बुजुर्ग मां को तीन बेटों ने घर से निकाल असहाय छोड़ा, सीजीपीसी ने दिया आश्रय
सीजीपीसी जल्द ही इस तरह के मामले देखने के लिए एक उप-कमेटी का गठन करेगी
प्रमुख संवाददाता, जमशेदपुर
एक बुजुर्ग मां को उसके तीन बेटों ने घर से यह कहते हुए निकाल दिया कि वे उसका भरण पोषण नहीं कर पायेंगे. बुजुर्ग मां दर-दर की ठोकरें खाने को विवश हो गयी. सीजीपीसी ने सामाजिक कर्तव्य का निर्वहन करते हुए बुजुर्ग महिला को साकची महिला छात्रावास में आश्रय दिया.सीजीपीसी के प्रधान भगवान सिंह और चेयरमैन शैलेंदर सिंह मामले की गंभीरता को देखते हुए दोषी पुत्रों पर जिला प्रशासन की मदद से उन पर कार्रवाई करने ने बात कही. पदाधिकारी द्वय ने कहा कि सीजीपीसी जल्द ही इस तरह के मामले देखने के लिए एक उप-कमेटी का गठन करेगी. उन्होंने बताया कि जुलाई माह में कमलजीत कौर (75) सिख बुजुर्ग महिला है, जिसे उनके पुत्रों द्वारा साकची स्थित ठाकुर बाड़ी के पास मंदिर में असहाय छोड़कर चले गये थे. बुजुर्ग महिला ने बताया कि उनके बड़े पुत्र बिट्टू सिंह ने बिलासपुर से उन्हें ट्रेन में बैठाकर जमशेदपुर में रहने वाले छोटे भाई विवेक सिंह मिंटे के पास भेज दिया. विवेक ने माता को घर ले जाने से इनकार करते हुए साकची ठाकुरबाड़ी मंदिर में छोड़ दिया. दो दिनों बाद इसकी जानकारी साकची थाना प्रभारी को मिली. वे स्वयं मंदिर में जाकर माता से मिले. थाना प्रभारी सीजीपीसी से इस मामले में संज्ञान लेने को कहा. इसके बाद बुजुर्ग महिला को छात्रावास में जगह दी गयी. सीजीपीसी द्वारा उनके तीन पुत्र दिल्ली निवासी टीटू सिंह, बिट्टू सिंह और विवेक सिंह मिंटे व उनके रिश्तेदारों से भी संपर्क किया, सभी ने माता को साथ रखने से इनकार कर दिया.तीनों पुत्रों का सामाजिक बहिष्कार का निर्णय
इधर सीजीपीसी ने बैठक बुलाकर तीनों पुत्रों का सामाजिक बहिष्कार का निर्णय लिया. कहा गया है कि तीनों के साथ समाज के लोग किसी प्रकार का कोई भी सरोकार नहीं रखें तथा खास तौर से उनके रिश्तेदारों से अनुरोध किया गया कि उनके किसी भी कार्यक्रमों में न बुलायें न खुद शामिल हों.
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