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सुरदा की 65 हेक्टेयर वनभूमि की लीज मिली, जल्द शुरू होगी खदान, विधायक रामदास के प्रयास से राज्य सरकार ने स्वीकृति दी

खदान बंद होने से हजारों मजदूर वर्षों से बेरोजगारी का दंश झेल रहे थे. मजदूरों ने विधायक रामदास का आभार जताया है. दरअसल, पिछले दिनों मजदूर यूनियन के प्रतिनिधियों के साथ विधायक रामदास सोरेन ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की थी.

मुसाबनी. कैबिनेट की बैठक में झारखंड सरकार ने एचसीएल (हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड) की सुरदा माइंस की लीज बंदोबस्ती के एकरारनामा के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है. अब वर्षों से बंद सुरदा खदान खुलने का मार्ग प्रशस्त हो गया है. खदान बंद होने से हजारों मजदूर वर्षों से बेरोजगारी का दंश झेल रहे थे. मजदूरों ने विधायक रामदास का आभार जताया है. दरअसल, पिछले दिनों मजदूर यूनियन के प्रतिनिधियों के साथ विधायक रामदास सोरेन ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की थी. सुरदा माइंस की लीज बंदोबस्ती के एकरारनामा के प्रस्ताव को जल्द कैबिनेट में पारित कराने की मांग की. मुख्यमंत्री ने भरोसा दिया था कि इस बार कैबिनेट में सुरदा माइंस लीज का मामला पारित कर दिया जायेगा. गुरुवार को कैबिनेट में सुरदा लीज का मामला पास हो गया. इससे जल्द सुरदा माइंस में सुचारू रूप से खनन कार्य शुरू होने की संभावना है.

प्रबंधन रांची में, सरकारी पत्र मिलने का इंतजार

ज्ञात हो कि एचसीएल/आइसीसी प्रबंधन के कई पदाधिकारी गुरुवार को रांची में थे. प्रबंधन के हवाले से बताया गया कि कैबिनेट में 65 हेक्टेयर वन भूमि की लीज को सरकार ने मंजूरी दी है. सुरदा माइंस में जल्द उत्पादन शुरू होने की संभावना है. पदाधिकारियों ने बताया कि देर रात उन्हें पत्र प्राप्त हो जायेगा.

अब डीड रजिस्ट्री के बाद मिलेगा खनन चालान

अब 65 हेक्टेयर वन भूमि की लीज मिलने के बाद सरकार और एचसीएल/आइसीसी के बीच डीड रजिस्ट्री होगी. इसके बाद सुरदा माइंस को खनन चालान मिलेगा. कैबिनेट में लीज का प्रस्ताव पास होने के बाद सुरदा माइंस के मजदूर प्रतिनिधियों में खुशी है.

एक अप्रैल, 2020 से बंद है खदान

गौरतलब हो कि माइंस की लीज खत्म होने पर एक अप्रैल, 2020 से सुरदा खदान बंद हो गयी. यहां काम करने वाले प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष तौर पर करीब दो हजार कर्मी बेरोजगार हो गये. 20 जून, 2024 को भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने 65.52 हेक्टेयर वन भूमि की लीज के लिए क्लीयरेंस दी थी.

चार साल में 450 करोड़ के राजस्व का नुकसान

चार साल से सुरदा खदान के बंद रहने से राज्य सरकार को लगभग 450 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है. खदान से राज्य सरकार को माइनिंग रॉयल्टी, डीएमएफटी फंड, इलेक्ट्रिसिटी, फॉरेस्ट रॉयल्टी, जीएसटी के रूप में राजस्व मिलता था. कुल 388 हेक्टेयर में फैली सुरदा माइंस की उत्पादन क्षमता 300 लाख टन प्रतिवर्ष है. एचसीएल प्रबंधन ने इसे बढ़ाकर सालाना 9 लाख टन कंसंट्रेट उत्पादन की योजना बनायी है.

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