही जानकारी फाइल देखने के बाद ही दी जा सकती है.

सफाई कर्मियों की है कमी : प्राचार्य

हॉल के अंदर मेंटेनेंस का अभाव है. बिल्डिंग में लगी फायर मशीन कई जगह टूट गयी है. सीलिंग खराब हो रही है. प्राचार्य अशोक कुमार झा ने बताया कि सफाई कर्मियों की काफी कमी है. इतनी बड़ी बिल्डिंग की सफाई के लिए फंड की व्यवस्था नहीं की गयी है. इस हॉल में परीक्षाएं संचालित होती हैं. परीक्षा में एक साथ हजारों विद्यार्थी बैठते हैं. कई बार सामान क्षतिग्रस्त होता रहता है, उसे समय- समय पर ठीक कराया जाता है. बिल्डिंग की सफाई होती रहे, इसलिए इसमें परीक्षा विभाग स्थापित किया है.

स्थिति एक नजर में

  • 2020 : बनकर तैयार हुआ

  • 2021 : विधिवत शुरू किया गया

  • 1500 : लोगों के बैठने की क्षमता

  • आठ करोड़ आयी थी लागत

क्या कहते हैं विद्यार्थी

  • हॉल के मेंटेनेंस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. ऐसी ही स्थिति रही तो कुछ ही सालों में यह खंडहर में तब्दील हो जायेगा. – वैद्यनाथ मार्डी

  • कोल्हान विश्वविद्यालय सिर्फ भवन बनवा देता है लेकिन मेंटेनेंस के प्रति रुचि नहीं दिखाता. भवन निर्माण के दौरान भी उचित जमीन चयन का ख्याल नहीं रखा गया. बरसात में जल जमाव हो जाता है. – दूल्हा हेंब्रम

  • हॉल बने तीन साल नहीं हुए, लेकिन दीवार में दरार पड़ गयी. टाइल्स उखड़ने लगे हैं. हॉल में उचित पंखा भी नहीं लगा है. -सुरेश हांसदा

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