लोकसभा चुनाव 2024: जमशेदपुर में लगातार तीन बार कोई नहीं जीता, भाजपा झामुमो ने लगा दी ताकत

लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर जमशेदपुर में भाजपा ने जमीनी स्तर पर अपनी तैयारी शुरू कर दी हैं. लोकसभा चुनाव के लिए कार्यालय खुल गया है. बूथ कमेटियों का गठन हो रहा है.

By Mithilesh Jha | February 24, 2024 6:38 AM

लोकसभा चुनाव 2024| जमशेदपुर, संजीव भारद्वाज : लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर जमशेदपुर में भाजपा ने जमीनी स्तर पर अपनी तैयारी शुरू कर दी हैं. लोकसभा चुनाव के लिए कार्यालय खुल गया है. बूथ कमेटियों का गठन हो रहा है.

चुनावी सभाओं के लिए तिथियों पर मंथन शुरू कर दिया गया है. दूसरी ओर लगातार तीसरी बार भाजपा का प्रत्याशी दिल्ली नहीं पहुंचे, इसे लेकर मौखिक नारेबाजी करने वाला विपक्ष अभी तक यह तय नहीं कर पा रहा है कि जमशेदपुर लोकसभा से झामुमो का प्रत्याशी होगा या कांग्रेस का.

2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में जीत चुके हैं विद्युत

2014 का चुनाव झाविमो की टिकट पर डॉ अजय कुमार ने लड़ा था, जिन्हें भाजपा प्रत्याशी विद्युत वरण महतो ने पराजित कर पहली बार लोकसभा में प्रवेश किया. कांग्रेस ने तत्कालीन मंत्री रहे जमशेदपुर पश्चिम के विधायक बन्ना गुप्ता को प्रत्याशी बनाया था.

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वर्ष 2019 के चुनाव में विपक्ष ने संयुक्त उम्मीदवार के रूप में झामुमो के वरीय नेता सह मौजूदा मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को मैदान में उतारा. लेकिन विद्युत वरण महतो ने अपने गुरु रहे चंपाई सोरेन को लगभग तीन लाख से अधिक मतों से पराजित कर लगातार दूसरी जीत दर्ज की.

कोल्हान में राजनीति गीता कोड़ा पर टिकी

राज्य में झामुमो, कांग्रेस व राजद का गठबंधन चल रहा है, जिसमें अब तक मजबूती भी दिख रही है. हालिया घटनाक्रम के बाद यह गठजोड़ और भी मजबूत हो गया है, इसके बावजूद झामुमो अब तक जमशेदपुर सीट को लेकर अडिग है.
किसी भी तरह की उलट-पलट होने की राजनीति हमेशा से संभावना बनी रहती है, जिसके क्रम में यह भी चर्चा है कि यदि सिंहभूम (चाईबासा) सीट से सांसद गीता कोड़ा भाजपा में जाती हैं, तो इस जमशेदपुर सीट में फेरबदल हो सकता है.

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कोल्हान में झामुमो-कांग्रेस की राजनीति गीता कोड़ा पर अटकी

ऐसी परस्थिति में कांग्रेस-झामुमो में दोनों सीटों को लेकर किसी तरह का समझौता हो सकता है. वैसे सिंहभूम सीट पर अपना उम्मीदवार देने के लिए झामुमो विधायकों के साथ कार्यकर्ता जोर लगाये हुए हैं, कोल्हान में झामुमो-कांग्रेस की पूरी राजनीति की सुई गीता कोड़ा पर टिकी है.

2011 के उपचुनाव में जीते थे झाविमो के डॉ अजय कुमार

झामुमो को यदि जमशेदपुर लोकसभा सीट मिल, तो वह आस्तिक महतो उर्फ बाबू भाई को उम्मीदवार बना सकती है. आस्तिक ने 2011 के उपचुनाव में आजसू के टिकट पर चुनाव लड़कर 80 हजार मत हासिल किये थे. इस उपचुनाव में डॉ अजय कुमार को झाविमो के टिकट पर जीत मिली थी.

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झामुमो व्यस्त, तो कांग्रेस ने मांगा आवेदन

झामुमो के नेता-कार्यकर्ता हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद जहां लगातार आंदोलन-बैठक और नये मंत्रिमंडल आदि में ही व्यस्त हैं, वहीं जमशेदपुर में कांग्रेस ने कार्यकर्ताओं से प्रत्याशियों के लिए आवेदन मांग कर सरगर्मी बढ़ा दी है.

डॉ अजय कुमार ने भी भले ही अपना आवेदन जमा कर दिया है, लेकिन वह पूरी तरह से यहां सक्रिय नहीं दिख रहे हैं. जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सह मंत्री के साथ उनके रिश्ते सर्वविदित हैं, बावजूद इसके सबसे मजबूत दावेदारों में वही हैं. यह भी चर्चा है कि झामुमो जमशेदपुर सीट छोड़ने को तैयार नहीं है.

इस आधार पर जमशेदपुर लोकसभा सीट पर दावेदारी कर रहा झामुमो

झामुमो का दावा है कि जमशेदपुर की 6 लोकसभा में उसके पास 4 विधायक हैं, ऐसे में उन्हें सीट पर लड़ने का अधिकार है. झामुमो के नेता-कार्यकर्ता हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद जहां लगातार आंदोलन-बैठक और नये मंत्रिमंडल आदि में ही व्यस्त हैं, वहीं जमशेदपुर में कांग्रेस ने कार्यकर्ताओं से प्रत्याशियों के लिए आवेदन मांग कर सरगर्मी बढ़ा दी है.

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डॉ अजय कुमार ने भी भले ही अपना आवेदन जमा कर दिया है, लेकिन वह पूरी तरह से यहां सक्रिय नहीं दिख रहे हैं. जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सह मंत्री के साथ उनके रिश्ते सर्वविदित हैं, बावजूद इसके सबसे मजबूत दावेदारों में वही हैं. यह भी चर्चा है कि झामुमो जमशेदपुर सीट छोड़ने को तैयार नहीं है. झामुमो का दावा है कि जमशेदपुर की छह लोकसभा में उसके पास चार विधायक हैं, ऐसे में उन्हें सीट पर लड़ने का अधिकार है.

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