प्रमुख संवाददाता, जमशेदपुर
भारत में मैन्युफैक्चरिंग उद्योग आने वर्षों में 10 गुणा बढ़ेगा. देश की मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर जीडीपी का 16 से 17 फीसदी योगदान देता है, जिसका लक्ष्य 2025 तक देश की जीडीपी में कम से कम 25 फीसदी योगदान देना है. यह बातें ‘वोल्वो’ ग्रुप इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (एमडी) कमल बाली ने कही. श्री बाली शुक्रवार को भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) की ओर से आदित्यपुर के एक होटल में आयोजित 11वां मैन्युफैक्चरिंग कॉन्क्लेव इस्ट के दौरान बोल रहे थे.‘फ्यूचर रेडी टू फ्यूचर प्रुफ मैन्युफैक्चरिंग’ थीम पर आयोजित कॉन्क्लेव में उभरती प्रौद्योगिकियों और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र को भविष्य की चुनौतियों के बारे में उद्योग जगत के विशेषज्ञों ने अपनी बातों रखी. इसमें मुख्य अतिथि के तौर पर ‘वोल्वो’ ग्रुप इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (एमडी) कमल बाली ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में सुधार, सुशासन और इसका डिजिटलाइजेशन का होना जरूरी है. बुनियादी ढांचे और सामाजिक सुधारों पर जोर देना होगा. उन्होंने कहा कि पूरा विश्व अभी भारत की ओर देख रहा है. भारत की बढ़ती क्षमताओं के कारण विश्व जगत भरोसा जता रहा है. सरकार की पॉलिसी के कारण मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर तेजी से आगे बढ़ रहा है.
ओडिशा का काम काफी बेहतर, झारखंड में भी निवेशकों को बुलाने की जरूरत : बेहरा
सीआइआइ पूर्वी क्षेत्र के अध्यक्ष और आरएसबी ट्रांसमिशन के उपाध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक एसके बेहरा ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग उद्योग में पूर्वी क्षेत्र के कई राज्य बेहतर कार्य कर रहे हैं. खास तौर पर झारखंड का रोल बहुत ही महत्वपूर्ण है. देश के जीडीपी में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में योगदान 17 प्रतिशत है. इसके अलावा यह सेक्टर लाखों लोगों को रोजगार भी दे रहा है. उन्होंने बताया कि पूर्वोत्तर भारत में निवेश काफी बेहतर हुआ है. ओडिशा में टाटा स्टील 30 मिलियन टन, जिंदल पाराद्वीप में 30 मिलियन टन स्टील का उत्पादन करने जा रही है. इसके अलावा केमिकल व स्टील में जापानी स्टील कंपनियां भी रुचि दिखा रही है. झारखंड में भी ऐसे निवेशक आ सकते हैं, लेकिन उनको आमंत्रित करना होगा. बंगाल में सर्विस सेक्टर में काफी बेहतर काम चल रहा है, जबकि रायपुर में भी काम हो रहा है. पूर्वोत्तर भारत में सिंगूर की घटना के बाद से हालात सुधर नहीं पाये हैं. राजनीतिक परिदृश्य को भी बेहतर करने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि ओडिशा की वर्तमान सरकार पहले की सरकार के काम को आगे बढ़ा रही है. वर्तमान उद्योग मंत्री ने बताया कि 2.5 लाख करोड़ का इनवेस्टमेंट पूरे भारत में हो रहा है.डिजिटलाइजेशन पर जोर देने की जरूरत : रवींद्र कुलकर्णी
सीआइआइ जमशेदपुर के वाइस चेयरमैन सह टाटा मोटर्स लिमिटेड के जमशेदपुर प्लांट हेड रवींद्र कुलकर्णी ने मैन्युफैक्चरिंग उद्योग में डिजिटलाइजेशन पर जोर देते हुए कहा कि नयी तकनीक का उपयोग कर इस उद्योग को आगे बढ़ाया जा सकता है.
मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने में झारखंड का योगदान बड़ा
जेसीएपीसीपीएल के प्रबंध निदेशक उज्ज्वल चक्रवर्ती ने कहा कि भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने में झारखंड का योगदान बड़ा है. यहां मिनरल रिसोर्स की कमी नहीं है. कोयला, बॉक्साइट, यूरेनियम, अभ्रक आदि की भरमार है. यहां मैन्युफैक्चरिंग उद्योग की अपार संभावनाएं है. स्किल लेबर और मैनपावर की भी कमी नहीं है. राज्य सरकार की इवी, सोलर, एमएसएमइ पॉलिसी भी बेहतर है. बस यहां मैन्युफैक्चरिंग उद्योग को बढ़ावा देने की जरूरत है. सीआइआइ इआर मैन्युफैक्चरिंग सब कमेटी के चेयरमैन रामफल नेहरा ने कहा कि पूर्वी भारत के राज्यों में मैन्युफैक्चरिंग उद्योग को आगे बढ़ाने का प्रयास होना चाहिए. सीआइआइ झारखंड राज्य परिषद के अध्यक्ष और एमडेट जमशेदपुर प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक रंजोत सिंह ने कॉन्क्लेव में अतिथियों का स्वागत किया. टीटागढ़ रेल सिस्टम लिमिटेड के उप प्रबंध निदेशक प्रितिश चौधरी ने धन्यवाद ज्ञापन किया. वहीं तकनीकी सत्र में मेटल वर्क इंडस्ट्रीज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय सभरवाल, बीसीजी के प्रबंध निदेशक और वरिष्ठ पार्टनर सौरभ वर्मा, टाटा हिताची के वरिष्ठ उपाध्यक्ष आनंद और टाटा स्टील लिमिटेड के बिजनेस ट्रांसफॉर्मेशन सर्विसेज एंड डिजिटल के प्रमुख सरजीत झा समेत अन्य विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है