एमजीएम मेडिकल कॉलेज के छात्र-छात्राएं 300 परिवार को लेंगे गोद
एमजीएम मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले एमबीबीएस के प्रत्येक छात्र-छात्राएं तीन परिवार को गोद लेंगे. नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने यह नयी पहल की है. इसके तहत ग्रामीण क्षेत्र के आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को गोद लिया जायेगा. छात्र उनकी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की देखरेख भी करेंगे.
सप्ताह में एक दिन जाकर करेंगे हीमोग्लोबिन, शुगर व बीपी की जांच
जमशेदपुर :
एमजीएम मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले एमबीबीएस के प्रत्येक छात्र-छात्रा तीन परिवार को गोद लेंगे. नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने यह नयी पहल की है. इसके तहत ग्रामीण क्षेत्र के आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को गोद लिया जायेगा. छात्र उनकी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की देखरेख भी करेंगे. एमजीएम मेडिकल कॉलेज में 100 सीट है, यानी यहां के सभी छात्र-छात्राएं कुल कुल 300 परिवार को गोद लेंगे. इसको लेकर एमजीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. केएन सिंह ने कॉलेज के सभी प्रोफेसर व अन्य डॉक्टरों संग एक बैठक की. बैठक में गोद लेने वाले निर्णय पर कैसे काम करना है, छात्रों के साथ कौन-कौन रहेगा, कैसे भ्रमण करेंगे इस बारे में चर्चा की गयी. प्राचार्य ने कहा कि एनएमसी के नियमों के तहत एमबीबीएस के हर छात्र-छात्राओं को आर्थिक रूप से कमजोर परिवार को गोद लेना होगा. इससे ग्रामीणों के साथ संवाद करने का मौका भी मिलेगा. वहीं आम आदमी की दिक्कतों को भी जान सकेंगे और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की मूलभूत समस्याओं को भी समझेंगे.सप्ताह में एक दिन छात्र-छात्राओं को गोद लिये परिवार की करनी होगी जांच
प्राचार्य ने कहा कि अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राएं इसकी रिपोर्ट कॉलेज को सौंपेंगे. उन्होंने कहा कि इसके तहत सप्ताह में एक दिन छात्र गोद लिए हुए परिवार के पास जाकर उनका हीमोग्लोबिन, शुगर व बीपी की जांच करेंगे. इसके अलावे अगर कोई बीमारी की पहचान होती है तो उसकी भी जांच कर दवा देंगे. जबतक वे पढ़ाई करेंगे, तब तक उस परिवार की देखरेख करनी होगी. उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी छात्र-छात्राओं को बीपी मशीन, शुगर व हीमोग्लोबिन जांच के लिए किट दी जायेगी. इसके साथ ही उन लोगों के साथ पारा मेडिकल की भी टीम रहेगी, ताकि वे लोग अपना काम आसानी से कर सकें.
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