जमशेदपुर: एमजीएम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की दो दिनों की जांच के बाद नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) की टीम मंगलवार की शाम को लौट गयी. टीम को मेडिकल कॉलेज में कई खामियां मिलीं, जिसके कारण एमबीबीएस की सीटें घटने की आशंका जतायी जा रही है. दरअसल, एमजीएम कॉलेज में प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर के लगभग 30 प्रतिशत, ट्यूटर व वरीय रेजीडेंट के 42 प्रतिशत पद खाली हैं.
इसके पहले प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर की कमी के कारण ही सीट कम हो हुई थी. एमजीएम के पदाधिकारियों ने बताया कि कई डॉक्टर रिटायर हो रहे हैं, लेकिन उनकी जगह पर किसी की बहाली नहीं हो रही है. इसके अलावा टीम ने एमजीएम मेडिकल कॉलेज में सभी विभागाध्यक्षों के बैठक की. टीम ने मेडिकल कॉलेज के टीचिंग स्टाफ के कागजात की जांच की. इसकी रिपोर्ट तैयार कर टीम देर शाम लौट गयी.
जांच में टीम ने पाया कि अस्पताल में जगह व संसाधन दोनों बढ़ाने की जरूरत है. कई फैकल्टी के साथ टीचिंग व नन टीचिंग स्टाफ की कमी है. वहीं डॉक्टर, कर्मचारियों की भी भारी कमी मिली. अस्पताल में कई सीटी स्कैन सहित अन्य कई मशीन जांच के दौरान खराब पायी गयी. कमियों के कारण पहले भी कॉलेज में एमबीबीएस की सीटें घट-बढ़ रही थी. इस समय कॉलेज में 100 सीट है. एनएमसी की टीम में डॉ पीके दास (लखनऊ), डॉ विजय नाथ (बेंगलुरू), डॉ विजय कुमार (कर्नाटक), डॉ परमा (गुजरात) के साथ कॉलेज के प्राचार्य डॉ केएन आदि मौजूद थे.
मेडिसिन में हो सकेगी अब पीजी की पढ़ाई
इस साल कॉलेज के कई विभागों में पीजी की पढ़ाई शुरू हुई है. अब मेडिसिन विभाग में भी एलओआइ मिल गयी है जल्द ही इसको मान्यता भी मिल जायेगी. उसके बाद मेडिसिन में भी पीजी की पढ़ाई शुरू हो जायेगी.
डॉ केएन सिंह, प्राचार्य, एमजीएम मेडिकल कॉलेज
Posted By: Sameer Oraon