जमशेदपुर के किसानों को अच्छी बारिश का इंतजार, कड़ी धूप में सूखती जा रही है फसलें

बरसोल के रहने वाले किसान काफी परेशान हैं. यहां के किसानों का कहना है कि बारिश एकदम नहीं हो रही है. बिल्कुल सूखा की स्थिति हो गई है. अब बारिश की कमी से धान की फसल पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं.

By Prabhat Khabar Print Desk | June 24, 2023 3:06 PM

पूर्वी सिंहभूम (बरसोल), गौरब पाल : जुलाई का चौथा सप्ताह चल रहा है और अब तक बहरागोड़ा, बरसोल व आसपास के क्षेत्र के खेतों में धान की रोपाई हो जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा प्रखंड के कई गांव में नहीं हो सका. किसान अभी तक अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे हैं ताकि वह अपने खेतों में धान की रोपाई कर सकें. बरसात न होने की वजह से धान की खेती पिछड़ रही है. धान का कटोरा कहा जाने वाला बहरागोड़ा, बरसोल, कुमारडूबि, गोहोलामुड़ा समेत तमाम गांव में बारिश न होने के चलते किसान परेशान हैं.

क्या कहते हैं किसान

बरसोल के रहने वाले किसान शामल माइटी, प्रदीप दास, मनमोहन दास, प्रबीर बेरा आदि ने कहा कि बारिश एकदम नहीं हो रही है. बिल्कुल सूखा की स्थिति हो गई है. बच्चों को पढ़ाना लिखाना है, कैसे पढ़ाएंगे लिखाएंगे. हम लोग पूरी तरह से धान की खेती पर ही निर्भर हैं. धान की पैदावार अच्छी होती है तो जीवनयापन सही से हो जाता है. अपने बच्चों को पढ़ा-लिखा लेते हैं. अगर जल्द बारिश नहीं हुई तो फसल पर बहुत प्रभाव पड़ेगा. भुखमरी जैसी स्थिति हो जाएगी.

पंप सेट के सहारे खेतों को पटवन कर धान रोपनी करना संभव नहीं

अब बारिश की कमी से धान की फसल पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. यदा-कदा हुई हल्की बारिश से सूखे पड़े खेतों में नमी आते ही खरपतवार से भर गए हैं. जिससे तैयार धान के बिचड़े को रोपाई करने में बारिश नहीं होने से किसानों को और परेशानी बढ़ गई है. किसानों ने बताया कि धान का बिचड़ा तो किसी तरह पंपसेट से पटवन कर बचा लिया जाएगा. लेकिन आने वाले कुछ दिनों में वर्षा नहीं हुआ तो किसानों के सामने गहरा संकट उत्पन्न हो सकता है. ऊंची जगह में पानी नहीं पहुंच पा रही है जिसके कारण बुआई नहीं रही है.

Also Read: झारखंड में इस साल क्यों पड़ रही है इतनी गर्मी, जानिए कारण

इस संबंध में गालूडीहि मौसम विज्ञान केंद्र पर प्लान प्रोटेक्शन के साइंटिस्ट गडरो मार्डी ने बताया कि इस सप्ताह बारिश की संभावना नहीं है. कमोवेश ऐसा ही मौसम बना रहेगा. यथा स्थिति बता रही है फिलहाल अभी इस जगह मानसून कमजोर है. अभी तक बारिश का कोई ब्रॉडकास्टिंग नहीं है. हम लोग बीएयु से जानकारी लेकर ही बताते हैं. बीते शुक्रवार को 10 एमएम का बारिश दिखा रहा था लेकिन उसी हिसाब से बारिश नहीं हुई. पता है कि बड़ी दिक्कत हो रही है. लेकिन प्रकृति के ऊपर तो कुछ कहा नहीं जा सकता. खेती-बाड़ी में डायरेक्ट इसका का प्रभाव पड़ रहा है. जो लोग बिछड़ा गिरा दिए हैं. उन लोगों का बिछड़ा मरने लगा है. समय के हिसाब से तो अभी पार होते जा रहा है.

Also Read: जुगसलाई के दो युवक करोड़ों की ठगी के मामले में गिरफ्तार, घर से नकदी समेत लाखों रुपये के गहने बरामद

Next Article

Exit mobile version