सरसों साग शहर के बाजारों में 10 रुपये बंडल मिल जायेगा. सरसों के साग में विटामिन ए, सी, बी, मिनरल, प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स भी होते हैं. यह हमें हृदय रोग से बचाता है.
पौधों में सहजन या मोंगिया के पत्ते, फूल, फल और जड़ तक को औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. मधुमेह, हृदय रोग, एनिमिया, गठिया, लीवर, सांस, त्वचा और पाचन संबंधी परेशानी में यह लाभदायक है.
मेथी साग में विटामिन C, नियासिन, पोटैशियम, आयरन, मैग्नीशियम, सोडियम, जिंक, कॉपर आदि पाये जाते हैं, जो हमारे शरीर के लिए काफी जरूरी है. मेथी का साग अपच, हाई बीबी जैसे समस्याओं में काफी फायदेमंद है.
चौलाई साग में पाये जाने वाले कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन ए और आयरन शरीर में विटामिन की कमी को दूर करते हैं. पेट के रोगों से लड़ने से लेकर यह त्वचा विकार, बालों की समस्याओं में कारगर है.
पोई साग में कैल्शियम, आयरन और फाइबर जैसे पोषक तत्व पाये जाते हैं. जिन लोगों के शरीर में आयरन की कमी है, उनको इसका सेवन जरूर करना चाहिए. इसमें मौजूद मैग्निश्यिम और कैल्शियम हड्डियों के लिए फायदेमंद है. इसका फाइबर पाचन तंत्र के लिए काफी अच्छा होता है.
यह साग कब्ज, भूख कम लगना, खाना देर से पचना जैसी समस्याओं को दूर करता है. बथुआ का साग बच्चे कुछ दिनों तक खिलाने से कृमि के कीड़े मर जाते हैं. बथुआ का जूस पीने से चर्म रोग में राहत मिलती है.
चने के साग में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, पानी, फाइबर, कैल्शियम, आयरन व विटामिन पाये जाते हैं. यह स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक है. किसी को अगर कब्ज की समस्या है, तो यह रामबाण का काम करता है.
लाल साग विटामिन A, C व K का बड़ा स्रोत है. इसमें फोलेट, राइबोफ्लेविन और कैल्शियम के गुण होते हैं. आखों की रोशनी, बालों व शुगर की समस्या में लाभदायक है. कैंसर सेल से लड़ने में मदद करता है.
पालक में पोटेशियम, आयरन, विटामिन्स, मिनरल्स और फाइट्रो न्यूट्रीएंट्स पाये जाते हैं. यह हमारे शरीर में खून और पानी की कमी को दूर करता है. पालक वजन कम करने में भी काफी फायदेमंद है.