जमशेदपुर : दलमा में मिले हिमालय और विदेशों में पाए जाने वाले दुर्लभ व औषधीय पेड़-पौधे, किया जाएगा संरक्षण

जमशेदपुर के दलमा में कई दुर्लभ, पुराने और औषधीय पेड़-पौधे मिले. दलमा में अरब, फीलीपिंस व दक्षिण पूर्व एशिया में पाए जाने वाले हेमिग्राफिस, चीन, अफगानिस्तान और भूटान जैसे देशों में पाए जाने वाले डिक्लिप्टेरिसिया प्लांट भी मिले, ये हिमालय क्षेत्र में पाये जाते हैं. इनको संरक्षित किया जायेगा.

By Jaya Bharti | February 11, 2024 11:42 AM

जमशेदपुर के दलमा वन क्षेत्र में मिले पुराने, दुर्लभ व औषधीय पेड़- पौधों को संरक्षित किया जायेगा. ऐसे पेड़-पौधों को संरक्षित करने के लिए उसकी पहचान के साथ-साथ उनके नाम का टैग भी लगाया जायेगा, ताकि पर्यटकों को इसकी पहचान हो सके. पिछले दिनों कराये गये सर्वे में यह बातें सामने आयी थी कि दलमा में कई ऐसे पेड़-पौधे हैं, जो दुर्लभ हैं और ये देश के दूसरे हिस्से में नहीं मिलते हैं.

दलमा में मिले ये दुर्लभ प्लांट

अरब, फीलीपिंस और दक्षिण पूर्व एशिया में पाये जाने वाली हेमिग्राफिस यहां मिला है. वहीं, चीन, अफगानिस्तान और भूटान जैसे देशों में पाये जाने वाले डिक्लिप्टेरिसिया प्लांट भी यहां मिले हैं. ये प्लांट हिमालय क्षेत्र में पाये जाते हैं. बन कपास (थेसपेसिया लैंपस), राक्स्बयूरघियाना बवहिया समेत अन्य प्लांट भी यहां पाये गये हैं.

औषधीय गुण वाले पौधे भी हैं

करीब 194 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैले दलमा वन क्षेत्र में कई तरह के औषधीय पौधे पाये गये हैं. इनमें कालमेघ, गुलर, अर्जुन, इमली, पीपल, काला शीशम, बीजाशाल, बरगद, आंवला, चिरयता, हर्रे, बहेरा जैसे कई औषधीय गुण वाले पौधे हैं. काला शीशम के कई पेड़ हैं, जिसे भारत सरकार ने इंडिया फॉरेस्ट एक्ट 1972 के तहत संरक्षित घोषित किया है और इसका व्यापार गैर कानूनी है.

पेड़-पौधों को संरक्षण के लिए दी जाएगी ट्रेनिंग

दलमा डीएफओ डॉ अभिषेक कुमार ने कहा कि दलमा वन क्षेत्र में कई ऐसे पुराने और बहुमूल्य व औषधीय पेड़-पौधे मिले हैं. सर्वे में इनसे संबंधित जानकारी मिली है. इसके लिए लोगों को ट्रेनिंग दिलायी जायेगी कि किस तरह से ऐसे पेड़-पौधों को संरक्षित किया जा सकता है.

Also Read: झारखंड में 30 लाख पेड़ लगाने वाली सरायकेला की चामी मुर्मू को पद्म श्री पुरस्कार
Also Read: झारखंड : गांव बसाने के लिए सारंडा में काट डाले 500 से अधिक पेड़, वन विभाग और पुलिस ने लोगों को खदेड़ा

Next Article

Exit mobile version