जमशेदपुर में देश के पहले हाइड्रोजन ईंधन उद्योग की स्थापना के लिए एमओयू आज, 354 करोड़ रुपये का होगा निवेश
जमशेदपुर में बनने वाले हाइड्रोजन ईंधन के प्लांट से पूरे देश को फायदा होगा. ईंधन से जुड़े उद्योग की प्रस्तावित क्षमता 4000 प्लस हाइड्रोजन आइसी इंजन, फ्यूल एग्नोस्टिक इंजन व 10,000 प्लस बैटरी सिस्टम है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल पर जमशेदपुर में देश की पहली हाइड्रोजन ईंधन से जुड़े उद्योग की स्थापना के लिए शुक्रवार को एमओयू किया जायेगा. मुख्यमंत्री की उपस्थिति में उद्योग विभाग और टीसीपीएल ग्रीन एनर्जी सॉल्यूशन प्रालि (टीजीइएसपीएल) के बीच 354.28 करोड़ रुपये के निवेश से संबंधित एमओयू पर हस्ताक्षर किया जायेगा. एमओयू से जमशेदपुर में देश के पहले हाइड्रोजन ईंधन से जुड़े उद्योग की स्थापना का मार्ग प्रशस्त होगा.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 28 जुलाई को मेसर्स टाटा मोटर्स व मेसर्स कमिंस इंक, यूएसए के संयुक्त उपक्रम टीजीइएसपीएल द्वारा जमशेदपुर में हाइड्रोजन इंटरनल कोंबुशटेशन इंजन, फ्लाइट एग्नोस्टिक इंजन, एडवांस कैमिस्ट्री बैटरी, एचटू फ्यूल सेल व एचटू फ्यूल डिलीवरी सिस्टम निर्माण ईकाई की स्थापना के लिए टीजीइएसपीएल व राज्य सरकार के उद्योग विभाग के बीच एमओयू की स्वीकृति प्रदान की थी.
पूरे देश को होगा फायदा
जमशेदपुर में बनने वाले हाइड्रोजन ईंधन के प्लांट से पूरे देश को फायदा होगा. ईंधन से जुड़े उद्योग की प्रस्तावित क्षमता 4000 प्लस हाइड्रोजन आइसी इंजन, फ्यूल एग्नोस्टिक इंजन व 10,000 प्लस बैटरी सिस्टम है. इस कार्य में हाइड्रोजन इंजन बनाने की नवीनतम तकनीक का उपयोग किया जायेगा. हाइड्रोजन की क्षमता अन्य ईंधनों की अपेक्षा अधिक होती है. अन्य ईंधन से सस्ता व हल्का होने के अलावा हाइड्रोजन ईंधन का एनर्जी लेबल भी ज्यादा होता है. हाइड्रोजन ईंधन से प्रदूषण को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है. इसे पेट्रोल-डीजल का बेहतर विकल्प माना जा रहा है.