मेड मां और टेलर पिता की बेटी बनी स्टेट की आर्ट्स टॉपर

जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज की छात्रा नंदिता हरिपाल जैक की इंटर आर्ट्स की परीक्षा में स्टेट टॉपर बनी हैं. उन्हें कुल 83.8 प्रतिशत अंक हासिल हुए. नंदिता हरिपाल के पिता राजेश हरिपाल एक बुटिक में टेलर हैं, जबकि मां रश्मि हरिपाल दूसरों के घरों में चौका-बर्तन का काम करती हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | July 18, 2020 4:57 AM

जमशेदपुर : जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज की छात्रा नंदिता हरिपाल जैक की इंटर आर्ट्स की परीक्षा में स्टेट टॉपर बनी हैं. उन्हें कुल 83.8 प्रतिशत अंक हासिल हुए. नंदिता हरिपाल के पिता राजेश हरिपाल एक बुटिक में टेलर हैं, जबकि मां रश्मि हरिपाल दूसरों के घरों में चौका-बर्तन का काम करती हैं. परिवार कदमा भाटिया भस्ती में किराये के मकान में रहता है. स्टेट टॉपर बनने के बाद नंदिता ने सबसे पहले प्रभात खबर के साथ अपनी खुशियों को साझा किया. नंदिता ने कहा कि उन्होंने कभी भी स्टेट टॉपर, तो क्या कॉलेज टॉपर बनने की भी नहीं सोची थी. उन्हें अब यह जानकारी मिल रही है.

उन्होंने बताया कि पढ़ाई को लेकर एक शेड्यूल तैयार किया था कि हर दिन पढ़ना है. ऐसा नहीं कि रात-रात भर जाग कर पढ़ाई करनी है. लेकिन यह तय था कि कुछ भी हो जाये, पढ़ाई को ब्रेक नहीं करती थी. चार घंटे पढ़ती थी. नंदिता कहती हैं कि उनका सपना सफल पत्रकार बनना है. यही कारण था कि वह 12वीं की पढ़ाई आर्ट्स लेकर कर रही हैं. अब मास कम्यूनिकेशन की पढ़ाई करेंगी. परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं रहीनंदिता ने कहा कि परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं रही कि इंग्लिश मीडियम में पढ़ाई कर सकें या फिर आगे जाकर पढ़ाई कर सकें. कई बार फीस देने में भी दिक्कत हो जाती थी.

लेकिन इस दिक्कत को दूर करने के लिए वह खुद ट्यूशन पढ़ाने लगीं. अब खुद अपनी फीस दे देती हैं. नंदिता का कहना है कि वह जब जिंदगी में कुछ बन जायेंगी, तब सभी शौकों को पूरा करेंगी. नंदिता ने बताया कि उनकी मां कई घरों में नौकरानी का काम करती हैं. मां पैसे के लिए बाहर काम कर सकें, इसके लिए वह घर का काम पूरा करती हैं. घर का खाना बनाना और अन्य सभी काम वह पूरा कर लेती हैं.

अपने छोटे भाई को भी वही पढ़ाती हैं.जूनियर्स को दिया संदेशनंदिता का कहना है कि लोग कई बार आर्ट्स को हीन भावना से देखते हैं. उन्हें वह बोलना चाहेंगी कि आर्ट्स लें अौर जमकर पढ़ाई करें. पढ़ाई किसी को दिखाने के लिए नहीं, बल्कि ईमानदारी से करें अौर हर दिन करें. क्योंकि कई बार पढ़ाई ब्रेक हो जाने की वजह से तारतम्य टूट जाता है. कितना भी व्यस्त रहें, पढ़ाई को ब्रेक न करें.

Post by : Pritish Sahay

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