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Jamshedpur news. शहर में 10 दिनों में 500 से अधिक की मौत

कार्डियक मरीजों पर भारी पड़ रही सर्दी, श्मशान घाट व कब्रिस्तान से आ रही रिपोर्ट डरावनी, हर दिन 45-50 शवों का हो रहा है अंतिम संस्कार व सुपुर्द-ए-खाक

Jamshedpur news.

शहर के श्मशान घाट व कब्रिस्तान से डरावनी रिपोर्ट मिल रही है. रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 10 दिनों में 500 से अधिक शवों का अंतिम संस्कार किया गया है. इसमें ज्यादातर वैसे लोगों की मौत हुई है, जो हार्ट, ब्लड प्रेशर, अर्थराइटिस, शूगर व अस्थमा की बीमारी से पीड़ित होने के साथ ही उम्रदराज थे. ठंड बढ़ने से उनकी बीमारी ने ऐसे उम्रदराज लोगों को मौत की नींद सुला दी.

जानकारी के अनुसार जनवरी की शुरूआत में कनकनी और बढ़ने के साथ ही हार्ट, ब्लड प्रेशर, अर्थराइटिस, शूगर व अस्थमा रोगियों की तकलीफें बढ़ रही हैं. शहर के प्रमुख अस्पतालाें में कार्डियोलॉजी विभाग में हार्ट संबंधी रोगियों को समय पर बेड भी नहीं मिल पा रहे हैं. जमशेदपुर में आलम यह है कि हर दिन 45-50 मौतें हो रही हैं. इनमें 20- 25 मौतों की वजह हार्ट अटैक बतायी जा रही है. भुइयांडीह, पार्वती घाट, साकची, आजादनगर, जवाहरनगर व बेल्डीह कब्रिस्तान में ठंड के मौसम में अंतिम संस्कार के लिए आनेवाले पार्थिव शवाें की संख्या में वृद्धि हो गयी है. आम दिनों में यह संख्या 18-20 तक ही रहती थी. श्मशान घाट में इलेक्ट्रिक फर्नेस के अलावा लोग लंबी लाइन से हटकर अंत्येष्टि के लिए लकड़ियाें का भी सहारा ले रहे हैं. वहीं कब्रिस्तानाें में तकियादार लगातार एक दिन में तीन कब्र खाेद रहे हैं. ठंड के कारण पिछले 10 दिनों में श्मशान घाट पर लगभग 500 से भी अधिक शवों का दाह संस्कार व सुपुर्द-ए-खाक किया जा चुका है. ठंड के इस मौसम में प्रतिदिन श्मशान घाट 45 से 50 शव जलाये जा रहे हैं. श्मशान घाट कार्यालय के कर्मचारियों ने बताया कि जब से ठंड बढ़ी है, तब से अधिक शव पहुंच रहे हैं, जिनमें मरने वालों की उम्र लगभग 75 से ऊपर की है.

श्मशान घाट-कब्रिस्तान में लग रही है कतारभुइयांडीह सुवर्णरेखा घाट, बिष्टुपुर पार्वती घाट, साकची कब्रिस्तान, जाकिरनगर कब्रिस्तान, जवाहरनगर कब्रिस्तान, बारीनगर कब्रिस्तान, कैरेज कॉलाेनी कब्रिस्तान, जुगसलाई कब्रिस्तान, बेल्डीह कब्रिस्तान, बाबूडीह कब्रिस्तान, जसकंडी कब्रिस्तान में शवों की कतार लग रही हैं.

बरते सावधानियांरोगी रात को तीन परतों में गर्म कपड़े पहनें. ब्लडप्रेशर और हृदय रोगी देर रात की पार्टियों में न जायें. गर्म कमरे से अचानक सर्दी में बाहर न निकलें. सीने में भारीपन महसूस हो, तो फौरन ब्लडप्रेशर चेक करायें. हृदय रोगी रात में एस्प्रिन की टेबलेट लें. तड़के और रात में बाहर न निकलें. गुर्दा रोगियों को छोड़कर सभी दिन में तीन लीटर पानी अवश्य पीयें. अस्थमा, सांस की एलर्जी और ब्लडप्रेशर की मरीज दवाओं की डोज एडजस्ट करायें. हृदय रोगी ठंडा पानी न पिएं, ताजा या हल्का गुनगुना पानी लें. साथ ही ताजा और सादा खाना खायें. मसालेदार भोजन से परहेज करें, सोने के पहले तनाव मुक्त हो जायें. मरीज कान, नाक, पैर गर्म कपड़े से ढंके रहें. बीपी की जांच और दवा की डोज दुरुस्त कराते रहें. सांस के मरीज सूर्यास्त के बाद बाहर न निकलें.

डॉ संतोष गुप्ता, कॉर्डियोलॉजी

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