जमशेदपुर : एमजीएम अस्पताल में गरीबी की वेदना एक बार फिर मानवीय संवेदना को झकझोरती नजर आयी. दर्द पीड़ा से तड़पती डुमरिया कांटासोल निवासी भगमत मार्डी की पत्नी को वार्ड में बेड पर ही प्रसव हो गया, लेकिन उसे देखने कोई डॉक्टर नहीं आया. पत्नी की जान बचाने की भाग-दौड़ में जुटे भगमत की पीड़ा तब और गहरी हो गयी जब उसे पता चला कि नवजात की मौत हो चुकी है. हां, उसे यह सुकून जरूर था कि पत्नी की जान बच गयी. घटना मंगलवार रात की है. गमगीन भगमत ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों की लापरवाही के कारण ही यह घटना घटी है.
अगर समय पर इलाज मिल जाता तो शायद कुछ अच्छा हो जाता.डुमरिया कांटासोल निवासी भगमत मार्डी प्रसव पीड़ा के बाद अपनी पत्नी को लेकर डुमरिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा. यहां स्थिति गंभीर बताकर उसे एंबुलेंस द्वारा सहिया के साथ एमजीएम अस्पताल भेज दिया गया. डॉक्टरों ने प्रसूता को वार्ड में भर्ती कर लिया. प्रसूता के साथ प्रसव तक रहने वाली सहिया भी एंबुलेंस के साथ ही डुमरिया लौट गयी.
भर्ती करने के बाद कोई डॉक्टर प्रसूता को देखने तक नहीं आया. वहां रात भी दर्द से तड़प रही थी. सुबह डॉक्टर ने कहा कि उसे ब्लड चढ़ाना होगा. इसके बाद भगमत ब्लड का इंतजाम करने में जुट गया. इस भाग-दौड़ के बीच वापस लौटने पर उसने देखा की पत्नी ने वार्ड में बेड पर ही शिशु को जन्म दे दिया है.
उसे बताया गया कि शिशु की मौत हो चुकी है. यह पता चलते ही प्रसव केंद्र के कर्मचारी व नर्सें आकर उसकी पत्नी को प्रसव केंद्र में ले गयी. उसकी स्थिति सामान्य बतायी जा रही है. अस्पताल में वार्ड में प्रसव व नवजात की मौत की कोई जानकारी नहीं है. पीड़ित की ओर से भी शिकायत नहीं की गयी है. मामले की जांच की जायेगी और दोषी पर कार्रवाई होगी. डॉ नकुल चौधरी, उपाधीक्षक एमजीएम अस्पताल .