झारखंड : कुष्ठ खोज अभियान में मिले 261 मरीज सबसे ज्यादा 64 मामले इस इलाके से
अगर किसी दाग में सुनापन है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाकर इसकी जांच कराये ताकि कुष्ठ रोग की पहचान हो सकें. इसके साथ ही उसका इलाज शुरू हो सकें.
जिले में कुष्ठ रोगी खोज अभियान 15 से 28 जून तक चलाया गया. उसके बाद इसका विस्तार करते हुए 04 से 11 जुलाई तक इस अभियान को चलाया गया. अभियान में 261 कुष्ठ रोगी की पुष्टि हुई है. जिसमें सबसे ज्यादा जुगसलाई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत 64 मरीज मिले है. जिनका नि:शुल्क इलाज चल रहा है. जिला कुष्ठ परामर्शी, डॉक्टर राजीव लोचन महतो ने कहा कि शरीर का हर दाग कुष्ठ नहीं होता है.
अगर किसी दाग में सुनापन है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाकर इसकी जांच कराये ताकि कुष्ठ रोग की पहचान हो सकें. इसके साथ ही उसका इलाज शुरू हो सकें. उन्होंने कहा कि कुष्ठ रोग का सभी सरकारी अस्पताल, स्वास्थ्य केंद्रों में नि:शुल्क इलाज किया जाता है. उन्होंने कहा कि अगर समय पर कुष्ठ रोग का इलाज शुरू कर दिया जाता है तो मरीज दिव्यांगता से बच सकता है. कायचिकित्सक,राज कुमार मिश्रा ने कहा कि हमें भी कुष्ठ रोगियों से सामान्य रोगी जैसा व्यवहार करने चाहिए. कुष्ठ रोग छूने से नहीं फैलता है और न यह पिछले जन्म का पाप से कोई संबंध है.
जिला कुष्ठ विभाग लगा रहा जांच शिविर
जिला कुष्ठ विभाग की ओर से सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में कुष्ठ रोगी जांच शिविर का आयोजन किया जा रहा है. कुष्ठ रोग से दिव्यांग हुए मरीजों को सेल्फ केयर किट व एमसीआर चप्पल दिया जाता है. डॉक्टर राजीव लोचन महतो बताया कि कोई भी कुष्ठ रोगी जिसको ऑपरेशन की जरूरत होती है उसका राज खरसावां आमदा स्थित निर्मला हॉस्पिटल में ऑपरेशन कराया जाता है.
वहीं सरकार की ओर से मरीज को खाने पीने के लिए 12 हजार रुपया दिया जाता है. इसके साथ ही उनका दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाकर दिया जाता है ताकि उन लोगों को स्वामी विवेकानंद दिव्यांग पेंशन योजना का लाभ मिल सकें. इसके लिए सरकार की ओर से एक हजार रुपया प्रतिमाह पेंशन मिलता है.
किस ब्लॉक में कितने मिले मरीज
ब्लॉक मरीजों की संख्या
चाकुलिया- 25
बहरागोड़ा- 27
धालभूमगढ- 11
घाटशिला- 12
मुसाबनी- 16
डुमरिया- 12
पोटका- 37
जुगसलाई- 64
पटमदा- 28
शहरी क्षेत्र- 29