मोहरदा जलापूर्ति योजना पर खर्च होंगे 12 करोड़ रुपये, अब तक लगाये जा चुके हैं 5000 नये पेयजल कनेक्शन
सरयू राय ने कहा कि बैठक में यह भी निर्णय हुआ कि नगर विकास विभाग के अधिकारी राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजेंगे और टाटा स्टील के अधिकारी वरीय अधिकारियों को अवगत करायेंगे
मोहरदा पेयजल आपूर्ति परियोजना के उन्नयन और विस्तारित फेज-2 के क्रियान्वयन को लेकर नगर विकास एवं आवास विभाग की ओर से रांची स्मार्ट सिटी के सभागार में जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय की अध्यक्षता में बैठक हुई. इसमें विधायक सरयू राय ने कहा कि पहले चरण में मोहरदा जलापूर्ति योजना पर 12 करोड़ रुपये खर्च होंगे. पांच करोड़ रुपये झारखंड सरकार और सात करोड़ रुपये टाटा स्टील मुहैया करायेगी.
श्री राय ने कहा कि बैठक में यह भी निर्णय हुआ कि नगर विकास विभाग के अधिकारी राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजेंगे और टाटा स्टील के अधिकारी वरीय अधिकारियों को अवगत करायेंगे, ताकि इस प्रस्ताव को धरातल पर उतारा जा सके. मोहरदा योजना के फेज-2 के कार्यों में गति लाने के लिए शनिवार को जमशेदपुर में बैठक होगी, जिसमें टाटा स्टील, अक्षेस, जिला प्रशासन के अधिकारी समेत नियुक्त परामर्शी वेपकोस के लोग शामिल होंगे.
योजनाओं की दी जानकारी :
टाटा स्टील के पदाधिकारियों ने बताया कि वे अब तक 5000 नये पेयजल कनेक्शन दिये जा चुके हैं. 6000 अवैध में 3700 को वैध कर दिया गया है. परियोजना में 7000 मीटर नयी पाइप लाइन बिछाने पर काम चल रहा. इससे एक हजार नये घरों में कनेक्शन दिया जायेगा. इससे उपभोक्ताओं पर बोझ कम होगा. बैठक में इनकी रही मौजूदगी : रबैठक में सूडा के निदेशक अमित कुमार, धालभूम एसडीओ पीयूष सिन्हा, सूडा के उप निदेशक कृष्ण कुमार, जमशेदपुर अक्षेस के विशेष पदाधिकारी, संजय कुमार और टाटा स्टील यूआइएसएल के संजीव झा, राजवर्द्धन आदि शामिल थे.
औद्योगिक व घरेलू उपयोग के लिए अलग समय की जरूरत
टाटा स्टील और जमशेदपुर अक्षेस के पदाधिकारियों ने कहा कि परियोजना का क्षेत्र विस्तार करने के लिए एक नया इंटेक वेल और एक रिर्जव वायर बनाना होगा. यह इंटेक वेल सुवर्णरेखा के बीच में बनेगा, ताकि गंदा पेयजल से छुटकारा मिल सके. विधायक श्री राय ने सुझाव दिया कि जमशेदपुर में औद्योगिक और घरेलू उपयोग के लिए अलग सिस्टम बनाया जाए. औद्योगिक उपयोग के लिए जल सीधे नदी से खींचा जाए और घरेलू उपयोग के लिए चांडिल डैम से डिमना लेक में पानी लिया जाए और वहां से मानगो होते हुए पाइप लाइन से जमशेदपुर और मानगो में आपूर्ति की जाए. उन्होंने सतनाला डैम में चांडिल नहर से पानी लाकर पेयजल आपूर्ति का सुझाव दिया.