Loading election data...

मरांग बुरु बचाओ भारत यात्रा शुरू, आदिवासियों ने झारखंड के 50 से अधिक स्थानों पर सौंपा ज्ञापन

आदिवासियों ने जो ज्ञापन सौंपा है उसमें कहा गया है कि बुरु आदिवासियों का ईश्वर है, जिसे जैन धर्मावलंबियों ने हड़प लिया है. सालखन मुर्मू ने कहा कि मरांग बुरु आदिवासियों के लिए अयोध्या के राम मंदिर से कम महत्वपूर्ण नहीं है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 18, 2023 8:52 AM

आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने गिरिडीह स्थित पारसनाथ पहाड़ ‘मरांग बुरु’ को बचाने के लिए भारत यात्रा की शुरुआत मंगलवार को जमशेदपुर में उपायुक्त कार्यालय से की. बताया गया कि पूर्वी सिंहभूम उपायुक्त कार्यालय समेत राज्य भर के 50 से अधिक स्थानों पर धरना-प्रदर्शन कर प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा गया है.

इसमें कहा गया कि मरांग बुरु आदिवासियों का ईश्वर है, जिसे जैन धर्मावलंबियों ने हड़प लिया है. सालखन मुर्मू ने कहा कि मरांग बुरु आदिवासियों के लिए अयोध्या के राम मंदिर से कम महत्वपूर्ण नहीं है. झारखंड सरकार ने भारत सरकार को पत्र लिखकर इसे जैनियों को सौंप दिया. यह दुनिया भर के आदिवासियों के साथ धोखा है. श्री मुर्मू ने कहा कि वे इस भारत यात्रा के तहत देश के विभिन्न राज्यों के आदिवासी बहुल जिलों में जनसभा करेंगे.

यह फरवरी 2023 के अंत तक जारी रहेगी. 18 को रांची, 19 को रामगढ़, 20 को हजारीबाग, 21 को जामताड़ा, 22 को दुमका व 23 जनवरी को गोड्डा की यात्रा की जायेगी. 25 को पुरुलिया, 26 को बांकुड़ा और 31 जनवरी को चाईबासा में सभा का आयोजन होगा. पांच प्रदेशों के 50 जिले मुख्यालय में मरांग बुरु बचाओ के लिए धरना-प्रदर्शन होगा, जिसके बाद राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित किया जायेगा. 30 जनवरी को पांच प्रदेशों के 50 जिले मुख्यालय में सरना धर्म कोड की मान्यता के लिए मशाल जुलूस निकाला जायेगा.

Next Article

Exit mobile version