विधायक सरयू राय ने सीएम चंपाई सोरेन को लिखा पत्र, मंत्री बन्ना गुप्ता पर लगाया अनियमितता का आरोप
पूर्व मंत्री और विधायक सरयू राय ने स्वास्थय मंत्री बन्ना गुप्ता पर अनियमितता का बड़ा आरोप लगाया है. सरयू राय ने पत्र लिखकर चंपाई सोरेन को जांच कराने के लिए कहा है.
जमशेदपुर : विधायक सरयू राय ने झारखंड में आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के क्रियान्वयन में भारी अनियमितता और इसमें राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता की भूमिका की जांच की मांग मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन से की है. इसके कारण राज्य के मरीजों को तो परेशानी हो ही रही है, सरकार के खजाना पर भी भारी चपत लग रही है. इस अनियमितता और भ्रष्टाचार में आयुष्मान भारत योजना के क्रियान्वयन के लिए चयनित बीमा कंपनी, बीमा कंपनी का बीमा करने वाली बीमा कंपनी और एक बिचौलिया निजी कंपनी के कारिंदे शामिल हैं, जिसे झारखंड सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने आयुष्मान योजना के क्रियान्वयन के लिए गठित झारखंड स्टेट आरोग्य सोसाइटी के माध्यम से पूरी प्रक्रिया में निःशुल्क सेवा देने के नाम पर शामिल किया है.
क्या लिखा पत्र में
मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को लिखे पत्र में विधायक सरयू राय ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की पहल पर झारखंड स्टेट आरोग्य सोसाइटी और एक निजी कंपनी ‘निरूज कंसलटेंट्स एलएलपी’ के बीच बीते 11 जनवरी, 2024 को एमओयू पर हस्ताक्षर हुआ था, जिसके अनुसार यह परामर्शी कंपनी आयुष्मान भारत के कतिपय कार्यों के लिए निःशुल्क सहयोग प्रदान करेगी. सहमति के बिंदु व्यापक, पर अस्पष्ट हैं.
क्या है मामला
9 फरवरी, 2024 को सोसाइटी द्वारा जारी अधिसूचना परिपत्र मे परामर्शी निरूज को जो कार्य सौंपे गये हैं, उनमें आयुष्मान योजना के क्रियान्वयन के लिए मैनेजमेंट इंफॉरमेशन सिस्टम का प्रतिवेदन समय-समय पर देना, सोसाइटी को जब भी और जहां भी जरूरत हो परियोजना के सफल क्रियान्वयन प्रक्रिया को परिभाषित करना, नियुक्त की गयी बीमा कंपनी की गतिविधियों पर नियमित निगरानी रखना, परियोजना के क्रियान्वयन की सामयिक समीक्षा करना आदि शामिल है. सोसाइटी और निरुज के बीच हुए समझौते में ये सभी कार्य निरुज को निःशुल्क करना है. आश्चर्य है कि कोई भी निजी कंपनी ऐसे पूर्णकालिक काम, जिसमें पर्याप्त मानव संसाधन एवं वित्तीय संसाधन की जरूरत होगी, निःशुल्क करने के लिए कैसे तैयार हो गयी है. क्या इसके पीछे कोई परोक्ष गुप्त योजना छुपी है, जो अनियमितता और भ्रष्टाचार का कारण बन रही है, जिससे सरकारी धन का अपव्यय हो रहा है और जिसके कारण आयुष्मान योजना में जालसाजी करने वाले अस्पतालों को चिन्हित करने, उन पर कार्रवाई की अनुशंसा करने और फिर उन्हें क्लीन चिट देने की कारवाई चल रही है. यह जांच का विषय है.
सरकार द्वारा आयुष्मान के लिए 2018 में चयनित नेशनल इंश्योरेंस बीमा कंपनी और पूर्व की पुनः बीमा कंपनी ‘हेक्सा’ के साथ और इसके स्थान पर अब चयनित नयी कंपनी पीक-री के साथ निरुज के प्रबंधकों के क्या संबंध हैं और इनके परस्पर हित क्या रहे हैं, इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग और आरोग्य सोसाइटी को होने के बावजूद इसका निःशुल्क सहयोग लेने का एमओयू करने के पीछे के कारण स्पष्ट हैं और इसका प्रतिकुल प्रभाव राज्य में आयुष्मान योजना के क्रियान्वयन पर परिलक्षित होने लगे हैं. कई अस्पतालों को प्रतिबंधित करने और कुछ समय बाद उन्हें प्रतिबंध मुक्त कर देने की प्रक्रिया चल रही है.