न्यायिक दंडाधिकारी के खिलाफ दुष्कर्म, गर्भपात, दूसरी शादी करने व प्रताड़ना का मामला मुख्य संवाददाता, जमशेदपुर सीजेएम के आदेश पर एसीजेएम सौदामणि सिंह के कोर्ट में सोमवार को न्यायिक दंडाधिकारी नरेंद्र कुमार के खिलाफ दुष्कर्म, गर्भपात, दूसरी शादी करने व प्रताड़ना के केस में पीड़िता का 164 का बयान कलम बंद किया गया. सूत्रों के मुताबिक बंद कमरे में पीड़िता ने घटित घटना की जानकारी दी. पीड़िता ने कहा कि न्यायिक दंडाधिकारी नरेंद्र कुमार ने उसके साथ मंदिर में शादी की और कई स्थानों में घुमाने ले गये. पैतृक गांव भी ले गये. परिवार के लोगों से मिलाया. दवा खिलाकर कई बार गर्भपात कराया. इस दौरान न्यायिक दंडाधिकारी ने एक और फेसबुक दोस्त से शादी की. इसके बाद उसके साथ मारपीट की. उनका इलाज कराया समेत अन्य घटनाक्रम की जानकारी है. सारे बयान को कलम बंद किया गया. इससे पूर्व केस की अनुसंधान पदाधिकारी पल्लवी कुजूर ने सोमवार दोपहर को पीड़िता की मेडिकल जांच परसुडीह स्थित सदर अस्पताल में करायी. फिर कोर्ट में करीब पौने पांच बजे पीड़िता का बयान दर्ज कराने पहुंची. पीड़िता को कोर्ट में चेहरा ढंक कर लाया गया था. कोर्ट में पीड़िता से उनकी अधिवक्ता रंजना मिश्रा मिली. फिर पीड़िता का 164 का बयान दर्ज कराने के लिए एसीजेएम कोर्ट में ले जाया गया. दूसरी ओर न्यायिक दंडाधिकारी नरेंद्र कुमार की पत्नी शीतल यादव ने उक्त महिला के खिलाफ बिष्टुपुर थाना में 20 लाख रुपये रंगदारी मांगने के अलावा गहना व रुपये की चोरी करने व मारपीट करने की प्राथमिकी दर्ज करायी है. पुलिस इसकी भी जांच कर रही हैं.
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