अराफात से मुदजलफा के रास्ते स्पेशल कॉरिडोर से बचाये गये हीट स्ट्रोक के शिकार हज यात्री
जमशेदपुर.
दुनियाभर से हज करने के लिए सऊदी अरब गए मुसलमानों के लिए इस साल तेज गर्मी बड़ी चुनौती बनी हुई है. सऊदी अरब का तापमान पिछले कई दिनों से औसतन लगभग 52 डिग्री है. गर्मी के चलते सऊदी अरब के मक्का में हाजी बेहाल हो गये हैं. जमशेदपुर से हज यात्रा पर गये पत्रकार मोहम्मद अरशद उज्जमां ने बताया कि मक्का में गर्मी काफी अधिक है. गर्म मौसम के कारण जमशेदपुर के कई हाजी मूर्छित-बेहोश होकर गिर जा रहे हैं. बेहोश होने वालों में वे खुद भी शामिल हैं. अरशद ने बताया कि जब वह अराफात से मुदजलफा जा रहे थे, उसी वक्त गर्मी की चपेट में आ गये. समय रहते सऊदी पुलिस ने वहां स्पेशल पैदल कॉरिडोर दिया, जिसके कारण वह सुरक्षित अस्पताल तक पहुंच पायें. शहर के कई हाजी अराफात, मुदजलफा और मीणा के अस्पताल व शिविरों में बीमार हालत में पड़े हैं. अल्लाह का शुक्र है कि जमशेदपुर के किसी भी हाजी के जान-माल का नुकसान नहीं हुआ है. सभी हाजी भीषण गर्मी में हज के मशक्कत भरे अरकान अदा करने के बाद अजीजिया क्षेत्र के होटलों में आराम कर रहे हैं. अजीजिया से हरम शरीफ तक भारतीय हाजियों की मुफ्त बस सर्विस 20 जून तक हज के कारण बंद है. भीषण गर्मी और बस सेवा नहीं होने के कारण हरम शरीफ की ओर काफी कम संख्या में हाजी जा रहे हैं. इस दौरान वे अजीजिया में ही रह कर इबादत में खुद को मशगूल रख रहे हैं.
मक्का-मदीना में हज (2024) के लिए पहुंचे 550 यात्रियों की मौत अब तक हो चुकी है, जबकि जमशेदपुर समेत दुनिया के कई अन्य देशों के हाजियों को गर्मी की वजह से हुई बीमारियों का सामना करना पड़ा है. सऊदी अरब में पड़ रही भीषण गर्मी ने तमाम इंतजाम के बावजूद पिछले साल भी 240 हज यात्रियों की जान ली थी. इस साल ये संख्या और ज्यादा हो गई है, इस वर्ष हुई मौतों में 323 नागरिक मिस्र और 60 जॉर्डन के हैं. इसके अलावा ईरान, इंडोनेशिया और सेनेगल के तीर्थयात्रियों की भी मौतें हुई है. सऊदी में जिस तरह से तापमान में वृद्धि हो रही, उसे देखते हुए यह कहा जा रहा है कि आने वाले वर्षों में हज यात्रा बहुत मुश्किल साबित हो सकती है.
गर्मी के कारण हाजियों की बढ़ेगी परेशानीजियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स के 2019 के एक अध्ययन में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण शुष्क सऊदी अरब में तापमान बढ़ने से हज करने वाले तीर्थ यात्रियों को अत्यधिक खतरे का सामना करना पड़ेगा. एक्सपर्ट का दावा है कि बुजुर्गों के लिए आने वाले वर्षों में हज करना असंभव हो जायेगा.
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