जमशेदपुर : डिमना स्थित एमजीएम मेडिकल कॉलेज परिसर में नवनिर्मित 750 बेड के अस्पताल को सुपर स्पेशियलिटी सुविधाओं से लैस किया जायेगा. इसमें हार्ट, कैंसर व न्यूरो सहित 12 विभागों को संचालन किया जायेगा. उक्त बातें गुरुवार को नये अस्पताल का निरीक्षण करने आये स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह ने पत्रकारों से बात करते हुए कही. उन्होंने कहा कि साकची एमजीएम परिसर में पुरानी बिल्डिंग को तोड़कर नयी बिल्डिंग का निर्माण कार्य किया जा रहा है. ऐसे में वहां संचालित हो रहे सभी विभागों को 15 से 31 जनवरी के बीच इस नये अस्पताल में शिफ्ट किया जायेगा.
साकची में अस्पताल बनने के बाद फिर यहां होगी शिफ्टिंग
जमशेदपुर के साकची स्थित अस्पताल में सभी बिल्डिंग बनाने के बाद फिर विभागों को वहां शिफ्ट कर दिया जायेगा. इसको लेकर गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह के नेतृत्व में एक विशेष टीम एमजीएम कॉलेज में बन रहे नये अस्पताल का निरीक्षण किया. दस सदस्यीय टीम में स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव ललित मोहन शुक्ला, चिकित्सा-शिक्षा निदेशक डॉ. एसके सिंह, रांची रिम्स के हृदय रोग विभागाध्यक्ष डॉ. हेमंत नरायण, न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉ. रूपेश प्रसाद, रांची सदर अस्पताल के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ गुंजेश, डॉ. मानवी सुमन और हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अभिषेक मुख्य रूप से शामिल थे.
कैथ लैब का किया निरीक्षण
टीम के सदस्यों ने पूरे अस्पताल सहित नवनिर्मित कैथ लैब का निरीक्षण किया. इसके बाद प्रधान सचिव के साथ टीम के सदस्यों ने बैठक कर इसकी पूरी जानकारी दी. इसके साथ ही सुपर स्पेशियलिटी विभाग को लेकर विस्तार से चर्चा हुई. बैठक में जिले के उपायुक्त अनन्य मित्तल, एमजीएम कॉलेज प्राचार्य डॉ. दिवाकर हांसदा, अधीक्षक डॉ. शिखा रानी, उपाधीक्षक डॉ. जुझार माझी, डॉ. बलराम झा, डॉ. केके चौधरी, डॉ. पवन कुमार दत्ता सहित सभी विभागाध्यक्ष उपस्थित थे.
15 जनवरी से कैंसर, न्यूरो व हार्ट के ओपीडी की होगी शुरुआत
प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह ने बताया कि एमजीएम मेडिकल कॉलेज परिसर में बने सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में 12 गंभीर बीमारियों का इलाज हो सकेगा. इसमें हार्ट, कैंसर, न्यूरो, किडनी, प्लास्टिक सर्जरी, गैस्ट्रोएंटेरोलीज, यूरोलाजी, पल्मोनोलाजी, बच्चों की सर्जरी सहित अन्य विभाग शामिल होंगे. वहीं 15 जनवरी से अस्पताल में ओपीडी की शुरूआत कर दी जायेगी. उसके बाद इनडोर की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी. हार्ट, कैंसर, न्यूरो के ओपीडी चालने के लिए जबतक डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं हो जाती है तब तक निजी डॉक्टरों को हायर किया जायेगा. फिलहाल ओपीडी सप्ताह में एक, दो दिन चलेगा उसके बाद मरीजों की संख्या बढ़ने पर उसको बढ़ाया जायेगा. इसके लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों से बातचीत हुई है. स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सा-शिक्षा निदेशक डॉ. एसके सिंह ने कहा कि हार्ट ओपीडी में डॉ. विमलेंदु कुमार, कैंसर ओपीडी में डॉ. एस कुंडू और न्यूरो ओपीडी में डॉ. एन परवेज सेवा देंगे.
पानी के लिए पांच नये बोरिंग किए जाएंगे
नये अस्पताल में पानी की सुविधा नहीं है. इसको लेकर सचिव ने कहा कि पानी के लिए तत्काल पांच नये बोरिंग कराये जाएंगे, जो अस्थायी समाधान होगा. वहीं, स्थायी समाधान के लिए डिमना लेक से पानी लाने की योजना पर काम चल रही है.
नये अस्पताल में 75 बेड का होगा कैथ लैब
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि हार्ट मरीजों के लिए कैथ लैब का निर्माण हो रहा है, जो अंतिम चरण में है. मरीजों के लिए यहां 75 बेड होगा. कैथ लैब में हृदय से जुड़ी जांच और सभी तरह का इलाज की सुविधा उपलब्ध होगी.
हॉस्पिटल मैनेजर समेत कई नये पद होंगे सृजित
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल को बेहतर ढंग से संचालित करने और उसके देखरेख को लेकर धनबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल के तर्ज पर नये पद सृजित किये जायेंगे. इसकी सूची तैयार की जा रही है, जिसे कैबिनेट से पास कराया जायेगा. नये पद के रूप में एमजीएम में तीन हॉस्पिटल मैनेजर सहित 75 से अधिक विशेषज्ञ चिकित्सक शामिल होंगे. चूंकि, एमजीएम में अभी तक विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद सृजित नहीं है. विशेषज्ञ चिकित्सकों में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर सहित अन्य शामिल होंगे.
एमबीबीएस और पीजी की सीट बढ़ेगी
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि एमजीएम में जल्द ही एमबीबीएस की सीट बढ़कर 150 होगी. वहीं, पीजी की सीट बढ़कर 100 हो जायेगी. इसकी तैयारी चल रही है. फिलहाल एमजीएम में एमबीबीएस की 100 और पीजी की 45 सीट पर पढ़ाई होती है.
एमजीएम व सदर अस्पताल में पूरी रही तैयारी, पर नहीं गये प्रधान सचिव
झारखंड के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह गुरुवार को डिमना स्थीत एमजीएम कॉलेज परिसर में बन रहे नये अस्पताल का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे. उनके साथ रिम्स के डॉक्टरों की एक टीम थी. उन्होंने नये अस्पताल का निरीक्षण करने के साथ कॉलेज के प्राचार्य, अधीक्षक व टीम के सदस्यों के साथ बैठक की, वापस रांची चले गये. वहीं सचिव के आने की सूचना को लेकर एमजीएम अस्पताल व सदर अस्पताल में पूरी तैयारी की गयी थी. लेकिन सचिव नहीं आये.