जमशेदपुर : कहा जाता है कि अगर ईश्वर आपके साथ हो तो कोई आपका बाल भी बांका नहीं कर सकता है. ये कथन जोगिंदर सिंह की जिंदगी के साथ हाल ही में घटित घटना में बिल्कुल फिट बैठती है. दरअसल जमशेदपुर के मानगो के रहने वाले इस शख्स ने महाकुंभ मेले में 29 जनवरी के दिन शाही स्नान करने गये थे. लेकिन उसी दिन सुबह चार बजे अचानक भगदड़ मच गयी. जिस कारण वह अपने सात साथियों से बिछड़ गये.
लापता होने की खबर से परिवार में मच गया हड़कंप
उनके लापता होने की खबर जब परिजनों को मिली तो हड़कंप मच गया. बेटी सीमा देवी, पुत्र सूरज सिंह और दामाद संतोष सिंह उनकी तलाश में प्रयागराज के लिए 29 जनवरी को ही रवाना हो गये. छठे दिन काफी खोजबीन के बाद जोगिंदर सिंह तीन फरवरी की रात 9 बजे प्रयागराज स्टेशन के पास मिले.
जोगिंदर सिंह की बेटी सीमा देवी बोलीं- 27 जनवरी को ही निकले थे पिता
जोगिंदर सिंह की बेटी सीमा देवी ने बताया उनके पिता 27 जनवरी को सात लोगों के साथ प्रयागराज महाकुंभ मेले में स्नान करने गये थे. मौनी अमावसया (29 जनवरी) की सुबह चार बजे अंडरवेयर और गमछा में टेंट से स्नान करने के लिए निकले थे. अचानक भगदड़ मचने से वे अपने सात साथियों से बिछड़ गये. रास्ता का पता नहीं चलने से वे भटक गये. उनका मोबाइल फोन, कपड़ा, पैसा टेंट में ही छूट गया था.
महाकुंभ से जुड़ी खबरें यहां पढ़ें
प्रशासन से नहीं मिली कोई मदद
बेटी सीमा देवी ने कहा कि पिता के लापता होने की खबर सुनकर जब वे प्रयागराज पहुंचे, तो प्रशासन से किसी तरह की कोई मदद नहीं मिली. महाकुंभ मेले से लेकर थाने, अस्पताल का चक्कर दिन रात काटते रहे. यहां तक कि लावारिश पड़े शव को भी अस्पताल में जाकर देखा. कोई अधिकारी कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं थे. सभी एक दूसरे पर टाल रहे थे. सुबह से रात तक पिता की तलाश करते थे. अस्पताल में एक दो घंटे आराम करने के बाद फिर से उनकी तलाश में निकल जाते.